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महंगाई को काबू में रखने प्रधानमंत्री का संकल्प

महंगाई को काबू में रखने प्रधानमंत्री का संकल्प

Tuesday August 16, 2016 , 21 min Read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महंगाई को काबू में रखने का संकल्प जताते हुये आज कहा कि उन्होंने लोक लुभावन उपायों से दूरी रखने का प्रयास किया है। पिछली सरकारें अपनी पहचान बनाने के लिए इस तरह के उपायों को अपनाती रही हैं लेकिन इसका सरकारी खजाने पर बुरा असर पड़ता है।

मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से अपने तीसरे संबोधन में ‘सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ का नारा दिया। उन्होंने कहा कि स्वराज से सुराज की यात्रा को पूरा करने के लिये सरकार को संवेदनशील, जवाबदेह, जिम्मेदार, पारदर्शी और क्षमतावान होना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इस देश में सरकारों की यह परंपरा रही है कि लोकलुभावन घोषणायें करो और अपनी पहचान बनाने के लिये देश के खजाने को खाली कर दो। मैं इस तरह की लोक लुभावन घोषणाओं से दूर रहा हूं।’’ मोदी ने कहा कि वह सरकार के काम की नहीं बल्कि कार्य-संस्कृति की बात कर रहे हैं। उन्होंने प्रमुख अस्पतालों में ऑनलाइन पंजीकरण का उदाहारण दिया। आयकर का रिफंड जल्द मिलने की बात कही। पासपोर्ट डिलीवरी प्रक्रिया में तेजी, कंपनी पंजीकरण में तेजी और सरकारी सेवाओं में समूह-सी और डी के पदों की भर्तियों में साक्षात्कार समाप्त करने के उदाहरण दिये। उन्होंने कहा कि इस तरह के बदलाव देश में लाये जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में सामान और सेवाओं को पहुंचाने के काम में तेजी आई है। ग्रामीण क्षेत्र में सड़क निर्माण पहले जहां 70-75 किलोमीटर प्रतिदिन बन रही थी वहीं अब प्रतिदिन 100 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बन रहीं हैं। सौर और पवन उर्जा दोनों क्षेत्र की परियोजनाओं के निर्माण में भी काफी तेजी आई है। बिजली को जरूरत वाले क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिये पहले जहा 30,000 से 35,000 किलोमीटर पारेषण लाइनें बिछाई जा रही थीं वहीं अब 50,000 किलोमीटर तक इन लाइनों को बिछाया जा रहा है। 

मोदी ने कहा कि पिछले 60 सप्ताह के दौरान देश में रसोई गैस के चार करोड़ कनेक्शन दिये गये जबकि इससे पहले पिछले 60 साल में 14 करोड़ गैस कनेक्शन ही दिये गये। उन्होंने कहा कि जनधन योजना के तहत 21 करोड़ बैंक खाते खोले गये। ग्रामीण इलाकों में दो करोड़ शौचालय बनाये गये और इस कम समय में ही 10,000 गांवों का विद्युतीकरण किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने महंगाई दर को छह प्रतिशत से उपर नहीं जाने दिया जबकि पिछली सरकारों के समय यह 10 प्रतिशत से भी उपर रही है। ‘‘हमने दाम नियंत्रण के लिये भरसक प्रयास किये हैं। मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि गरीब आदमी की थाली महंगी नहीं हो।’’ मोदी ने कहा कि संसद में हाल ही में पारित वस्तु एंव सेवाकर :जीएसटी: विधेयक से आर्थिक वृद्धि के प्रयास मजबूत होंगे और भारतीय अर्थव्यवसथा अधिक भरोसेमंद होगी। जीएसटी विधेयक में केनद्र और राज्य स्तर के सभी अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया जायेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रतीकात्मकता के बजाय वास्तविकता पर ध्यान दे रही है। उनकी सरकार अलग-अलग विकास के बजाय समग्र विकास और अधिकार देने के बजाय सशक्तिकरण पर गौर कर रही है। उन्होंने कहा कि दालों के दाम बढ़ना चिंता की बात है। इस बार दालों की बुआई डेढ गुणा अधिक हुई है। सब्जियों के दाम की महंगाई इससे पहले कमजोर मानसून की वजह से रही है।

