जन्मदिन के लिए आप मेहमानों को बुलाइए, जश्न की तैयारी करेगा "ईवाइब"
ऐसे हुई ईवाइब की शुरुआत
Wednesday June 24, 2015 , 3 min Read
बी. अंजानेयुलू रेड्डी और स्वाति रेड्डी की पहली मुलाकात एक स्टार्टअप के दौरान हुई थी। दोनों को एक-दूसरे से प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली। अंजानेयुलू ने बताया, “हमलोगों की मुलाकात स्काइपे पर तब हुई जब मैं एक स्टार्टअप के लिए स्वाति का इंटरव्यू ले रहा था। मैं उस स्टार्टअप के लिए काम करता था। बाद में हमने ईवाइब से अपनी कंपनी की शुरुआत की।”
ईवाइब की शुरुआत तब हुई, जब इन दोनों देखा कि इनके दोस्त अपने बच्चों के जन्मदिन की पार्टी आयोजित करने में परेशानी का सामना कर रहे हैं। ईवाइब आपको आपके बच्चों की जन्मदिन पार्टी के लिए के शहर में मौजूद सबसे अच्छे वेंडर की सुविधा मुहैया कराने में आपकी मदद करता है- चाहे वो घर पर छोटी पार्टी हो या फिर होटल या किसी फार्महाउस पर बड़ी पार्टी। इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स किसी भी वेंडर से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं। यूजर्स को वेंडर के प्रोफाइल की जानकारी, उसकी सेवाओं की समीक्षा, सेवाएं, दरों के साथ पैकेज की जानकारी सबकुछ मिल जाती हैं।
पिलानी के BITS से ग्रेजुएशन करने वाले अंजानेयुलू के पास स्टार्टअप इंडस्ट्री में तीन साल काम करने का अनुभव है। ईवाइब में वो डिजाइन, तकनीकी और विभिन्न वेंडरों के साथ करार करने का काम देखते हैं। अमेरिका से कंप्यूटर साइंस की डिग्रीधारक स्वाति के पास भी इंडस्ट्री में दो साल काम करने का अनुभव है। वो ग्राहक, उनकी जरूरतें और ईवाइब पर किसी को नौकरी पर रखने का काम देखती है।
इस इंडस्ट्री के एक अनुमान के मुताबिक, साल 2013 में भारत के 15 प्रमुख शहरों में जन्मदिन की पार्टी आयोजित करने और बैंक्वेट हॉल्स बुक करने के लिए एक लाख से ज्यादा पूछताछ की गई थी। इसमें सालाना 12-18 फीसदी का इजाफा हो रहा है। अगर औसतन एक पार्टी पर 20,000 रुपये खर्च मान कर चलें, तो भारत में ये बाजार करीब 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का है।
स्वाति बताती हैं, “हमारे अनुभवों के मुताबिक, हाल के दिनों में घर पर एक अच्छी पार्टी आयोजित करने का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। ये एक ऐसा बाजार है, जिसका अब तक दोहन नहीं किया गया था और अगर हाथ आजमाया जाए, तो इसमें काफी संभावनाएं हैं।”
पिछले साल जुलाई में लॉन्च के बाद, इस वेबसाइट पर 200 से ज्यादा पूछताछ हो चुकी है और इसने 3,00,000 रुपये की कमाई भी कर ली है। सबसे खास बात ये है कि ईवाइब ने ये सब प्रचार या मार्केटिंग पर एक पैसे खर्च किए बिना ही हासिल किया है। अंजानेयुलू के मुताबिक, “हमलोगों ने अपने मकसद को पाने के लिए इसमें अपना अच्छा खासा समय निवेश किया है। हमारे पास जो भी पूछताछ के लिए आते हैं, वो जरूरतमंद होते हैं।”
इस स्टार्टअप का वैसे तो कोई प्रतियोगी नहीं है, लेकिन इसे जस्टडायल और पार्टी वेन्यू आयोजकों से मुकाबला मिल रहा है। ईवाइब को प्रत्येक बुकिंग के लिए वेंडर बेस से कमीशन मिलता है। स्वाती ने बताया कि आने वाले महीनों में वे ग्राहकों के लिए एलिट सर्विस की शुरुआत करने वाले हैं और इसके लिए वो ग्राहकों से एक शुल्क भी वसूलेंगे।
ग्राहकों के अनुभव और बर्ताव के आधार पर स्टार्टअप अपनी सेवा और प्रोडक्ट को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है। बैंगलोर के बाद अब इस कंपनी ने हैदराबाद समेत देश के आठ शहरों में अपना काम फैलाने की योजना बनाई है। अंजानेयुलू आगे बताते हैं, “बस टिकटिंग इंडस्ट्री की तरह इस क्षेत्र में भी धीरे-धीरे कीमत में पारदर्शिता आ जाएगी।”