फ्लिपकार्ट बना भारत का पहला एप्लीकेशन, जिसे 5 करोड़ लोगों ने एंड्रॉयड में किया इंस्टॉल
फ्लिपकार्ट ने घोषणा की है कि उसके एंड्रॉयड एप्लिकेशन को गूगल प्ले स्टोर से फरवरी 2016 तक अब तक करीब 5 करोड़ लोग डाउनलोड कर चुके हैं। इसकी वर्तमान रेटिंग 4.2 है, जबकि उसके समांतर प्रतियोगी स्नैपडील और अमेज़न की रेटिंग 4.1 है। फ्लिपकार्ट देश का पहला ऐसा ऐप है जिसने संचार, सामाजिक, मनोरंजन और दूसरे क्षेत्र में 5 करोड़ ऐप इंस्टॉलेशन की ऊंचाई को छुआ है।
कम्पनी ने अपने एंड्रॉयड ऐप को सितंबर 2013 में लांच किया था और 30 महीने में ही इस असाधारण उपलब्धि को हासिल कर लिया।
सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने अक्टूबर 2007 में फ्लिपकार्ट को लांच किया था। फ्लिपकार्ट अपने कॉरपोरेट बदलावों की वजह से खबरों में थी की सचिन अब चैयरमेन का काम और बिन्नी सीईओ का काम देखेगें। अभी हाल ही में फ्लिपकार्ट के दिग्गज सदस्य मुकेश बंसल और अंकित नागोरी ने कंपनी को छोड़कर अपना वेंचर शुरू किया है।
सिमिलर वैब रिपोर्ट के मुताबिक 47 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ शॉपिंग ऐप पहले स्थान पर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि फ्लिपकार्ट और मिंत्रा की सामूहिक हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है। अमेज़न 15.86 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर और स्नैपडील 13.84 प्रतिशत के साथ चौथे स्थान पर है।
मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट ‘भारत में 2016 में ई-कामर्स’ के मुताबिक फ्लिपकार्ट 45 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहले नंबर की ई-कामर्स कंपनी है। फ्लिपकार्ट की 45 प्रतिशत की हिस्सेदारी उसकी प्रतियोगी तीन अन्य कंपनियों(स्नेपडील, अमेजन और पेटीएम) की कुल साझा हिस्सेदारी के बराबर है।
देश में ई-कामर्स के बाजार में 70 प्रतिशत कारोबार मोबाइल के जरिये ही होता है। एक नई रणनीति के तहत अभी हाल ही में मोबाइल ऐप कारोबार के साथ साथ मिंत्रा ने अपनी मोबाइल वेबसाइट को भी रिलांच किया है। इस खबर के आने से ही उनके उपभोक्ताओं की संख्या दोगने के करीब 80 लाख हो गयी है। इसी तरह फ्लिपकार्ट तक को भी अपनी मोबाइल वेबसाइट को मार्च 2015 में बंद कर कंपनी ने फ्लिपकार्ट लाइट को नवम्बर 2015 में लॉंच किया।
उम्मीद है 2020 तक इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या दोगुनी हो जाएगी और तब तक करीब 32 करोड़ लोगों तक ऑन लाइन बाजार की पहुंच हो जाएगी।
अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर फेसबुक और गूगल के ऐप सबसे ज्यादा डाउनलोड हुए हैं। मार्च 2014 में जीमेल ऐसा पहला ऐप बना है जिसके 100 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हुए हैं। मार्च, 2015 में वाट्सऐप भी तीन बड़े कोमा क्लब में शामिल हो गया। जिसको डॉउनलोड करने वालों की संख्या जल्द ही 100 करोड़ हो जाएगी। फिलहाल शॉपिंग ऐप को रद्द करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है बावजूद ये संख्या इस सेवा को इस्तेमाल करने वालों की संख्या से कम है। ई-कामर्स की अगली लड़ाई स्मॉर्टफोन और ऐप डॉउनलोड के लिए होगी।
लेखक-हर्षित माल्या
अनुवादक-हरीश बिष्ट