शेयर बाजार में पैसे लगाकर अरबपति बनने वाले राकेश झुनझुनवाला
शेयर बाजार के सबसे कामयाब खिलाड़ी और 20 हजार करोड़ के मालिक राकेश झुनझुनवाला...
वे, जो आज भारत अथवा विश्व, के अरबपतियों में शुमार हैं, उन ज्यादातर की फर्श से अर्श की दास्तानों में एक बात कॉमन रही है, शेयर बाजार की गहरी समझ और बेहतर रिटर्न। मालामाल होने वाले ऐसे अरबपति मुकेश अंबानी, दिलीप सांघवी, लक्ष्मी निवास मित्तल, शिव नाडर, अजीम प्रेमजी, पूनावाला, गौतम अडाणी, बालकृष्ण सुवेदी, उदय कोटक, सुनील मित्तल रहे हों अथवा शेयर बाजार के सबसे कामयाब खिलाड़ी और 20 हजार करोड़ के मालिक राकेश झुनझुनवाला।
अमीर लोग उन क्षेत्रों में निवेश करते हैं, जिनके बारे में अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता। आजकल दुनियाभर में भोजन की मांग में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए इसमें निवेश फ़ायदेमंद माना जा रहा है। कई एक अमीर आर्ट, कारों, घड़ियों, शराब, वाइन और यहां तक कि संगीत उपकरणों में सीधे या फिर फंड के ज़रिए भी निवेश कर रहे हैं जिनसे कई साल बाद अच्छा रिटर्न मिल रहा है।
जब भी हम दुनिया अथवा अपने देश के चुनिंदा अरबपतियों के अमीर बनने की दास्तानों पर नजर दौड़ाते हैं, उनके धनाढ्य बनने के कई एक कारण एक समान होते हैं। उनमें एक खास कारण है शेयर बाजार की जुगत। मालामाल होने में यह फिल्ड जितनी कारगर है, इसके झटके भी उतने ही जोरदार होते हैं। इसके झटके अर्श से फर्श पर पहुंचाने की बजाय अक्सर लाखपति से खाकपति भी बना देते हैं। यद्यपि इसी जुगत से अमीर बने राकेश झुनझुनवाला की सफलता की दास्तान कुछ और है। उन्हें जानने से पहले, आइए एक नजर डालते हैं अपने देश के कुछ चुनिंदा अमीरों पर।
भारत में इस समय रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में भी टॉप 15 में शुमार हैं। उनकी कुल संपत्ति 58 फीसदी बढ़कर 2570 अरब रुपये पर पहुंच गई है। ऐसे ही दूसरे भारतीय अमीर सन फार्मा के दिलीप सांघवी 89 हजार करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। सादुलपुर (राजस्थान) के मूल निवासी एवं कोलकाता में जा बसे लक्ष्मी निवास मित्तल की कुल संपत्ति 88 हजार 200 करोड़ हैं। ऐसे ही शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय एचसीएल के मालिक शिव नाडर की जिंदगी से सीखा जा सकता है कि वह किस तरह अपने सपने को साकार करते हुए कुल संपत्ति 85,100 करोड़ के धनाढ्य हो गए।
विप्रो के स्वामी अजीम प्रेमजी हमारे देश के पांचवें सबसे बड़े अमीर हैं, जिनकी कुल संपत्ति 79,300 करोड़ रुपये है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मालिक पूनावाला की कुल संपत्ति 71,100 करोड़ रुपये है। गुजरात के एक सामान्य कारोबारी परिवार के गौतम अडाणी की कुल संपत्ति 70,600 करोड़ रुपये हो चुकी है। इसी तरह मूलतः नेपाल के बेहद गरीब परिवार से आए पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक सीओ आचार्य बालकृष्ण (बालकृष्ण सुवेदी) की कुल संपत्ति 70 हजार करोड़ रुपये हो चुकी है। अन्य भारतीय अरबपतियों में कुल 62,700 करोड़ की संपत्ति वाले कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक और कुल 56,500 करोड़ की संपत्ति के स्वामी भारती एयरटेल के सुनील मित्तल आदि कोई मौज-मस्ती की जिंदगी जीते हुए अमीर नहीं बने हैं। शेयर बाजार से 100 फीसदी से अधिक रिटर्न हासिल करने वाले एक ऐसे ही अमीर हैं राकेश झुनझुनवाला।