मोदी ने डेढ घंटे से अधिक लंबे भाषण में कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये उठाये गये कदमों के बादे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि कृषि खेत्र में मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाये गये हैं, सिंचाई सुविधाओं को बढ़ाया गया है, सौर उर्जा पंप, बीजों, उर्वरक की स्थिति में सुधार लाने के उपाय किये गये और फसल बीमा योजना को बेहतर बनाया गया है।

मोदी ने कहा कि उर्जा की कम खपत वाले एलईडी बल्ब का दाम 350 रुपये से घटाकर 50 रुपये पर लाया गया है। सरकार लंबे समय से अटकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने को प्राथमिकता दे रही है। महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परियोजनाओं को मंजूरी में लगने वाले समय को कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 7.5 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 118 अटकी पड़ी परियोजनाओं को चालू किया जा रहा है और प्रधानमंत्री कार्यालय के स्तर पर इनकी मासिक आधार पर निगरानी की जा रही है। इसके अलावा 10 लाख करोड़ रुपये की 270 परियोजनाओं को जो कि कई सालों से लटकी पड़ी हैं उनकी फिर से चालू करने के लिये पहचान की गई है।

सरकार की तरफ से प्रभावी क्रियान्वयन के बारे में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों के गन्ने के बकाये का भुगतान किया गया। रसोई गैस के नये कनेक्शन दिये गये और एयर इंडिया तथा भारत संचार निगम लिमिटेड जैसे सार्वजनिक उपक्रमों की स्थिति में सुधार लाया गया जो कि अब परिचालन मुनाफा कमा रही हैं।

पारदर्शिता पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि सब्सिडी को उनके सही लक्ष्य तक पहुंचाने के लिये कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि राजकाज के प्रमुख क्षेत्रों में जो प्रगति हुई है अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने उन्हें माना है और उनकी सराहना की है। रोजगार सृजन के क्षेत्र में भी कई पहलें की गई हैं। उन्होंने कहा कि आदर्श दुकान एवं प्रतिष्ठान कानून से अब सप्ताह के सभी दिन दुकानें खुल सकेंगी। इसके अलावा कर्मचारियों के नौकरी और शहर छोडने अथवा बदलने से बिना इस्तेमाल के पड़े 27,000 करोड़ रुपये के सेवानिवृति लाभ को इस्तेमाल में लाया गया है।

जीएसटी से आर्थिक वृद्धि को मिलेगी मजबूती, अर्थव्यवस्था में बढ़ेगा भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आर्थिक वृद्धि के प्रयासों को मजबूती देगा तथा अर्थव्यवस्था में भरोसा बढ़ायेगा। जीएसटी केंद्र और राज्यों द्वारा लगाये जाने वाले विभिन्न अप्रत्यक्ष करों का स्थान लेगा।

मोदी ने देश को दुनिया का सबसे बड़ा एकल बाजार बनाने के लिये एकल एकीकृत मूल्य वर्धित कर व्यवस्था लाने को लेकर हाल में संपन्न संसद के मानसून सत्र में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पारित होने का श्रेय सभी राजनीतिक दलों को दिया। 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘‘हम वृद्धि को तेज करने का प्रयास कर रहे हैं और हाल ही में पारित जीएसटी :विधेयक: इन प्रयासों को और मजबूती प्रदान करेगा तथा अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता बढ़ायेगा।’’ उन्होंने कहा कि इसके लिये सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया जाना चाहिये। मोदी ने कहा कि जीएसटी एक ऐसा कर है जो समान व्यवस्था लाएगा और पूरे देश को एक बाजार में तब्दील करेगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने नियमन एवं कानून में सुधार के लिये जो कदम उठाये हैं और कारोबार करने के संदर्भ में रूख में जो बदलाव किये हैं, उन क्षेत्रों में भारत की वृद्धि की विश्वबैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व आर्थिक मंच तथा क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने सराहना की है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की कारोबार सुगमता पायदान के मामले में तेजी से सुधार हुआ है और भारत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: के लिये एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभरा है। लाजिस्टिक और बुनियादी ढांचा सूचकांक की डब्ल्यूईएफ रैंकिंग में भारत 19 पायदान उपर चढ़ा है।

