हार्ले डेविडसन बाइक के लिए 'Wickedride' पर आएं और किराये पर ले जाएं
बैंगलोर में रहने वाले तीय मित्रों ने शुरू किया किराये पर बाइक देने का कारोबारप्रतिदिन या प्रति घंटे के हिसाब से बाइकों के शौकीन किराये पर ले सकते हैं हाईस्पीड बाइकबाइक की ईएमआई कम करने के लिये विमर्श के दौरान आया किराये पर देने का विचारफिलहाल सिर्फ बैंगलोर में उपलब्ध है सेवा, जल्द ही अन्य शहरों में विस्तार की है योजना
अपने शहर के आसपास की अपनी कितनी सप्ताहांत यात्राओं के दौरान आपको एक मोटरसाइकिल की आवश्यकता बड़ी शिद्दत के साथ महसूस हुई है? अगर हम गोवा की बात करें तो वहां पर आप एक दिन के लिये भी किराये पर बाइक ले सकते हैं और अपनी सुविधा के मुताबिक गोवा के खुबसूरत समुद्र तटों का आनंद उठा सकते हैं। लेकिन बैंगलोर जैसी जगह में सप्ताहांत की छुट्टियों के दौरान इस प्रकार की किसी भी यात्रा का आनंद लेने के बारे में सोचना भी एक बेहद मुश्किल काम है।
विवेकानंद, वरुण और अनिल को भी लगभग प्रत्येक सप्ताहांत इसी समस्या से दो-चार होना पड़ता था। एक बाइक का मालिक होना उन्हें एक अच्छा विकल्प लगता था लेकिन शहर में यातायात की बिगड़ती स्थिति उन्हें इस विचार को पीछे छोड़ने के लिये मजबूर कर देती थी। कैसा रहे अगर आप एक दिन के लिये बाइक किराये पर लेकर पूरे दिन उसके सफर का आनंद लें और शाम को सकुशल बिना किसी दबाव के वापस अपने घर आ सकें?
‘‘हम तीनों ही,’’ विवेकानंद कहते हैं, ‘‘दुनिया के अधिकतर पुरुषों की तरह बाइकों की सवारी के प्रति दीवाने हैं। हम हमेशा से ही हार्ले डेविडसन, ट्रायम्फ और बीएमडब्लू जैसी बाइकों की सवारी के सपने देखते हुए बड़े हुए हैं और इन बाइकों में किसी की भी एक झलक सामने आते ही हमारे मुंह से लार टपकने वाली स्थिति हो जाती थी।’’
ये लोग हमेशा से ही आपस में कुछ नया करने के बारे में विचार करते रहते थे ओर एक दिन विचार-विमर्श की इसी श्रृंखला में श्ॅपबामक त्पकमश् की परिकल्पना सामने आई। हालांकि ये सभी पहले से ही व्यापार संबंधित साॅफ्टवेयर और मोबाइल एप्लीकेशन के विकास के क्षेत्र में सफलतापूर्वक काम कर रहे थे लेकिन बाइकों के प्रति जुनून ने बाकी सब चीजों को पीछे धकेल दिया।
‘‘एक दिन हम लोग अपनी सूची में शामिल एक विचार पर कुछ चर्चा कर रहे थे और अचानक हमने एक सुंदर, शक्तिशाली और अच्छी बाइक खरीदने के लिये कुछ पैसा इकट्ठा करने की ठानी। बाजार का रुख करने पर हमें मालूम हुआ कि हमारी पसंद की बाइक की ईएमआई बहुत अधिक होगी और तभी हमने अपने पास मौजूद नकदी के प्रवाह को कम करने और ईएमआई के एक निश्चित भाग को पूरा करने के लिये बाइक को दूसरों के साथ साझा करने या फिर उसे किराये पर देने का फैसला किया। बस यहीं से लक्ज़री बाइकों को किराये पर देने वाली एक कंपनी को शुरू करने का विचार इन तीनों के मन में आया ओर फिर हमने अपने व्यापार के इस विशेष माॅडल पर कुछ प्रारंभिक शोध करने के बाद एक नमूने के तौर पर इसका प्रारंभ किया।’’
