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अपनी जेबें काटकर 9 लड़कों ने बदल दी अपने जिले की तस्वीर

अपनी जेबें काटकर 9 लड़कों ने बदल दी अपने जिले की तस्वीर

Wednesday May 17, 2017 , 3 min Read

भारत के पूर्वोत्तर राज्य में हर ओर खूबसूरती छितराई हुई है। श्रीधर पाठक की कश्मीर पर लिखी कविता 'प्रकृति यहां एकांत में बैठी, निज रूप संवारती...' पूर्वोत्तर के सौंदर्य पर भी सही बैठती है। वहां पर भीड़ कम पहुंची है, वहां के पहाड़, झरने, नदियां अनछुए हैं... वहां टूरिज़्म को बढ़ावा मिलने की अपार संभावनाएं हैं और उन्हीं संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कुछ नौजवान लड़के अपनी जेबें काट कर अपने जिले का भला करने के काम में जुट गये हैं...

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मणिपुर के 9 लड़कों ने मिल कर 'चीको एडवेंचर्स' के नाम से खुद का एडवेंचर अॉर्गनाइजेशन बनाया है, जो इंफाल से 84 किलोमीटर दूर मणिपुर के उखरुल जिले में है। इस इस काम को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जेब से पैसा लगाया है।

भारत के पूर्वोत्तर राज्य में हर ओर खूबसूरती बिखरी हुई है। वहां बाकी के इलाकों की तरह आबादी नहीं है। भीड़ भी अभी तक पहुंची नहीं है, जिसके चलते वहां के पहाड़, झरने, नदियां अभी एकांत में जी रहे हैं। ऐसे में वहां टूरिज्म को बढ़ावा मिलने की अपार संभावनाएं हैं। इन्हीं संभावनाओं को पहचाना है वहां के 9 लड़कों ने। मणिपुर के ये युवा दूसरे राज्यों में मंहगी कारपोरेट नौकरियां करते थे, लेकिन मन था कि मानता ही नहीं था और बार-बार अपने घर-गांव की सुंदरता की ओर खींचा चला आता था। एक दिन उन सबने अपनी नौकरियां छोड़ने का मन बना लिया और अपने राज्य की नैसर्गिक सुंदरता को शोहरत दिलाने के लिए वापस चले आये। वहां आकर उन्होंने चीको एडवेंचर्स नाम से खुद का अॉर्गनाइजेशन बनाया, जो इंफाल से 84 किलोमीटर दूर मणिपुर के उखरुल जिले में है। इस काम को अंजाम देने के लिए इन लड़कों ने किसी बैंक से लोन या किसी बड़ी कंपनी से फंडिंग करवाने की बजाय खुद की जेब से पैसा लगाया है।

चीको एडवेंचर की टीम को लगता था, कि उनके इलाके में हर तरफ कई सुंदर जगहें हैं, फिर भी सरकार यहां पर पर्यटन को बढ़ावा नहीं दे रही। ऐसे में उन्होंने इस काम की शुरुआत खुद से की। उनके प्रयास से अब आस-पास के लोगों को भी अपने राज्य की सुंदरता पर नाज होने लगा है और उखरूल के साथ-साथ पास के जिलों में भी टूरिस्ट आने लगे हैं।

अब चीको एडवेंचर के काम की चर्चा दूर-दूर तक है। चीको का मतलब होता है नंबर 9, 9 को वहां बोली जाने वाली तांगखुल भाषा में चीको कहा जाता है। उखरुल के पास रहने वाले तांगखुल लोग इसी भाषा में बात करते हैं। इस टीम का मानना है, कि टूरिस्ट स्पॉट बन जाने से यहां के लोगों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। घूमने आने वालों के लिए होटल, खाना, टूरिस्ट गाइड जैसी तमाम चीजों से मिलने वाले पैसे लोगों को मिलेंगे।

चीको एडवेंचर कैंपिंग, ट्रैकिंग, साइकल रैली, माउंटेन बाइकिंग जैसी कई सारी एक्टिविटीज़ कराता है। ये सारी चीजें टूरिस्ट्स को बहुत लुभाती हैं। चीको के साथ काम कर चुकी 2016 की मिस मणिपुर कहती हैं, कि उनकी टीम बहुत मेहनत से काम करती है और मैं उनके साथ आगे भी जुड़ी रहना चाहती हूं।

इन्हीं सबके साथ ये एडवेंचर टीम अब एक आउटडोर एडवेंचर इवेंट के लिए तैयार है। उखरुल में सालाना जलसा चल रहा है, जिसे शिरुई फेस्टिवल के नाम से जाना जाता है। इसमें चीको एडवेंचर टीम अपनी सुविधाएं देने के लिए मुस्तैद है।

-प्रज्ञा श्रीवास्तव