सिंधु की ब्रांड वैल्यू 10 गुना बढ़कर हुई दो करोड़ रूपये
भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु जल्द ही अपना पहला कारपोरेट प्रायोजन करार घोषित करेगी जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि उसकी ब्रांड वैल्यू अब पहले से 10 गुना बढ़कर दो करोड़ रूपये तक हो गयी है। सिंधु के ब्रांड प्रबंधन की देखरेख कर रही ‘बेसलाइन वेंचर्स’ के सह संस्थापक और निदेशक रामकृष्णन आर ने कहा कि वे इस शटलर के पहले कारपोरेट प्रायोजन की घोषणा सितंबर के दूसरे हफ्ते में कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हालांकि प्रायोजन ओलंपिक से पहले कर लिये गये थे, इसलिये वे उनकी घोषणा नहीं करना चाहते थे क्योंकि प्रतियोगिता की तैयारी को देखते हुए उसका काफी व्यस्त कार्यक्रम था।
रामकृष्णन ने पीटीआई से कहा, ‘‘ओलंपिक से पहले दो ब्रांड से करार हुआ था। हम उनकी घोषणा नहीं कर पाये थे क्योंकि ओलंपिक की तैयारियां चल रही थी। इसलिये हम ओलंपिक से पहले उसे ज्यादा प्रोमोट नहीं करना चाहते थे। हम सितंबर के दूसरे हफ्ते में इनकी घोषणा कर सकते हैं। ’’ बेसलाइन एक अन्य बैडमिंटन खिलाड़ी श्रीकांत का भी काम देखते हैं।
सिंधु हाल में समाप्त हुए ओलंपिक खेलों में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी, वह फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार गयी थी।
कंपनियां सिंधु से अनुबंध करने के लिये बेताब हैं लेकिन इस शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी की ब्रांड प्रबंधन फर्म उसकी ब्रांड वैल्यू और बढ़ने देना चाहती है। इसलिये वह अनुबंध करने में धीरे धीरे आगे बढ़ना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सिंधु के प्रायोजन के लिये काफी प्रस्ताव मिल रहे हैं। ब्रांड को बनाने में समय लगता है इसलिये हम धीरे धीरे आगे बढ़ना चाहते हैं और सिंधु की ब्रांड वैल्यू को बढ़ाना चाहते हैं जो काफी अहम है। ’’ ब्रांड एवं व्यवसायिक रणनीति के विशेषज्ञ हरीश बिजूर ने कहा कि ओलंपिक के बाद सिंधु की ब्रांड वैल्यू दो करोड़ रूपये तक पहुंच गयी है जिसे विभिन्न राज्य सरकारों ने नकद पुरस्कार देकर और बढ़ा दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक के बाद दो और तीन चीजें हुई हैं। एक तो नकद पुरस्कार है जो विभिन्न राज्य सरकारों ने दिया है। अब ये सब चीजें सिंधु की ब्रांड वैल्यू को बढ़ा रही है। राज्य सरकार ने सिंधु को पांच करोड़ रूपये दिये हैं, इसका मतलब है कि ब्रांड वैल्यू और उंची चली गयी है। ’’ बिजूर ने कहा, ‘‘इसलिये ओलंपिक के बाद अचानक सिंधु की ब्रांड वैल्यू 20 से 30 लाख रूपये से बढ़कर दो करोड़ रूपये तक पहुंच गयी है। ’’ - पीटीआई