संभल कर खायें जंक फूड! हो सकती है पथरी

तेज़ रफ्तार से भागती ज़िंदगी में जंक फूड पहली पसंद बनता जा रहा। वीकेंड तो पिज्ज़ा और बर्गर के साथ ही गुज़रता है, लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी पसंद आपके नन्हें-मुन्नों में किसी बड़ी बीमारी को जन्म दे रही?

संभल कर खायें जंक फूड! हो सकती है पथरी

Thursday March 30, 2017,

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"आपके साथ-साथ यदि आपका बच्चा भी जंक फूड का शौकीन हो गया है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। चीज़ बर्गर, नूडल्स और ऐसे ही अन्य खाद्य पदार्थों को खाकर बच्चे गुर्दे की पथरी के शिकार हो रहे हैं।"

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बच्चों में गुर्दे की पथरी जैसी बढ़ती बीमारी को लेकर मां-बाप के साथ-साथ चिकित्सक भी हैरत में हैं, क्योंकि गुर्दे की पथरी आमतौर पर वयस्कों की बीमारी है।

बच्चे चिप्स और बर्गर जैसी नमकीन चीज़ों को खाने के बाद पानी नहीं पीते हैं या फिर पानी की जगह पर कोल्ड ड्रिंक लेते हैं। इस तरह की आदत गुर्दे के लिए खतरनाक होती है। स्वास्थ्य के लिए बेहतर है कि कम मात्रा में नमकीन पदार्थ खाने के बाद खूब पानी पीयें। अन्यथा बच्चों में गुर्दे की पथरी होने का खतरा बढ़ जायेगा।

आजकल के बच्चे हर वीकेंड पिज्ज़ा हट, डोमिनोज़, केएफसी या मैक डोनल्ड्स जैसे आउट लेट्स पर जाने का इंतज़ार करते हैं। ये इंटरनेशनल ब्रांड्स ही क्यों, अब तो गली-गली में बड़ी-बड़ी जंक फूड शॉप्स खुल गई हैं, जहां से मनपसंद चीज़ें ले कर खाई जा सकती हैं। ये जो खाने में बहुत स्वादिष्ट लगता है, वयस्कों को तो नुक्सान नहीं करता, लेकिन बच्चों को गंभीर रूप से नुक्सान कर रहा है। इस तरह का जंक फूड बच्चों में गुर्दे की पथरी को जन्म दे रहा है।

गुर्दे की पथरी से पेट में तेज़ दर्द होता है। यह दर्द प्रसव पीड़ा से भी तेज़ होता है। गुर्दा रोग विशेषज्ञों की मानें तो पिछले कुछ सालों से देश भर में गुर्दे की पथरी से पीड़ित बच्चों को अस्पताल लाये जाने के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एशियन इंस्टीट्यूट अॉफ इंडियन साइंसेज़ के एक गुर्दा विशेषज्ञ बताते हैं, कि बच्चों में गुर्दा की पथरी के बढ़ते मामलों के लिए नमकीन खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन जिम्मेदार है।

बहुत अधिक नमक खाने से यूरीन में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे गुर्दे में पथरी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बच्चों में गुर्दे की पथरी के ज्यादातर मामलों पथरी कैल्शियम आधारित होती है। अधिक मात्रा में नमकीन खाद्य पदार्थ खाने और कम पानी पीने के कारण गुर्दे में पथरी होने की आशंका अधिक हो जाती है।

गुड़गांव की पिडियाट्रिक कहती हैं, कि वैसे तो भारत में गुर्दे की पथरी को लेकर कुछ खास तरह के अध्ययन नहीं हुए हैं, लेकिन बच्चों में ये समस्या जितनी तेज़ी से बढ़ रही है, जो कि चिंताजनक है। पिडियाट्रिक अॉनकॉल जर्नल के अनुसार पथरी की समस्या बच्चों में सामान्य नहीं है। भारत में अस्पतालों में भर्ती होने वाले 1000 बच्चों में से एक बच्चा गुर्दे की पथरी से की समस्या से पीड़ित होता है।