शेयर बाजार वाली कमाई पर टैक्स लगने की व्यवस्था और ग्लोबल कारणों से पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार के उतार-चढ़ावों के बीच जहां बाकी लोग सात फीसदी फायदे तक ही सिमट कर रह गए, राकेश झुनझुनवाला को शतप्रतिशत से भी ज्यादा कामयाबी मिली है। इसका साफ संदेश है कि बड़ी होशियारी से उन्होंने शेयर बाजार में अपना पैसा लगाकर अमीरी की राह पकड़ी है। अब तो उनके निवेश पर तमाम अन्य निवेशक निगाहें टिकाए रहते हैं। वह जहां-जहां निवेश करते हैं, निवेशक भी उसी ओर चल पड़ते हैं। झुनझुनवाला के कुछ खास टिप्स हैं- जैसेकि निवेश करते समय सबसे पहले खुद पर भरोसा रखें। सही मौका मिलने पर ही पैसा लगाएं। रिटर्न पर फोकस रखें। इन्वेस्ट करते समय अच्छी तरह जान लें कि आपको रिटर्न कितना मिलेगा।
छोटे शेयरों को नजरअंदाज न करें। शेयर को कम मुनाफे में बेचने की जल्दबाजी न दिखाएं। वह कहते हैं कि मंदी के समय पोर्टफोलियो पर ज्यादा ध्यान दें। बीपीओ सर्विस देने वाली फर्स्टसोर्स सॉल्यूशंस कंपनी के शेयर में झुनझुनावाला की हिस्सेदारी 2.91 प्रतिशत है। अक्टूबर 2017 से मार्च 18 के बीच उन्होंने अपनी हिस्सेदारी 0.2 फीसदी और बढ़ा ली है। छह महीने में उनकी रकम दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है। दुनिया में किसी भी अरबपति बने व्यक्ति के जिंदगीनामा में एक कॉमन बात ये देखने को मिली है कि मुख्य रूप से शेयर बाजार ने उन्हें फर्श से अर्श का हीरो बनाया है। अमीर बने लोग अपना पैसा बड़ी समझदारी से शेयर मार्केट में लगाते हैं। ऐसा नहीं है कि नया कारोबार मुनाफ़े की गारंटी होता है बल्कि इसमें नुक़सान होने की संभावना परंपरागत कारोबार के मुक़ाबले कहीं अधिक होती है।
दरअसल अमीर लोग उन क्षेत्रों में निवेश करते हैं, जिनके बारे में अधिकतर लोगों को पता ही नहीं होता। आजकल दुनियाभर में भोजन की मांग में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए इसमें निवेश फ़ायदेमंद माना जा रहा है। कई एक अमीर आर्ट, कारों, घड़ियों, शराब, वाइन और यहां तक कि संगीत उपकरणों में सीधे या फिर फंड के ज़रिए भी निवेश कर रहे हैं जिनसे कई साल बाद अच्छा रिटर्न मिल रहा है। वैसे अमीरों की नजर सिर्फ़ एक ही कारोबार पर नहीं, एक साथ विभिन्न कारोबारों पर रहती है। हालाँकि इससे निवेशक का पैसा डूबने का जोखिम भी बना रहता है। क़रीब पचास फीसदी नई कंपनियां ठप हो जाती हैं। अधिकतर अमीर अपना पैसा व्यावसायिक संपत्ति में लगा रहे हैं।
हर गरीब का सबसे बड़ा सपना धन-दौलत होती है। ऐसे में अरबपति होने होने से पहले पूंजी निवेश के बारे में अपेक्षित जानकारी न होना आत्मघाती हो जाता है। इन बातों को अरबपति बनने का नुस्खा तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन हां, इन्हें नजरअंदाज करना असफलता को दावत देने जैसा हो जाता है। अमीर होने से पहले शेयर मॉर्केट का खेल समझने के लिए निवेश की हर हरकत गौरतलब हो जाती है। कोई भी व्यक्ति यूं ही अरबपति नहीं बन जाता है। उसके लिए ब्याज दर, टैक्स ब्रैकेट और लाभांश का अध्ययन, उपभोक्ता की जरूरतों की पहचान और फिर उन जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यापार मॉडल के विकास का हुनर होना चाहिए।
