भारत की विविधता और बहुलता सू ची के दिल को भा गई
म्यामां की नयी सरकार दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना चाहती है।
भारत की विविधता और बहुलतावाद की सराहना करते हुए म्यामां की दिग्गज नेता आंग सान सू ची ने आज महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू का जिक्र किया और कहा कि लोकतंत्र के लिए संघर्ष में म्यामां के लोगों ने भारत की इन दो महान विभूतियों से काफी प्रेरणा ली । सू ची के नेतृत्व में ही इस वर्ष ऐतिहासिक चुनाव में नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी ने सैन्य जुंटा से सत्ता छीना था।
म्यामां की नयी सरकार दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ बनाना चाहती है और भारत के साथ वर्तमान सहयोग का विस्तार करना चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में अपने प्रेस बयान में सू ची ने कहा, लोकतंत्र के लिए हमारे संघर्ष में हमें महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू के विचारों से काफी मदद मिली । भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की इन दो महान विभूतियों ने अपनी सोच और विचारों से काफी प्रेरणा प्रदान की । मोदी ने सू ची के साथ द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर व्यापक चर्चा की जो इस बात का संकेत है कि वह म्यामां की राजनीति और सरकार में कितना महत्व रखती हैं हालांकि वह स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री हैं।
अपनी भारत यात्रा को सुखद और काफी पूर्णताभरा करार देते हुए सू ची ने कहा कि उनकी यात्रा दोनों देशों के बीच विश्वास और दीर्घकालिक दोस्ती की पुष्टि करता है । उन्होंने कहा कि मोदी के साथ बातचीत के दौरान काफी व्यापक विषयों पर चर्चा हुई ।
सू ची ने कहा, हमारा इरादा और करीबी संबंध बनाना और एक दूसरे पर निर्भरता बढ़ाना है।
सू ची की टिप्पणी को ऐसी आशंकाओं को दूर करने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है कि म्यामां , चीन के करीब जा रहा है और चीन उस देश में काफी निवेश के जरिये प्रभाव बढ़ा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, कि ‘ एक देश के तौर पर हम लोकतांत्रिक संस्कृति को गहराई से जमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम निर्माण, उर्जा, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। ’’ उन्होंने शीर्ष कारोबारियों के साथ बैठक का भी जिक्र किया ।
सू ची: हमें काफी कुछ करना है । हम विकास और राजनीति के क्षेत्र में भारत से पीछे हैं। लेकिन हमें विश्वास है कि हम खोये समय की भरपायी कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि चीजें बदल जाती हैं, जीवन में भी बदलाव आते हैं लेकिन अच्छे मित्रों और प्रतिबद्धता के साथ हमें भरपायी करने की उम्मीद है। अब हमारा मकसद म्यामां और क्षेत्र तथा उससे आगे शांति एवं स्थिरता लाना है। हम दशकों से हमारे देश में शांति लाने का प्रयास कर रहे हैं । हमें उम्मीद है कि अब समय आ गया है कि हम कह सकते हैं कि हमने कामयाबी हासिल की और हम एक संघ की राह पर आगे बढ़ने को हैं।
अंत में उन्होंने कहा, कि इसके लिए हम संघीय स्वरूप के बारे में भारत के अनुभव के प्रति आशान्वित हैं, जिससे कि हम यह बता सकें कि सभी लोगों को प्रक्रिया से कैसे जोड़ा जा सकता है।