अब दुनिया में कहीं भी बैठकर रखिए अपने घर पर नज़र, एक मोबाइल फोन के ज़रिए
एक मोबाइल फोन से करें अपने घर को नियंत्रित...
आईआईटी गुवाहाटी के तीन स्नातक मित्रों - ध्रुव रात्रा, स्वाति व्यास और राहुल भटनागर द्वारा स्थापित किया गया क्यूबिकल लैब्स (Cubical Labs) उपयोगकर्ताओं को एक ऐसी वायरलस होम आॅटोमेशन समाधान उपलब्ध करवाता है जिसे दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर एक मोबाइल उपकरण के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। कंपनी का इरादा मुख्य रूप से ऐसे उत्पादों को तैयार और विकसित करने का है जो लागत की दृष्टि से प्रभावी होने के अलावा सुरक्षित हों और उसके साथ ही ऐसे हों जो मनुष्य के द्वारा की जाने वाली मेहनत को कम करते हुए ऊर्जा के संरक्षण में भी मददगार हों।
क्यूबिकल की नींव काॅलेज की लैब में पड़ी और काॅलेज के शिक्षकों की प्रेरणा ने इन्हें आगे बढ़ने के लिये प्रेरित किया। क्यूबिकल लैब्स के संस्पापकों ने वर्ष 2013 में आईआईटी गुवाहाटी में इसकी नींव रखी और अपना पूरा समय लेते हुए उत्पाद के निर्माण और उसके परीक्षण की प्रक्रिया को पूरा करने में सफल रहे।
ध्रुव कहते हैं, ‘‘होम आॅटोमेशन की तकनीक आपको मोबाइल या फिर लैपटाॅप या टेबलेट जैसी स्मार्ट डिवाइसों के माध्यम से अपने घर पर पूरा नियंत्रण रखने की आजादी प्रदान करवाती है। आप किसी भी लाइट इत्यादि को कम या ज्यादा कर सकते हैं और बिना किसी अतिरिक्त वायरिंग इत्यादि के सिर्फ अपने मोबाइल फोन के माध्यम से म्यूजि़क सिस्टम को भी अपने हिसाब से संचालित कर सकते हैं। इसके अलावा आप इस उत्पाद की सहायता से आईपी कैमरों को भी एकीकृत कर दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपने घर की लाइव फीड का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा ऊर्जा के क्षेत्र में दक्ष होने के अलावा सुरक्षित होने के साथ क्यूबिकल का इरादा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से हमारे जीवन को आसान बनाने का है।’’
क्यूबिल ने कुछ महीनों पहले ही दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में संचालन प्रारंभ किया है और मात्र छः महीनों के छोटे से समय में ही अपनी तीन लोगों की टीम का विस्तार करते हुए इसे 65 तक पहुंचाने में सफलता पाई है। इनकी टीम के 20 प्रतिशत से भी अधिक सदस्य आईआईटी और आईआईएम के स्नातक हैं।
यह टीम कुछ बिल्डरों के साथ चुनिंदा रियल एस्टेट सौदे करने में सफल रही है और बीते दो महीनों से सफलतापूर्वक अपने उत्पादों को बेच रहे हैं। फिलहाल ये ए सीरीज़ की फंडिंग पाने के प्रयास करते हुए देशभर में अपने संचालन का विस्तार करने की योजनाएं बना रहे हैं।
प्रतिस्पर्धा
होम आॅटोमेशन के एक प्रतिस्पर्धा से भरे बाजार में क्यूबिकल लैब्स को श्नाइडर, लीग्रांड, हनीवैल और फिबारो जैसे बड़े नामों से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है।
क्यूबिकल मुख्यतः अपने स्वामित्व वाली प्राॅपराइटरी तकनीक ‘क्यूब-आर’ पर बहुत हद तक निर्भर करते हैं। यह एक उच्च स्तरीय संचार प्रोटोकाॅल है जिसके प्रयोग से रेडियो फ्रीक्वेंसी पर निर्भर रहते हुए पर्सनल एरिया नेटवर्क का निर्माण किया जाता है। टीम के अनुसार क्यूब-आर एक नाॅन-बल्की प्रोटोकाॅल है जो इसे डाटा और कमांड ट्रांसफर की सुस्त प्रक्रिया में तेजी लाने के सक्षम बनाता है जिसके फलस्वरूप इस कंपनी का सिस्टम बाकी कंपनियों की तुलना में अधिक तेज हो जाता है। यह प्रोटोकाॅल 128 बिट एईएस एन्क्रिपशन का प्रयोग करता है। इस एन्क्रिपशन का इस्तेमाल सुरक्षा के मद्देनजर क्रेडिट कार्ड के लेनदेन की प्रक्रिया में किया जाता है।