 कर आतंकवाद समाप्त करने का आश्वासन 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करदाताओं को आज आश्वस्त किया कि वह जिम्मेदारी और जवाबदेही तय उनके मन से कर अधिकारियों की ज्यादती का खौफ दूर करेंगे। मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा, ‘‘मध्यम वर्ग, उच्च मध्यम वर्ग पुलिस से ज्यादा आयकर अधिकारियों से घबराता था। मैंने इस स्थिति को बदला है। मैं इस पर काम कर रहा हूं..।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी इच्छा केवल सरकार द्वारा किये जा रहे काम पर जोर देना नहीं है बल्कि कार्य संस्कृति पर भी है। उन्होंने कहा कि पूर्व में ईमानदार नागरिक रिफंड का दावा करते समय परेशानी महसूस करते थे लेकिन अब पूरी प्रणाली इलेक्ट्रानिक रूप में आ गयी है और रिफंड एक सप्ताह के भीतर बैंक खातों में पहुंच रहा है।

मोदी ने कहा, ‘‘एक समय था जब आम और ईमानदार नागरिक अपना आयकर देते समय दो रपये ज्यादा देते थे ताकि उन्हें आगे कोई समस्या नहीं आये। लेकिन जब धन सरकारी खजाने में आ जाता तब उन्हें उसकी वापसी में अच्छी-खासी मशक्कत करनी पड़ती। उन्हें संपर्कों का इस्तेमाल करना पड़ता और सरकारी खजाने से नागरिकों रिफंड में महीनों लगते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज हम आनलाइन रिफंड की ओर बढ़े हैं। एक सप्ताह, दो सप्ताह या तीन सप्ताह में रिफंड आने शुरू हो जा रहे हैं। यह जवाबदेही और उत्तरदायित्व जैसे उपायों का परिणाम है।’’ चालू वित्त पर्ष में एक अगस्त में 11.91 लाख करदाताओं को 5,000 रपये तक रिफंड वापस किये जा चुके हैं। कुल मिलाकर 244 करोड़ रपये रिफंड किये गये हैं।

कारोबार सुगमता के मामले में भारत की स्थिति बेहतर हुई

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्वबैंक, आईएमएफ, विश्व आर्थिक मंच तथा विभिन्न क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भारत की वृद्धि की सराहना की है। उन्होंने कहा कि देश में नियमों तथा नियमन को आसान बनाने के प्रयास किये गये हैं। मोदी ने कहा कि कारोबार सुगमता के मामले में भारत की स्थिति बेहतर हुई है और एफडीआई :प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: के लिये सर्वाधिक पसंदीदा गंतव्य है। जीडीपी वृद्धि दर के मामले में हमने बड़े देशों को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि लाजिस्टिक और बुनियादी ढांचा सूचकांक में भारत की स्थिति 19 पायदान उपर हुई है। उन्होंने कहा कि कृषि लागत कम करने के लिये सौर उर्जा से चलने वाले वाटर पंप लगाये जा रहे हैं और अबतक 77,000 सौर पंप वितरित किये जा चुके हैं।

मोदी ने जोर देकर कहा कि राजकाज एक निरंतर प्रक्रिया है, पिछली सरकारों की योजनाओं एवं परियोजनाओं की खामियों को दूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कई साल से फंसी पड़ी 7.5 लाख करोड़ रपये की 118 परियोजनाएं फिर से शुरू की गयी हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं मासिक बैठकों के जरिये इन परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रख रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के कार्यकुशलता अभियान से दूरसंचार कंपनी बीएसएनल तथा शिपिंग कारपोरेशन आफ इंडिया फिर से लाभ में आयी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डाकघर को भुगतान बैंक का लाइसेंस देने के लिये कदम उठाया गया है, इससे देश के सभी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार में मदद मिलेगी। मोदी ने कहा कि कतर के साथ दीर्घकालीन गैस आयात को लेकर फिर से बातचीत से देश को 20,000 करोड रपये की बचत करने में मदद मिली है।

