लॉकडाउन के दौरान स्कूल की प्रधानाध्यापिका और उनके पति ने गरीबों को खाना खिलाने के लिए खर्च किए 4 लाख रुपये
एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका और उनके पति, दोनों ने मिलकर लॉकडाउन के दौरान डेढ़ हजार से अधिक लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की है।
मुंबई, एक स्कूल की प्रधानाध्यापिका और उनके पति, लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए अपने छात्रों और पड़ोसियों की दिल खोलकर सहायता कर रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान दंपति, पड़ोस के गरीब लोगों को खाना खिलाने के लिए अपनी बचत में से चार लाख रुपये से अधिक खर्च कर चुके हैं और उन्होंने यहां स्थित मलाड उपनगर के अम्बुजवाड़ी में स्थित अपने स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की तीन महीने की फीस माफ कर दी है।
मिजगा शेख (38), अम्बुजवाड़ी में स्थित जील इंग्लिश स्कूल की प्रधानाध्यापिका हैं और उनके पति फैयाज (45) स्कूल के न्यासी हैं।
इन दोनों ने मिलकर लॉकडाउन के दौरान डेढ़ हजार से अधिक लोगों के लिए भोजन और राशन की व्यवस्था की है।
एक निजी कॉस्मेटिक कम्पनी में काम करने वाले फैयाज शेख ने कहा कि उन्होंने मार्च में लॉकडाउन की शुरुआत से पांच छह दिन बाद ही एक गैर सरकारी संगठन के साथ मिलकर लोगों की सहायता करना शुरू कर दिया था। चार महीने बाद भी उनका मानवीय कार्य चल रहा है।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा,
“शुरुआत में स्थिति बहुत बुरी थी और बहुत से लोग सहायता के लिए हमारे पास आए लेकिन लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बाद उनकी संख्या कम हुई है।”
उन्होंने कहा कि पिछले चार महीने के दौरान उन्होंने लोगों को भोजन और राशन देने के लिए अपनी बचत में से लगभग साढ़े चार लाख रुपये खर्च किए हैं।
इस परोपकारी काम के लिए फैयाज शेख को अपनी पत्नी की भविष्य निधि में की गई बचत को खर्च करना पड़ा।