सैनिकों की समस्याओं का निवारण दो महीने में किया जाएगा
पूर्व-सैनिकों (20 लाख से ज्यादा में से) को किसी तकनीकी कठिनाई या दस्तावेजीकरण की समस्या की वजह से ओआरओपी योजना के अनुसार पेंशन मिलने में दिक्कत हो रही है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि केवल एक लाख पूर्व-सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन योजना के अनुसार पेंशन पाने में दिक्कत आ रही है और इस दिक्कत को दो महीने में सुलझा लिया जाएगा।
पर्रिकर ने यहां पूर्व-सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘केवल एक लाख पूर्व-सैनिकों (20 लाख से ज्यादा में से) को किसी तकनीकी कठिनाई या दस्तावेजीकरण की समस्या की वजह से ओआरओपी योजना के अनुसार पेंशन नहीं मिल रही है। हम आगामी दो महीने में इन समस्याओं को सुलझा लेंगे।’’ रक्षा मंत्री यहां सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह के साथ स्वतंत्र भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा को और 1947 में श्रीनगर हवाईअड्डे पर नियंत्रण के लिए पाकिस्तानी हमलावरों के हमलों का जवाब देते हुए शहादत देने वाले अन्य सैनिकों को श्रद्धांजलि देने आये थे।
पर्रिकर ने कहा कि सरकार ओआरओपी के मुद्दे पर संवेदनशील है और पिछले 43 साल से इसे लागू नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह कर दिखाया। हर साल 7500 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे और 11000 करोड़ रुपये बकाया का भुगतान किया जा चुका है। पेंशन में 23 से 24 प्रतिशत औसत वृद्धि हुई है।’’ पूर्व-सैनिकों से बातचीत करने और उनकी समस्याओं को सुनने के बाद पर्रिकर ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों का निवारण किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘मुझे आज जो भी समस्याएं बताई गयीं, उन्हें मेरे दोबारा आने से पहले सुलझा लिया जाएगा। आज मुझे आपसे बातचीत के लिए 10 मिनट मिले थे लेकिन मैंने इसे 40 मिनट तक बढ़ा दिया। अगली बार मैं आपके साथ आधा दिन बिताउंगा।’
पर्रिकर ने कहा कि पूर्व-सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए सारे प्रयास किये जाएंगे।