आतंकवाद के सामने नहीं झुकेगा भारत, हिंसा का रास्ता छोड़ें युवा :प्रधानमंत्री

आतंकवाद के आगे भारत के नहीं झुकने का पुरज़ोर ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा का रास्ता अपनाने वाले युवाओं से मुख्यधारा में शामिल होने को कहा और यह भी कहा कि बलूचिस्तान तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की जनता पर पाकिस्तान के अत्याचारों का मुद्दा उठाने के लिए इलाके के लोगों ने उनका शुक्रिया अदा किया है।

हालांकि मोदी ने कश्मीर घाटी का कोई जिक्र नहीं किया जहां हिज्बुल आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद हिंसा देखी जा रही है, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान पर आतंकवादियों को महिमामंडित करने और भारत में लोगों के मारे जाने की खुशी मनाने का आरोप लगाया। मोदी ने वानी का नाम नहीं लिया लेकिन जाहिर तौर पर ऐसा बोलकर उन्होंने उसी का जिक्र किया जिसे पाकिस्तान ने शहीद का दर्जा दिया।

कड़ी सुरक्षा के बीच स्वतंत्रता दिवस पर देश के लिए अपने 93 मिनट के संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘लाल किले की प्राचीर से मैं कुछ लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। बलूचिस्तान, गिलगित और पीओके की जनता का। जिस तरह से उन्होंने हाल ही में मुझे शुक्रिया अदा किया, उसके लिए, मेरे प्रति आभार जताने के लिए, तहेदिल से मुझे शुक्रिया अदा करने के उनके तरीके के लिए और अपना सद्भाव मुझ तक पहुंचाने के लिए।’’ पहली बार स्वतंत्रता दिवस के भाषण में किसी प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले अशांत क्षेत्रों का जिक्र किया है। यह बयान दो दिन पहले कश्मीर पर एक सर्वदलीय बैठक में मोदी की टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बलूचिस्तान में और पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के इलाकों में पड़ोसी देश द्वारा किये गये अत्याचारों को उजागर करने का समय आ गया है।

मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि भारत और पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों के संदर्भ में दोनों देशों के व्यवहार को देखें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब पेशावर के एक स्कूल में आतंकी हमले में बच्चे मारे गये थे तो हमारी संसद में आंसू थे। भारतीय बच्चे आतंकित थे। यह हमारी मानवीयता का उदाहरण है लेकिन दूसरी तरफ देखिए जहां आतंकवाद को महिमामंडित किया जाता है।’’ मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद और हिंसा के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने युवाओं से हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का आह्वान किया। उनके इस बयान को कश्मीर के युवाओं के लिए संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसे युवाओं से कहता हूं कि अभी समय है, लौट आइए और मुख्यधारा में शामिल हो जाइए। अपने माता-पिता की आकांक्षाओं को समझिए। शांतिपूर्ण जीवन बिताइए। हिंसा के रास्ते से कभी किसी को कुछ नहीं मिला।’’ अपनी खास पहचान बन गये आधी आस्तीन के कुर्ते और राजस्थानी पगड़ी पहने मोदी ने 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण के अधिकतर हिस्से में अपनी सरकार के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड पेश किया और खासतौर पर अर्थव्यवस्था की गति बढ़ाने में, कारोबार करना सुगम बनाने में और गरीबों तथा किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं में सरकार के कार्यों का ब्योरा पेश किया।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दो घोषणाएं भी कीं। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन 20 प्रतिशत बढ़ाने और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए एक लाख रुपये तक के चिकित्सा खर्च को सरकार द्वारा वहन किये जाने का ऐलान किया।

पिछले कुछ दिनों में दलितों पर अत्याचार के खिलाफ अपनी बात रख चुके मोदी ने कहा कि सामाजिक न्याय पर आधारित मजबूत समाज के बिना मजबूत देश नहीं बन सकता। उन्होंने जातिवाद या छूआछूत जैसी सदियों पुरानी सामाजिक बुराइयों से निपटने के लिए ‘सख्त और संवेदनशील’ रवैये की वकालत की।

