तेलंगाना और पंजाब के बाद कर्नाटक सरकार भी लड़कियों को देगी मुफ्त शिक्षा
हमारे समाज के अधिकतर लोग अपनी लड़कियों को स्कूल भेजने से डरते हैं। उन्हें इस बात का डर रहता है कि कहीं उनके साथ कोई छेड़छाड़ न हो जाए।
लड़कियों को कक्षा 1 से ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई के लिए सरकार आर्थिक सहायता देगी। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानो में पढ़ने वाली लड़कियों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा।
हालांकि प्रोफेशनल कोर्स करवाने वाले संस्थानो में पढ़ाई करने पर इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। माना जा रहा है कि इस स्कीम के दायरे में राज्य की 18 लाख लड़कियां आएंगी।
देश में लड़कियों की शिक्षा के प्रति सरकारें भी अब सजग हो रही हैं। इसी क्रम में कर्नाटक सरकार ने राज्य में लड़कियों को ग्रैजुएशन तक फ्री में पढ़ाने का ऐलान किया है। महिला सशक्तीकरण में लड़कियों को स्कूल भेजना और उन्हें शिक्षित करना काफी महत्वपूर्ण है। सरकार के इस कदम के बाद लड़कियों को कक्षा 1 से ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई के लिए सरकार आर्थिक सहायता देगी। सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानो में पढ़ने वाली लड़कियों को इस स्कीम का फायदा मिलेगा। हालांकि प्रोफेशनल कोर्स करवाने वाले संस्थानो में पढ़ाई करने पर इस स्कीम का लाभ नहीं मिलेगा। भारत में अनुमानित 19 करोड़ लड़कियों और लड़कों को जिन्हें फिलहाल प्राथमिक शिक्षा में होना चाहिए, सभी को शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए परिवार और समुदायों के साथ सरकार की भी बड़ी भूमिका बनती है।
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री बसवराज रायारेड्डी ने कहा कि इस योजना का लाभ वे छात्राएं उठा पाएंगी जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 10 लाख रुपये से कम है। उनका कहना है कि इस स्कीम से ज्यादा से ज्यादा गरीब छात्राओं को फायदा मिलेगा। माना जा रहा है कि इस स्कीम के दायरे में राज्य की 18 लाख लड़कियां आएंगी। सरकार इसके लिए 110 करोड़ का फंड जारी करने का विचार कर रही है। 18 लाख छात्राओं के इस स्कीम के दायरे में आने के दावें को अगर सही मानें तो इसका मतलब है कि हर साल लड़कियों को केवल 611 रुपये ही मिल पाएंगे। अब ऐसे में सबको शिक्षा कैसे मिल पाएगी इसका जवाब सरकार के पास भी नहीं है।
राज्य सरकार के इस कदम को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हाल ही में पंजाब और तेलंगाना ने भी इसी तरह की स्कीम लॉन्च की है। पंजाब सरकार ने लड़कियों को नर्सरी से लेकर Phd तक की मुफ्त शिक्षा देने का ऐलान किया है। लेकिन जब कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री से इन राज्यों की स्कीम के नकल करने की बात पूछी गई तो उन्होंने इस सवाल को टाल दिया। सरकार का कहना है कि इस स्कीम से उन गरीब लड़कियों को फायदा होगा जो पैसे के आभाव के कारण अपनी पड़ाई पूरी नहीं कर पातीं हैं।
पंजाब के सीएम ने स्कूलों में लड़कियों के लिए मुफ्त किताबें और नर्सरी और एलकेजी की कक्षाएं भी शुरू करने का ऐलान किया था। दरअसल हमारे समाज के अधिकतर लोग अपनी लड़कियों को स्कूल भेजने से डरते हैं। उन्हें इस बात का डर रहता है कि कहीं उनके साथ कोई छेड़छाड़ न हो जाए। इसके अलावा आर्थिक पहलू भी रहता है जिसकी वजह से गरीब बच्चियां शिक्षा से वंचित रह जाती हैं। हालांकि लड़कों पर इस तरह की किसी भी प्रकार की बंदिश नहीं लगाई जाती। लड़कियां भी पढ़ लिखकर आगे बढ़ना चाहती हैं और इन लड़कियों को सशक्त बनाने में सरकार का यह कदम सार्थक हो सकता है।
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