29 बच्चों को दिया गया प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2022
प्रधानमंत्री मोदी ने PMRBP पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की। उन्होंने ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर देश की बेटियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, "जिन क्षेत्रों में पहले बेटियों को इजाजत तक नहीं थी, उन क्षेत्रों में बेटियां आज कमाल कर रही हैं।"
इस साल 29 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) और वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिए चुने गए हैं। 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के इन पुरस्कार विजेताओं में 15 लड़के और 14 लड़कियां हैं।
देश में कोविड-19 के चलते उत्पन्न हुई अभूतपूर्व परिस्थितियों को देखते हुए नई दिल्ली में नियमित तौर पर उपस्थिति के साथ समारोह आयोजित करना संभव नहीं था। बच्चों के असाधारण कार्यों को सम्मानित करने और उन्हें प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर और आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह आयोजित किया गया था। PMRBP 2021 और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता और अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके PMRBP 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण पत्र प्रदान किए। इसमें डिजिटल सर्टिफिकेट को प्राप्तकर्ता के मोबाइल पर इंस्टॉल किए गए डिजिटल वॉलेट में स्टोर किया जाता है। ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके जारी किए गए ये डिजिटल प्रमाणपत्र ऐसे हैं जिनकी नकल नहीं की जा सकती। ये विश्व स्तर पर सत्यापन योग्य, चुनिंदा रूप से प्रकट करने योग्य और उपयोगकर्ता सामग्री के प्रति संवेदनशील हैं। पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र देने के लिए पहली बार ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है।
PMRBP 2022 के पुरस्कार विजेताओं को 1,00,000/- रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया, जिसे कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा विजेताओं के संबंधित खातों में ऑनलाइन स्थानांतरित किया गया।
प्रधानमंत्री ने PMRBP 2022 के विजेताओं के साथ वर्चुअल माध्यम से बातचीत की। इस अवसर पर अन्य लोगों के साथ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ज़ूबिन इरानी और राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये पुरस्कार इस तथ्य के आलोक में और अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं कि उन्हें उस महत्वपूर्ण अवधि के दौरान प्रदान किया गया है जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्होंने कहा कि यह अतीत से ऊर्जा लेने और आने वाले 25 वर्षों के अमृत काल में बड़े लक्ष्य हासिल करने के लिए खुद को समर्पित करने का समय है। उन्होंने देश की बेटियों को राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई भी दी। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास और बीरबाला कनकलता बरुआ, खुदीराम बोस और रानी गैदिनीलु के योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "इन सेनानियों ने बहुत कम उम्र में ही देश की आजादी को अपने जीवन का मिशन बना लिया था और इसके लिए खुद को समर्पित कर दिया था।"
प्रधानमंत्री ने पिछले साल दीवाली के मौके पर जम्मू एवं कश्मीर में नौशेरा सेक्टर की अपनी यात्रा को भी याद किया, जहां उन्होंने बलदेव सिंह और बसंत सिंह से मुलाकात की। दोनों ने आज़ादी के बाद हुए युद्ध में बाल सैनिकों की भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना इतनी कम उम्र में अपनी सेना की मदद की। प्रधानमंत्री ने इन वीरों की वीरता को नमन किया।
प्रधानमंत्री ने गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों की वीरता और बलिदान का उदाहरण दिया। उन्होंने बताया कि जब साहिबजादों ने अपार वीरता के साथ बलिदान दिया था, तब वे बहुत छोटे थे। भारत की सभ्यता, संस्कृति, आस्था और धर्म के लिए उनके बलिदान की कोई तुलना नहीं है। प्रधानमंत्री ने युवाओं से साहिबजादों और उनके बलिदान के बारे में और जानने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली में इंडिया गेट के पास नेताजी सुभाष चंद्र बोस की एक डिजिटल प्रतिमा भी स्थापित की गई है। उन्होंने कहा, “हमें सबसे बड़ी प्रेरणा नेताजी से मिलती है – राष्ट्र सेवा पहले। नेताजी से प्रेरणा लेकर आपको देश के लिए कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ना है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में हमारी नीतियों और पहल के केंद्र में युवा होते हैं। उन्होंने स्टार्टअप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के जन आंदोलन और आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसी पहलों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह भारत के युवाओं की गति के अनुरूप है जो देश में और देश से बाहर दोनों जगह इस नए युग का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने नवाचार और स्टार्टअप क्षेत्र में भारत के बढ़ते कौशल को रेखांकित किया। उन्होंने इस तथ्य के साथ देश के गौरव को व्यक्त किया कि भारतीय युवा सीईओ के नेतृत्व में कई प्रमुख वैश्विक कंपनियां चल रही हैं।
उन्होंने कहा, “आज हम गर्व महसूस करते हैं जब हम देश के युवाओं को स्टार्टअप की दुनिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते देखते हैं। आज हम गर्व महसूस करते हैं जब हम देखते हैं कि भारत के युवा नवाचार कर रहे हैं, देश को आगे ले जा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पहले बेटियों को इजाजत तक नहीं थी, उन क्षेत्रों में बेटियां आज कमाल कर रही हैं। ये नया भारत है, जो नवाचार से पीछे नहीं हटता। साहस और संकल्प आज भारत की पहचान है।
प्रधानमंत्री ने बच्चों की सराहना करते हुए कहा कि भारत के बच्चों ने टीकाकरण कार्यक्रम में भी अपनी आधुनिक और वैज्ञानिक सोच का परिचय दिया है। 3 जनवरी से अब तक महज 20 दिनों में 4 करोड़ से ज्यादा बच्चों को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान में बच्चों की उनके नेतृत्व के लिए भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने उनसे वोकल फॉर लोकल के लिए राजदूत बनने और आत्मनिर्भर भारत के अभियान का नेतृत्व करने की अपील की।
Edited by Ranjana Tripathi