कर्मचारियों को जोड़े रखने के लिए ‘माता-पिता बनने’ पर लाभ दे रही हैं कंपनियां
अब अधिक से अधिक कंपनियां खुद को जिम्मेदार संगठन दिखाने का प्रयास कर रही हैं। इसके जरिये वे न केवल ग्राहकों को आकर्षित करने का प्रयास कर रही हैं बल्कि कर्मचारियों को कंपनी में रोकने के लिए मातृत्व और पितृत्व से जुड़े लाभ भी दे रही हैं। विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी।
बेंगलुर की कंपनी फ्लिपकार्ट ने अपनी मातृत्व अवकाश नीति को संशोधित कर इस साल जुलाई में इसे 24 सप्ताह कर दिया है। इसके अलावा कई अन्य कंपनियां मसलन मोंडेलेज इंडिया फूड्स :पूर्व में कैडबरी इंडिया:, मुंबई की रीयल एस्टेट कंपनी के रहेजा कार्प, एप आधारित फैशन रिटेलर मिन्त्रा ने नवोन्मेषी चीजें जोड़ते हुए अपनी अभिभाव नीति का पुनर्गठन किया है।
मोंडेलेज इंडिया फूड्स की निदेशक :मानव संसाधन: पी महालक्ष्मी ने कहा, ‘‘हम इस चीज को समझते हैं कि कुछ अतिरिक्त समर्थन कर्मचारियों को नए चरण में जाने के लिए अधिक तैयार करता है। इसी के अनुरूप मौजूदा मातृत्व नीति का पुनर्गठन किया गया है और अप्रैल, 2015 में नई अभिभावक नीति पेश की गई है।’’ ‘नई अभिभावक नीति’ अनिवार्य मातृत्व अवकाश से आगे की है। इसमें इस तथ्य को भी देखा गया है कि पुरुष सहयोगियों को भी इस दौरान जिम्मेदारियां उठानी पड़ती हैं।
इसी तरह के रहेजा कार्प ने ‘एडाप्शन एसिस्टेंस नीति’ पेश की है।
कार्यकारी खोज कंपनी ग्लोबलहंट के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि नई पीढ़ी के कारोबार काफी प्रतिस्पर्धी हैं। ज्यादातर वैश्विक संगठन खुद को न केवल एक जिम्मेदारी प्रतिष्ठान के रूप में दिखाना चाहते हैं बल्कि वे विदेशी ग्राहकों को आकषिर्त करने के साथ कर्मचारियों को कंपनी में रोकना चाहते हैं।