सामाजिक समरसता को देश की प्रगति की कुंजी बताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, संत रामानुजाचार्य, बी आर अंबेडकर...हमारे सभी संतों और शिक्षकों ने सामाजिक एकता पर जोर दिया है। जब समाज बंटता है तो साम्राज्य बंटता है। जब समाज स्पृश्य और अस्पृश्य, उंची और नीची जातियों में बंट जाता है तो ऐसा समाज नहीं चल सकता।’’ आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ :सुधार, काम करने और बदलाव: की रणनीति को अपनाने की कोशिश करते हैं वहीं लोक-लुभावन चीजों से बचते हैं। उन्होंने कहा कि स्वशासन से सुशासन की ओर बढ़ना पूरे देश का संकल्प है जिसके लिए बलिदान चाहिए होंगे।

पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि पिछली सरकार आरोपों से घिरी थी जबकि उनकी सरकार अपेक्षाओं से घिरी है। उन्होंने कहा, ‘‘जब उम्मीद आकांक्षाओं को बल देती है तो हमें सुराज की ओर तेजी से बढ़ने की उर्जा मिलती है।’’ प्रधानमंत्री ने कारोबार करना सुगम बनाने में, भ्रष्टाचार से निपटने में, गरीब जनता को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ देने में और किसानों को लाभ पहुंचाने में उनकी सरकार की विभिन्न पहलों का ब्योरा भी दिया।

'कतर-गैस समझौते से 20,000 करोड़ रुपये की बचत'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि कतर के साथ हुये दीर्घकालीन गैस आयात समझौते में कीमत को लेकर नये सिरे से की गई बातचीत के बाद भारत को करीब 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।

भारत का कतर के साथ हर साल 75 लाख टन तरलीकृत प्राकृतिक गैस :एलएनजी: खरीदने का कतर के साथ दीर्घकालिक समझौता है। इसके तहत मूल्य फार्मूला 13 साल पहले तय किया गया था। पिछले साल वैश्विक उर्जा कीमतों में कमी आने के बाद कतर के साथ तय मूल्य फार्मूला काफी उंचा दिखने लगा था।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘‘हम उर्जा और पेट्रोलियम :तेल: पदाथरें की आपूर्ति के लिये काफी कुछ दूसरे देशों पर निर्भर हैं। इसलिये पूर्व निर्धारित दाम पर सुनिश्चित आपूर्ति के लिये इस प्रकार के दीर्घकालीन समझौते किये गये।’’ उन्होंने कहा कि बदलते वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कतर एलएनजी समझौते की कीमत भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा बोझ बन गई। भारत ने कतर के साथ गैस मूल्य के मुद्दे पर फिर से बातचीत करने के लिये विदेश नीति का सहारा लिया।

मोदी ने कहा, ‘‘समझौते के तहत कतर का अधिकार था और हम उसे देने के लिए बाध्य थे, लेकिन हमने कतर को फिर से बातचीत करने के लिये तैयार करने में कामयाब पाई .. हमने ऐसे मुद्दे को संभव बनाया जो असंभव था।’’ उन्होंने कहा कि एलएनजी कीमत कम करने के लिये फिर से बातचीत करने से भारत को 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ कतर 20,000 करोड़ रुपये ( दीर्घकालीन समझौते के तहत) लेने के हकदार थे लेकिन हमारे राजनयिक संबंधों ने मूल्य शर्तों पर फिर से बातचीत को सुनिश्चित किया।’’

कतर की रासगैस भारत को एलएनजी की आपूर्ति 25 साल के दीर्घकालीन अनुबंधन के तहत 2004 से कर रही है। इस समझौते के तहत आयातित एलएनजी की कीमत कच्चे तेल जापानी कस्टम्स क्लीयर्ड क्रूड यानी जेसीसी से जुड़ी थी। इसमें पिछले पांच साल के निचले और उंचे मूल्य सूचकांक औसत की अवधारणा शामिल है। इस आधार पर भारत को जो एलएनजी मिल रही थी वह 2015 में हाजिर या मौजूदा बाजार मूल्य के मुकाबले उंची थी। कतर से एलएनजी खरीदने वाली भारतीय कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी लि. ने समझौते पर फिर से बातचीत की मांग की और कतर की रासगैस कीमत फार्मूले के संशोधन के लिये सहमत हो गयी है। पेट्रोनेट की मांग के अनुसार रासगैस इसे ब्रेंट क्रूड तेल के तीन महीने की औसत दर से जोड़ा जाएगा। मोदी ने हालांकि नये मूल्य फार्मूले से भारत को 20,000 करोड़ रुपये की बचत होने की बात कही है लेकिन पेट्रोलियम मंत्री धमेर्ंद्र प्रधान ने हाल में संसद में बताया कि संशोधित मूल्य फार्मूले से अनुबंध के बाकी बचे समय में भारत को 8,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। पेट्रोनेट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी गेल, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम प्रत्येक की 12.5 प्रतिशत (कुल 50 प्रतिशत) हिस्सेदारी है।