‘‘अपने इस सर्वेक्षण के दौरान हमने भारतीय वातावरण में इस काम को करने के पक्ष और विपक्ष के बारे में जानने के अलावा यह भी समझने का प्रयास किया कि एक निश्चित समय के भीतर हमारा बेड़ा कैसा होना चाहिये और सर्वेक्षण के नतीजों ने हमें आगे बढ़ने के लिये जरूरी आत्मविश्वास प्रदान किया।’’
प्रारंभ के कुछ महीनों में तो इस टीम ने बाजार में मौजूद विकल्पों और साधनों को समझने का प्रयास किया। इसके अलावा उन्हें ऐसी बेड़े संबंधित सेवाओं से संबंधित भारत सरकार ने विभिन्न नियमों और कानूनों को समझने के लिये भी अपना काफी समय लगाना पड़ा। इस उद्यम को शुरू करने के जोखिम भरे निर्णय को लेने के बारे में बताते हुए विवेकानंद कहते हैं, ‘‘हमारे दोस्तों ओर परिवार द्वारा व्यक्त किये गए विश्वास और समर्थन की बदोलत ही ‘विकेड राइड’ का अस्तित्व है।’’
संक्षेम में यह थी ‘विकेड राइड’ के उद्भव की कहानी। यह एक सदस्यता आधारित स्थानीय स्वयं-चलित सेवा है जिसमें आपको प्रति घंटा या दैनिक आधार पर किराये पर बाइक लेने की सुविधा उपलब्ध है और फिलहाल यह सिर्फ बैंगलोर में ही उपलब्ध है।
इनकी पहली बाइक कॉन्टिनेंटल जीटी कैफे रेसर थी जिसने 3 अप्रैल 2014 को ‘विकेड राइड’ की शोभा बढ़ाई थी। इसके बाद से ये लोग हार्ले डेविडसन आयरन 883, सुपर लो 883, स्ट्रीट 750, रॉयल एनफील्ड क्लासिक क्रोम, डेजर्ट स्टॉर्म, थंडरबर्ड जैसी सुपरबाइकों को अपने बेड़े में शामिल कर चुके हैं।
विवेकानंद कहते हैं, ‘‘जल्द ही हम इंडियन स्काउट और बीएमडब्लू को भी अपने बेड़े में शामिल करने वाले हैं।’’
अपने सवारों की सुरक्षा भी एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसकी तरफ इन लोगो को ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इस बारे में बात करते हुए विवेकानंद बताते हैं, ‘‘हम जोर देते हुए अपने उपभोक्ताओं को बाइक की सवारी के दौरान पहने जाने वाले कपड़ों जिनमें मुख्य रूप से सिर की सुरक्षा के लिये हेलमेट, सुरक्षात्मक जैकेट और क्नीपैड शामिल हैं इत्यादि के इस्तेमाल और महत्व को लेकर शिक्षित करते रहते हैं। इसके अलावा हम अपने हर उपभोक्ता को सवारी से पहले बाइक के बारे में पूरा डेमो भी देते हैं। यहां तक कि जब उपभोक्ता बुकिंग के लिये हमसे संपर्क करते हैं तो हमारी कोशिश उसी समय उनके बाइकिंग के पिछले अनुभवों के बारे में जानने के अलावा उनकी लंबाई, उनहें बाइक से कहा जाना है इत्यादि की जानकारी लेने के बाद उन्हें अपने सुझाव भी देते हैं। अगर हमें महसूस होता है कि किसी के पास बाइक चलाने के अनुभव की कमी है तो हम उसे अपने बेड़े में मौजूद निचले संस्करण की बाइक चलाने की राय देते हैं ताकि वह पहले इनका आदी होकर बाद में हाईस्पीड बाइकों को संभालने के लायक हो जाए। इसके अलावा हम उनसे अपने परिसर के भीतर ही कुछ चक्कर भी लगवाते हैं ताकि हम उनके सवारी करने और बाइक को संभालने के कौशल को लेकर आश्वस्त हो सकें।’’