उपकरणों को सामान्यतः चालू करने या बंद करने, उनकी शेड्यूलिंग करने और उन्हें तेज या धीमा करने के अलावा कंपनी ने अपनी डिवाइस का प्रयोग करने वाले प्रत्येक उपकरण के लिये एक पेटेंट रेगुलेशन फीचर को भी अपनाया है। यह अपने उपयोगकर्ताओं को पंखों की गति को नियंत्रित करने और झूमर या बल्ब या फिर कम और अधिक होने वाली लाइटों को नियंत्रित करने की सुविधा प्रदान करता है और वह भी बिना विविध नियंत्रण उपकरणों और बाहरी डिमर्स की सहायता के। इसके अलावा यह फीचर आईपी आधारित वीडियो कैमरा और कर्टेन मोटर्स की एकीकृत करने की सुविधा भी देती है। सर्विस से संबंधित दिक्कतों से बचने के लिये क्यूबिकल की टीम स्थापना और सर्विसिंग का काम स्वयं ही देखती है जिसमें स्थापना के पहले वर्ष के भीतर ‘बिना कोई सवाल पूछे’ निःशुल्क प्रतिस्थापन की गारंटी की सुविधा भी शामिल है।
क्यूबिकल स्मार्टहोम्स एक स्मार्ट एनर्जी माॅनीटरिंग और मैनेजमेंट प्रणाली से लैस है जो वास्तविक समय के आधार पर ऊर्जा की खपत पर निगरानी रखती है जिसके फलस्वरूप उपयोगकर्ता अपनी खपत को नियंत्रित करते हुए संसाधनों के संरक्षण में महती भूमिका निभा सकता है। इनकी स्मार्ट और बेहद सहज एप्प की मदद से उपयोगकर्ता दैनिक/साप्ताहिक/मासिक/वार्षिक आधार पर औसत ऊर्जा की खपत को रेखांकित करने के अलावा खपत पर नजर रख सकता है और दोषपूर्ण उपकरणों को भी पहचान सकता है।
भारत में होम आॅटोमेशन का बाजार
भारत में होम आॅटोमेशन का बाजार अभी प्रारंभिक अवस्था में है और इसमें विस्तार की असीम संभावनाएं हैं। स्मार्टफोन स्मार्ट घरों का रास्ता खोलते हैं और ऐसे में 130 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता भारत को एक विशाल और संभावनाओं से भरा बाजार बनाते हैं। इसके अलावा रियल एस्टेट के क्षेत्र में आने वाले 5 वर्षों में 7 मिलियन इकाइयों की आवश्यकता, जिनमें से अधिकतर शीर्ष स्तरीय शहरों में उच्च आय वर्ग वालों के लिये रहनी है, के बीच होम आॅटेमेशन से जुड़ा बाजार का परिदृश्य बेहतरीन दिखाई दे रहा है। इसके फलस्वरूप भारत दुनिया के अधिकतर विकासशील देशों की तुलना में अधिक बड़े बाजार के रूप में स्वयं को स्थापित कर रहा है।
चुनौतियां
इसके संस्थापकों का मानना है कि भारत में पारंपरिक होम आॅटोमेशन सिस्टम के प्रवेश और विस्तार में बढ़ी हुई कीमतें, इसकी झंझटों से भरी स्थापना की प्रक्रिया और लोगों के बीच इसे लेकर जागरुकता की कमी सबसे बड़ी बाधाएं हैं।
इनका व्यापार का पूरा माॅडल इस अवधारणा पर आधारित है कि भारतीय बाजार अभी भी स्वयं किये जाने वाले उत्पाद के लिये पूरी तरह से तैयार नहीं है। हालांकि एक साधारण सा दिखने वाले बिजली का काम ही क्यों न हो उसमें निश्चित ही बिजली के तारों से खेलना होगा और ऐसे में ई-काॅमर्स जैसे एक व्यापार माॅडल के बारे में सोचना बेवकूफी भरा फैसला होगा।
इसके अलावा होम आॅटोमेशन अभी बिल्कुल नया उत्पाद है ऐसे में अधिकतर संभावित उपभोक्ता इसके बारे में वास्तविक रूप में बिना सबकुछ जाने इसे सीधे इंटरनेट से खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखाएंगे।
भविष्य में क्यूबिकल का इरादा होम आॅटोमेशन सेवाओं और इस तकनीक को लेकर जागरुकता पैदा करने के लिये अभियान प्रारंभ करने पर भी विचार कर रहे हैं।