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वो लड़की, जिसने कभी 38 हजार किमी की दूरी नापकर खुदकुशी के खिलाफ जगाई थी जागरुकता

ज़िंदादिल लड़की की खामोश मौत...

वो लड़की, जिसने कभी 38 हजार किमी की दूरी नापकर खुदकुशी के खिलाफ जगाई थी जागरुकता

Sunday October 29, 2017 , 4 min Read

सना के मन में ये ख्याल इसलिए आया था क्योंकि सना भी पहले डिप्रेशन से गुजर चुकी थीं। और ये उनका खुद की प्रेरणा से दूसरों को एक आशा देने का एक तरीका था। वो इसके दौरान मोटिवेशनल स्पीच भी दिया करती थीं। कई बार वो जिंदगी के दूसरे भी कई विषयों पर बोलती थीं।

सना इकबाल (फाइल फोटो)

सना इकबाल (फाइल फोटो)


सना को इस दौरान सर पर गंभीर चोटें आई थीं। उन्हें तुरंत एक पास के ही हॉस्पिटल ले जाया गया पर कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। सना अपनी इस लंबी अकेले की बाइक राइड के चलते दुनिया भर के बाइकर्स के बीच एक जाना माना नाम थीं। 

सना ने लव मैरिज की थी, लेकिन कई वजहों से वे अपने सपने नहीं पूरे कर पाई थीं। इसी दौरान उनके प्री मैच्योर बच्चे का जन्म हुआ था और इसके बाद वे डिप्रेशन में आ गईं, जिससे निकलने में उन्हें लगभग 5 साल लग गए थे।

हैदराबाद की रहने वाली बाइकर सना इकबाल ने जीने का खास मकसद चुना था। वो डिप्रेशन और खुदकुशी के पीछे की वजहों से लोगों को रूबरू कराना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने बड़ा ही खास तरीका चुना था। वो इसके लिए बाइकर बनीं और अपने इस खास बाइकिंग कैम्पेन के जरिए उन्होंने लोगों को इससे बचने के तरीकों के बारे में बताया। पर इसमें भी सबसे अनोखी बात ये थी कि सना ने इसके लिए बाइक पर 38 हजार किमी का सफर तय किया। जाहिर है सना के इस प्रयास से कई लोगों को जिंदगी की नई राह मिली। सना की भी इसके लिए बहुत सराहना हुई। पर पिछले हफ्ते हजारों लोगों की जिंदगी में रौशनी की नई किरण लाने वाली इस बाइकर की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई।

मंगलवार को हैदराबाद के बाहरी इलाके में जब सना कार से अपने पति के साथ टोलीचौकी इलाके की ओर जा रही थीं, उनका एक्सीडेंट हो गया। पुलिस के मुताबिक सना के पति अब्दुल नदीम, जो कार चला रहे थे, उन्होंने कार पर से अपना नियंत्रण खो दिया और कार एक डिवाइडर से जा लड़ी।

सना को इस दौरान सर पर गंभीर चोटें आई थीं। उन्हें तुरंत एक पास के ही हॉस्पिटल ले जाया गया पर कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। सना अपनी इस लंबी अकेले की बाइक राइड के चलते दुनिया भर के बाइकर्स के बीच एक जाना माना नाम थीं। सना के मन में ये ख्याल इसलिए आया था क्योंकि सना भी पहले डिप्रेशन से गुजर चुकी थीं। और ये उनका खुद की प्रेरणा से दूसरों को एक आशा देने का एक तरीका था. वो इसके दौरान मोटिवेशनल स्पीच भी दिया करती थीं। कई बार वो जिंदगी के दूसरे भी कई विषयों पर बोलती थीं।

सना का मानना था कि आत्महत्या किसी समस्या का सॉल्यूशन नहीं होता है। वह लगातार ऐसे संदेश देती रहती थीं। अपनी पिछली यात्रा के दौरान हर प्रदेश में सना दो दिनों का समय बिता रही थीं। यूपी में उन्होंने नोएडा, आगरा, मेरठ, झांसी और दतिया को कवर किया था। सना एक कॉरपोरेट ट्रेनर थीं लेकिन बाइक चलाना उनका पैशन बन गया था। वैसे तो सना ने लव मैरिज की थी, लेकिन कई वजहों से वे अपने सपने नहीं पूरे कर पाई थीं। इसी दौरान उनके प्री मैच्योर बच्चे का जन्म हुआ था और इसके बाद वे डिप्रेशन में आ गईं। इससे निकलने में उन्हें लगभग 5 साल लग गए थे।

वह अपने बच्चे की वजह से स्थितियों पर जीत पाईं। तभी से वह इस समस्या से जूझ रहे लोगों को यह मेसेज देना चाहती थीं। सना ने अपना यह सफर 38,000 किमी के साथ 23 नवंबर, 2015 में सना ने गोवा से इस अकेली बाइक राइड की शुरुआत की थी। इससे उन्होंने देश की लंबाई और चौड़ाई को नाप दिया। इस मिशन में उनकी साथी थी रॉयल इनफील्ड बाइक। उन्होंने कुल मिलाकर 38 हजार किमी की दूरी तय की।

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