स्वतंत्रता सेनानियों, बीपीएल परिवारों के लिए घोषणाएं

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता सेनानियों के लिए पेंशन में 20 प्रतिशत की वृद्धि का ऐलान किया और कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष में योगदान देने वाले आदिवासी समुदाय के ‘कम पहचान’ पाये लोगों की भूमिका को रेखांकित करने के लिए कई राज्यों में संग्रहालय बनाये जाएंगे। मोदी ने यह घोषणा भी की कि बीपीएल परिवारों के लिए सरकार एक लाख रपये तक का चिकित्सा खर्च का वहन करेगी।

लाल किले से 70वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘यह सरकार स्वतंत्रता सेनानियों के लिए पेंशन 20 प्रतिशत बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है। इसलिए जिन्हें 25000 रपये मिल रहे हैं, अब उन्हें 30000 रुपये मिलेंगे। यह मेरी तरफ से सम्मान का छोटा सा काम है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष में कुछ लोगों की भूमिका पर जरूरत से ज्यादा बात होती है, वहीं आदिवासियों के योगदान को उतना उजागर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार कम पहचान पाने वाले आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका के बारे में भविष्य की पीढ़ियों को अवगत कराने के लिए कई राज्यों में संग्रहालयों का निर्माण करेगी।

चिकित्सा से जुड़े मामलों में गरीब परिवारों की कठिनाइयों पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर एक गरीब व्यक्ति स्वास्थ्य सेवाएं चाहता है तो प्रतिवर्ष एक लाख रपये तक का चिकित्सा खर्च सरकार उठाएगी।’’ पिछली संप्रग सरकार पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार अपेक्षाओं से घिरी है जबकि पिछली सरकार आरोपों से घिरी थी। उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों का क्रियान्वयन आवश्यक है और केवल घोषणाओं या बजटीय आवंटन से लोगों को संतोष नहीं मिलेगा।

महंगी स्वास्थ्य सेवाओं को गरीबों की जेबें खाली करने वाला बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज घोषणा की कि सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की स्वास्थ्य सेवा पर आने वाले एक लाख रूपए तक के वाषिर्क खर्च का वहन करेगी। स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान लाल किले की प्राचीर से घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी गरीब परिवार का कोई सदस्य जब बीमार पड़ता है तो उस घर की पूरी अर्थव्यवस्था हिल जाती है। यह योजना इस बात को सुनिश्चित करेगी कि ऐसे परिवार स्वास्थ्य सेवा के लाभों से वंचित न रहे।

मोदी ने कहा, ‘‘किसी एक के बीमार हो जाने पर गरीब घर की अर्थव्यवस्था हिल जाती है। उनकी बेटियों की शादी रूक जाती है, बच्चों की पढ़ाई रूक जाती है और कई बार तो भोजन भी उपलब्ध नहीं होता। स्वास्थ्य सेवा महंगी हो रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है। भविष्य में, यदि ऐसे परिवारों को चिकित्सीय सेवाएं लेनी पड़ती हैं तो सरकार एक साल में एक लाख रूपए तक का खर्च उठाएगी..ताकि मेरे गरीब भाई स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित न रहें और उनके सपने टूटें नहीं।’’

सामाजिक बुराइयों से कठोरता से निपटे जाने की जरूरत 

दलितों और अल्पसंख्यकों पर हालिया हमलों के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि सामाजिक बुराइयों से ‘‘कठोरता’’ और ‘‘संवेदनशीलता’’ से निपटे जाने की आवश्यकता है क्योंकि सामाजिक एकता के बिना समाज का जीवित रहना असंभव है ।

मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में लालकिले की प्राचीर से कहा कि समाज की मजबूती का आधार सामाजिक न्याय है और आर्थिक वृद्धि समाज के सशक्त होने की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने देशवासियों से सामाजिक समानता और न्याय के लिए काम करने को कहा । मोदी ने स्पष्ट किया कि सामाजिक सौहार्द देश की प्रगति की चाबी है और महात्मा गांधी तथा बीआर अंबेडकर जैसे सभी संतों तथा हस्तियों ने हर किसी के साथ समान व्यवहार किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया था । उन्होंने कहा, ‘‘आज हम सामाजिक तनाव देखते हंै । संत रामानुजाचार्य ने क्या संदेश दिया था ? उन्होंने कहा था कि हमें भगवान के सभी भक्तों की किसी पूर्वाग्रह के बिना समान रूप से सेवा करनी चाहिए । किसी का भी उसकी जाति की वजह से अनादर मत करिए ।’’ मोदी ने कहा, ‘‘भगवान बुद्ध, महात्मा गांधी, संत रामानुजाचार्य, बीआर अंबेडकर ने जो कहा था, हमारे सभी शास्त्रों, संतों और शिक्षकों ने सामाजिक एकता पर जोर दिया है । जब समाज टूटता है तो साम्राज्य विघटित होता है । जब समाज स्पृश्य और अस्पृश्य, उंची और नीची :जातियों: में बॅंटता है तब ऐसा समाज नहीं ठहर सकता।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘होता है, चलता है’ की मनोवृत्ति से सामाजिक बुराइयों से निपटने में मदद नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ये बुराइयां सदियों पुरानी हैं तथा इनसे कठोरता और संवेदनशीलता से निपटना होगा ।’’

10,000 गांवों में पहुंचायी बिजली

स्वच्छ उर्जा के क्षेत्र में प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘यह कोई छोटी-मोटी उपलब्धि नहीं बल्कि लंबी छलांग है। हम इसे बढ़ाकर नई उंचाई पर ले जाना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि बिजली की पारेषण लाइन बिछाने में तेजी लायी गयी है और इस समय हर साल 50,000 किलोमीटर ट्रासमिशन लाइने बिछाई जा रही है जबकि पहले यह औसत 30,000 से 35,000 किलोमीटर था। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी 18,000 गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी लेकिन हमने 10,000 गांवों में बिजली पहुंचायी है और शेष गांवों में भी जल्दी ही बिजली पहुंचायी जाएगी। उन्होंने नगला पदम गांव :अलीगढ़ जिले में: के विद्युतीकरण का जिक्र किया और कहा कि यह गांव राष्ट्रीय राजधानी से मात्र तीन घंटे की दूरी पर है लेकिन वहां आजादी के इतने वषरें बाद भी बिजली नहीं पहुंची थी।

उर्जा बचत के बारे में मोदी ने कहा कि सरकार ने एलईडी बल्ब वितरण का बड़ा अभियान शुरू किया है। एलईडी बल्ब की कीमत घटकर 50 रुपये पर आ गयी है जो पहले 350 रपये थी। इस अभियान के तहत अब तक 13 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि 77 करोड़ एलईडी बल्ब के वितरण के लक्ष्य पूरा होने के बाद सालाना 1.25 लाख करोड़ रुपये की 20,000 मेगावाट बिजली की बचत हो सकती है। मोदी ने कहा कि इससे ‘ग्लोबल वार्मिंग’ रोकने तथा पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 60 साल में 14 करोड़ लोगों को एलपीजी कनेक्शन दिये गये थे जबकि 60 सप्ताह में चार करोड़ नये कनेक्शन दिये जा चुके हैं। उज्ज्वल योजना के तहत करीब 50 लाख नये एलपीजी कनेक्शन गरीब लोगों को मुफ्त दिये गये हैं और यही गति रही तो पांच करोड़ कनेक्शन का लक्ष्य तीन साल की अवधि से पहले ही प्राप्त कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 70 करोड़ लोगों के पास अब आधार कार्ड है। वहीं 21 करोड़ लोग जनधन योजना के तहत बैंक खाता खेलकर वित्तीय समावेशी योजना से जुड़ चुके हैं।-- पीटीआई