छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी सुविधा “नंबरमॉल”
फरवरी, 2012 में शुरू हुआ “नंबरमॉल”10 लाख रुपये से की शुरूआतहैदराबाद से चल रहा है “नंबरमॉल”“नंबरमॉल” को मिला 5 करोड़ रुपये का निवेश120 करोड़ रुपये का है वार्षिक कारोबार
अक्सर लोग अपने मोबाइल को रिचार्ज करने के लिए पड़ोस की किसी दुकान की ओर रूख करते हैं जहां पर वो पैसे देकर अपनी सुविधा के मुताबिक मोबाइल रिचार्ज कराते हैं। लेकिन असली दिक्कत आती है उस दुकानदार को जो विभिन्न कंपनियों के मोबाइल फोन रिचार्ज करने की सुविधा देता है। उसके लिए पूरे दिन में अलग अलग कंपनियों के रिचार्ज की जानकारी जुटाना किसी बुरे सपने से कम नहीं होता है। ऐसे छोटे दुकानदारों की मुश्किल को आसान करने का बीड़ा उठाया किरण गली ने। जो “नंबरमॉल” के संस्थापक हैं। उन्होने प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म की मदद से मोबाइल बिल का भुगतान, रिचार्ज, मनी ट्रांसफर और दूसरी सेवाओं को आसान बनाया।
तकनीक की मदद से उन्होने ‘नंबरमॉल’ की शुरूआत की। ताकि वो सभी छोटे व्यापारियों को ई-कामर्स के माध्य से जोड़ सकें। फरवरी, 2012 में उन्होने इस काम की शुरूआत की और इस काम के लिए उन्होने अपनी निजी बचत में से 10 लाख रुपये लगा दिये। हैदराबाद स्थित ‘नंबरमॉल’ ऐसा पहला ऐप है जो सभी भुगतान के लिए एक ही प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करता है। इसकी मदद से मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज, डाटा कार्ड रिचार्ज, पोस्ट पेड बिल का भुगतान और बस टिकट खरीदे जा सकते हैं।
कंपनी के संस्थापक किरण का कहना है कि वो पहले हैं जिन्होने बी2बी ई-कामर्स तैयार किया है, जो सिर्फ किराना स्टोर के लिए है। जहां पर कोई भी स्थानीय व्यापारी इनके प्लेटाफॉर्म का इस्तेमाल कर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकता है। अब तक ये लोग 50 से ज्यादा आपूर्तिकर्ताओं से समझौता कर चुके हैं। जबकि इस क्षेत्र में दूसरे खिलाड़ी अपने टर्मिनल और एसएमएस तकनीक का सहारा लेते हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश में करीब 14 मिलियन छोटे खुदरा व्यापारी है और ये बाजार करीब 600 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है।
ज्यादातर भारतीय ऑनलाइन शापिंग नहीं करते इस वजह से वो ई-कामर्स में मिलने वाले फायदे नहीं उठा पाते। छोटे स्थानीय व्यापारियों के जरिये ई-कामर्स नया उभरता हुआ क्षेत्र है और इस क्षेत्र में कुछ चुनिंदा खिलाड़ी ही मौजूद हैं। जैसे स्टोर किंग और आईपे। किरण का मानना है कि देश में ज्यादातर लोग किरना स्टोर पर ज्यादा विश्वास करते हैं और उनके साथ ही वो नकदी का लेन देन भी करते हैं। यही वजह है कि ज्यादातर स्टार्टअप ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और वो बंद हो गए। यही वजह है कि नंबरमॉल ने ना सिर्फ भुगतान के जरिये ग्राहकों को लुभाने की कोशिश की बल्कि उन्होने अपने उत्पाद ऑनलाइन ही ग्राहकों को बेचे। यही वजह है कि आज नंबरमॉल विक्रेता, सर्विस प्रोवाइडर, व्यापारी और ग्राहक को एक दूसरे साथ जोड़ता है। आज कोई भी कहीं भी बैठ कर अपने बिलों का भुगतान कर सकता है, मोबाइल फोन रिचार्ज कर सकता है।
“नंबरमॉल” के संस्थापक किरण का लक्ष्य ऐसे ग्राहक हैं जो स्थानीय स्टोर में नकदी के जरिये लेन देन पर ज्यादा विश्वास रखते हैं। तो वही रिटेलर इस बात को लेकर खुश हैं कि उनको ग्राहकों को विभिन्न तरह की सेवाएं देने के लिए इस प्लेटफॉर्म में ज्यादा हिसाब किताब नहीं लगाना पड़ता। किरण का कहना है कि नंबरमॉल व्यापारियों के नेटवर्क में एक खास पहचान रखता है जो अपने ग्राहकों को कई तरह की सेवाएं देता है। बदले में वो विक्रेताओं से मार्केटिंग की फीस लेता है। ये उद्यम तेजी से बढ़ रहा है हालांकि जरूरत अब भी 14 मिलियन छोटे व्यापारियों को अपने साथ जोड़ने की है। यही वजह है कि कई निवेशकों ने नंबरमॉल में अपनी दिलचस्पी दिखाई। इस साल जनवरी में एसआरआई कैपिटल ने नंबरमॉल में करीब 5 करोड़ रुपये का निवेश किया है। जिसका इस्तेमाल नये व्यापारियों को अपने साथ जोड़ने, पेशेवर टीम बनाने और तकनीक के विकास पर किया जा रहा है।
किरण का दावा है कि उनका वार्षिक कारोबार करीब 120 करोड़ रुपये का है और ये महिने दर महीने 10 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहा है। जबकि कंपनी ने अपने कारोबार का लक्ष्य हर महीने 25 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ाने का रखा है। ई-कामर्स के माध्यम से किराना फिलहाल शुरूआती स्तर पर है। इसलिए प्रतियोगिता सीमित है। लेकिन कुछ सालों में इस क्षेत्र में जबरदस्त प्रतियोगिता देखने को मिल सकती है। इस क्षेत्र में कई चुनौतियां भी हैं जैसे अपना नेटवर्क बनाना, ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की सुस्त रफ्तार इस काम को आगे बढ़ाने में बड़ी चुनौती है। फिलहाल नंबरमॉल 2जी नेटवर्क में आसानी से काम करने का दावा करता है।