यह सच है कि पैसे कमाने के लिए पैसों की जरूरत होती है। अपनी प्रत्येक तनख़्वाह से पैसे की एक विशेष राशि को अलग करें और फिर उसपर ब्याज कमाने के लिए और उसके प्रयोग से भविष्य में निवेश करने के लिए उसे एक बचत खाते में डालें। इससे पहले तय कर लें कि आप अपनी कमाई से कितना प्रतिशत बचाना चाहते हैं। निवेश उतने ही पैसों का करें, जिसे खोने का खतरा आप उठाने की क्षमता रखते हों। एक अरब रुपये बचाने के लिए, जितना जल्दी हो सके, पैसों की बचत शुरू कर दें। बचत पर ब्याज जमा होता है। शुरू में पैसे की एक न्यूनतम राशि की जरूरत हो सकती है। ऐसा करते समय अपने विकल्पों का अन्वेषण और किसी वित्तीय सलाहकार से विमर्श जरूर कर लें। सेवा में आने के बाद जितना जल्दी हो सके, पढ़ाई लिखाई और क्रेडिट कार्ड के कर्ज़ चुकता कर डालें। इसके बाद अनुमान लगाएं कि आप पांच साल में कितना पैसा बचा सकते हैं।
अपने पैसे का अच्छे से उपयोग करें, चाहे उनका निवेश में प्रयोग करें, एक व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रयोग करें या फिर ब्याज एकत्र करने के लिए उन्हें एक खाते में जमा करें। अपने वित्तीय लक्ष्य पर नियमित नजर रखें। अचल संपत्ति में निवेश भी पैसे बनाने का एक आम तरीका है। चाहें तो एक ऐसी कंपनी बनाएं, जिसके उत्पादों या सेवाओं का आप खुद इस्तेमाल करना चाहते हों। हरित ऊर्जा और कंप्यूटर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निवेश भविष्य की कामयाब योजना हो सकती है। निजी संपत्ति में जोरदार इजाफे के लिए शेयर बाजार एक बेहतर माध्यम बन चुका है। बस, शेयरों को बुद्धिमानी से खरीदें। लाभांश पुनर्निवेश की योजनाओं और प्रत्यक्ष शेयर खरीद की योजनाओं में दलालों की जरूरत नहीं होती है। सीधे कंपनी एजेंटों से खरीदारी की जा सकती है।
पैसे निकालने और निवेश करने में कुछ प्रतिबंधों के बावजूद मुद्रा बाजार भी कुछ किए बिना पैसे बढ़ाने का एक अच्छा माध्यम है। बांड सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किए गए ब्याज प्रमाण पत्र होते हैं, जैसे कि राजकोष, जिसमें कोई बकाया जोखिम नहीं होता है। प्रिंटिंग प्रेस को सरकार नियंत्रित करती है और पूंजीनिवेश को सुरक्षित रखने के लिए वह आवश्यक संपत्ति मुद्रित कर सकती है, इसलिए ये भी एक सुरक्षित निवेश के ठिकाने हैं। ऐसे किसी भी आर्थिक कदम उठाते वक्त यदि आपको संदेह हो, तो अपने निवेश के साथ ट्रेडिशनल बने रहें। पैसे का बुद्धिमानी से विविधीकरण करना, ब्याज अर्जित होने देना और अस्थिर बाजारों में सावधान रहना, अंत में एक सफल निर्णय साबित होता है। अंत में एक बात और गौरतलब है कि जल्दी अमीर बनने के घोटालों से सावधान रहें। ऐसे लोगों से दूर रहें जो अवास्तविक शेयर बाजार के रिटर्न के बड़े-बड़े दावे और वायदे करते हैं।
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