हमारे यहां तो रिश्ते आसमान में नहीं, 'Aisle' पर बनते हैं...
“रिश्ते आसमान में बनते हैं” लेकिन भारत में ये बन रहे हैं "Aisle.co" पर
आज के युग में जीवन-साथी ढूंढना कोई मुश्किल और जटिल काम नहीं है. और टेक्नोलॉजी ने इस काम को और भी आसान कर दिया है. वो दिन लद गए जब आप आप अपने दोस्तों के माध्यम से मुलाकात का वक़्त तय करते थे. आज आप वेबसाइट पर विभिन्न प्रोफाइल्स को देख सकतें है और उनमें अपने संभावित जीवन साथी से सीधे जुड़ सकते हैं. इस माध्यम से आप न केवल अपने संभावित मित्र की रुचियों के विषय में जान पाते हैं बल्कि उस से सम्बन्ध में और भी बहुत कुछ जान सकते हैं, जिस से कि आप को इस सम्बन्ध को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है.
लेकिन भारत में अभी भी यह काम थोड़ा भिन्न है. यहाँ बहुत कम लोग ही इस माध्यम से अपना सखा तलाशते होंगे. यह पश्चिमी अवधारणा अपने यहाँ विभिन्न विविधताओं के कारण पूरी तरह काम नहीं करती दिखाई देती है. हम भारतीय सामन्यतः बहुत ही चूजी होते हैं और तात्कालिक आनंद के लिए मित्रता नहीं करते हैं. हम उन्ही लोगों से मिलना पसंद करते हैं जिन के साथ अपना भविष्य जुड़ा देखते हैं, लेकिन इस तरह के रिश्तों को परिपक्व होने में बहुत वक़्त लग जाता है. हमेशा से माता-पिता या अभिभावक ही अपनी पुत्रियों या पुत्र के विवाह के लिए उनकी प्रोफाइल वैवाहिक वेबसाइट पर डालते रहे हैं. और इस प्रक्रिया के लिए भारतीयामॅट्रिमोनी और शादी डॉट कॉम प्रमुख वेबसाइट रही है. लेकिन अभी भी इस प्रकार के प्रयास ऑफलाइन ही होते हैं.
अब यह पारम्परिक तरीका युवा भारत को रास नहीं आ रहा है. आज के भारतीय युवा अपने होने वाले जीवन-साथी को बेहतर ढंग से समझने के लिए उनके साथ पर्याप्त समय गुजारना चाहते है. यद्यपि की वो "Tinder" और "Thrill" जैसी वेबसाइट पर उपलब्ध कैजुअल डेट तो नहीं करना चाहते लेकिन साथ ही शादीडॉटकॉम के विवाह प्रस्ताव के लिए भी वो तैयार नहीं हैं.
जोसफ, जो कि जीवन के शुरूआती दौर की कठिनाइयों के बाद बैंगलोर से दुबई चले गए हैं, ने भी इस समस्या का सामना किया. जोसफ चाहते थे की विवाह करने के निर्णय तक पहुचने के पहले वह अपने होने वाले जीवन साथी के साथ कुछ समय गुजारें लेकिन उन्हें इस प्रकार का कोई नहीं मिल पा रहा था. इसी दौरान उनकी मुलाकात उनकी एक पुराने दोस्त सृस्टि कटारिया से हुयी. सृस्टि मुंबई विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान पढ़ाती थी और वो भी संभावित साथी के साथ कुछ वक़्त गुजारना चाहती थीं किन्तु उन्हें भी ऐसा कोई नहीं मिल पा रहा था जिस के साथ वो निर्भय हो कर डेट कर सकें.
और फिर इसी समय उन्हें लगा कि इस समस्या के समाधान के लिए वो दोनों शायद सबसे उपयुक्त हैं. और इस प्रकार कि अवधारणा के बाद वो अविवाहित भारतीयों के लिए “Aisle.com" लेकर सामने आये. इन्होने अपने इस मंच को "Tinder" और “शादीडॉटकॉम” के सापेक्ष रखा है. यह इस प्रकार की पारम्परिक वेबसाइटों से इस प्रकार भिन्न है कि इसमें युगलों को साथ आने के पहले साथ रहने का मौका मिलता है.
Aisle इस वैवाहिक यात्रा को मित्रता,प्रणय-निवेदन, प्रेम और फिर विवाह इस क्रम में रखती है जबकि अन्य पारम्परिक वेबसाइटों यह क्रम इसका ठीक उल्टा होता है.
यह मंच अभी प्रारंभिक परीक्षण के एकदम ताजा दौर में है. इसीलिए जब आप इस वेबसाइट के मुख-पृष्ठ पर पहुंचते हैं तो रजिस्टर करने के लिए आपको अपना प्रोफाइल विवरण भर कर प्रेषित करना होता हैं. सृस्टि उस टीम कि मुखिया हैं जो जाँच-परख कर के विवरणों के वैधता कि पुष्टि करती हैं. वेबसाइट को वो आला दर्जे की विश्वसनीय समुदाय बनाना चाहती हैं और इसी लिए उन्होंने एक लम्बी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अपनायी हुयी है. इसके साइन-अप फॉर्म में विस्तृत रूप से अपनी रुचियों के विषय में बताना पड़ता हैं जिस से कि आपको सही साथी चुनने में मदद मिलती हैं. इन्होने इसमें नगरीय तत्व भी समाहित किया हैं जिस से कि जुड़ने से पहले लोग एक दूसरे के विषय में बेहतर ढंग से जान सकें. सभी को संगीत प्रिय हैं लेकिन किस सीमा तक? क्या उन्हें संगीत खाना बनाने से अधिक अच्छा लगता हैं? इसका "इंटरेस्ट बार" इस बारे में आपको बता सकता हैं. यह भी जानना महत्वपूर्ण होता हैं कि व्यक्ति सहज हैं, ईमानदार हैं या वह एक बच्चे को गोद लेने का इक्षुक हैं. और "Aisle" का "Preference" खंड आपको ये सूचनाएं देता है.
दुबई में शुरूआती दिनों के अपने अनुभव से हासिल योग्यता के आधार पर जोसफ इसकी डिजायन की देखभाल करते हैं. इसके साथ ही वो निजी तौर इस उत्पाद की स्थित पर भी खास नजर रखते हैं. वो नहीं चाहते कि उनकी वेबसाइट कि तुलना दूर दूर तक किसी कैज़ुअल डेटिंग या वो वेबसाइट जो शहरी भारतीयों के लिए काम नहीं करती हैं, से की जाय. उनकी इक्षा हैं कि सहमना अविवाहित भारतीयों के लिए इस क्षेत्र में बंद समुदाय के रूप में एक नई खिड़की कुल सके.
और इसी लिए “Aisle” अपने उत्पाद के संवर्धन हेतु सर्जनात्मक तरीके से काम कर रहा हैं. और उनकी इस सर्जनात्मकता पर उनका भविष्य निर्भर करेगा.