ग्राहकों की बढ़ती हुई जरूरतों को पूरा करने के क्रम में अब यह लोग बाइकिंग परिधानों और सवारी से संबंधित अन्य उपकरणों की बिक्री में भी अपने हाथ आजमा रहे हैं। लेकिन फिलहाल इनकी तात्कालिक योजना फ्रेंचाइज़ी माॅडल की तरफ रुख करने की है।
बाइकिंग के शौकीन हर व्यक्ति को सुपरबाइकों की सवारी का अनुभव करवाने के इरादे से काम शुरू करने वाली इस टीम को अभी क लंबा सफर तय करना है। सुपरबाइकों के प्रति लोगों के इस जुनून को और हवा देने के लिये अब यह टीम विभिन्न अभियानों का आयोजन भी शुरू करने वाली है। यह लोग अब कई एकड़ में फैले काॅफी के बागानों के बीच एक अविश्वसनीय रूप से शांत और सुंदर, हासन में स्थित एक हिल स्टेशन सक्लेशपुर में एक बाइकर कैफे तैयार करने की योजना पर भी काम कर रहे हैं।
विवेकानंद कहते हैं, ‘‘इसके अलावा हम महिलाओं के लिये निःशुल्क बाइकिंग कक्षाओं का भी आयोजन कर रहे हैं। हम महिलाओं के बीच बाइकिंग की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये ऐसा कर रहे हैं। इस तरह से यह अपरोक्ष रूप से हमें ‘विकेड राइड’ के लिये और अधिक उपभोक्ता बनाने में भी मदद करता है।’’
फिलहाल ‘विकेउ राइड’ इन प्रशिक्षण सत्रों के लिये कोई शुल्क नहीं लेते हैं और इन्हें अपनी इस पहले के लिये प्रदेशभर में मौजूद बाइकिंग की शौकीन महिलाओं से अपार समर्थन मिल रहा है।
आज के समय में जब कई स्टार्टअप लोगों को किराये के वाहन से उनको खुद के वाहन का स्वामी बनाने की कोशिशों में लगे हैं ऐसे में लोगों को किराये पर बाइक लेने-देने वाला व्यापार का यह माॅडल निश्चित ही बेहद रोमांचक है। निश्चित ही इस बाजार में एक गहरी खाई है और ‘विकेड राइड’ उसे भरने का प्रयास कर रही है लेकिन उनके संचालन और सेवा के अनुभव ही उनके भकिष्य का फैसला करेंगे।
हाल-फिलहाल तक तो सोशल मीडिया और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक मौखिक रूप से की जाने वाली तारीफ ही ‘विकेड राइड’ के पक्ष में काम करती दिख रही है।
‘‘हम मार्केटिंग के पारंपरिक तौर-तरीकों पर भी विश्वास रखते हैं। हम सड़क पर बाइक चलाते हुए मिलने वाले लगभग हर दूसरे व्यक्ति से बातचीत करने के प्रयास करते हैं और उनके कानों में ‘‘अब आप बैंगलोर में भी हार्ले डेविडसन किराये पर ले सकते हैं’’ फूंककर आगे बढ़ जाते हैं। लोग हमारे संपर्क नंबरों को सेव कर लेते और बाद में यह जानने के लिये कि हम सही कह रहे थे या वास्तव में यह एक व्यापार है हमें फोन करते हैं। कई बार ऐसा हुआ है कि हमारे पास फोन आये हैं और सामने वाले ने पूछा है कि क्या हम वास्तव में मौजूद हैं क्योंकि उन्हें भरोसा ही नहीं होता कि इस कोई इस तरह का काम करने की सोच भी सकता है।’’
अब देश के अन्य शहरों में अपने इस व्यापार माॅडल की सफलतापूर्वक नकल करना इनकी सबसे बड़ी चुनौती है। अभ्री इनके सामने एक लंबी लेकिन रोमाचक यात्रा है।