30 अरब डालर की लागत से देश की सबसे बड़ी रिफ़ाइनरी की योजना
देश की सबसे बड़ी रिफ़ाइनरी पर 30 अरब डालर या दो लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन आयल कारपोरेशन (आईओसी), भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन (बीपीसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन (एचपीसीएल) तथा ईआईएल की योजना इस रिफ़ाइनरी का निर्माण पश्चिमी तट पर करने की है।
आईओसी के निदेशक (रिफाइनरी) संजीव सिंह ने पीटीआई से विशेष बातचीत में कहा कि दो चरणों में 6 करोड़ टन सालाना की रिफ़ाइनरी तथा विशाल पेट्रोरसायन परिसर स्थापित किया जाएगा। पहला चरण 4 करोड़ टन का होगा। इसमें एरोमैटिक परिसर, नाफ्था कै्रकर तथा पालिमर परिसर शामिल होंगे। पहले चरण पर 1.2 से 1.5 लाख करोड़ रपये की लागत आएगी। भूमि अधिग्रहण की तारीख से इसे 5-6 साल में पूरा किया जाएगा।
संजीव सिंह ने बताया कि इस विशाल परिसर के लिए 12,000 से 15,000 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। महाराष्ट्र तट पर इसके लिए दो-तीन साइटों को देखा जा रहा है। सिंह ने कहा कि दूसरे चरण में 50,000 से 60,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
आईओसी पश्चिमी तट पर रिफ़ाइनरी की संभावना इसलिए देख रही है क्योंकि उसकी ज्यादातर रिफाइनरियां उत्तर में हैं और उसके लिए पश्चिम तथा दक्षिण के ग्राहकों की जरूरत को पूरा करना मुश्किल हो रहा है।
एचपीसीएल तथा बीपीसीएल भी बड़ी रिफ़ाइनरी की संभावना तलाश रही हैं क्यांेकि उसे मुंबई इकाइयों में अड़चनों का सामना करना पड़ रहा है। इस रिफाइनरी में पेट्रोल, डीजल, एटीएम, एलपीजी के साथ महाराष्ट्र के प्लास्टिक, रसायन तथा कपड़ा उद्योग को पेट्रोरसायन संयंत्रों के लिए कच्चे माल का उत्पादन होगा। पहले चरण में सार्वजनिक क्षेत्र में 1.5 करोड़ टन क्षमता वाली अभी तक सबसे बड़ी रिफाइनरी है। आईओसी ने हाल में ओड़िशा के पारादीप में डेढ़ करोड़ टन क्षमता की रिफाइनरी शुरू की है।
अभी देश में सबसे बड़ी रिफाइनरी स्थापित करने का श्रेय निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज को जाता है। उसने पहली रिफाइनरी गुजरात के जामनगर में 2.7 करोड़ टन क्षमता की स्थापित की थी। अब इसे बढ़ाकर 3.3 करोड़ टन सालाना कर दिया गया है। इसके बगल में रिलायंस ने 2.9 करोड़ टन क्षमता की रिफाइनरी स्थापित की है। यह रिफ़ाइनरी निर्यात के लिए है।
आईओसी की रिफ़ाइनरी जनवरी से बीएस-चार मानकों वाला डीजल की आपूर्ति करेगी
भारतीय तेल निगम (आईओसी) के स्वामित्व वाली गुजरात रिफाइनरी जनवरी से भारत चरण (बीएस)-4 मानकों वाला डीजल की आपूर्ति शुरू करेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी।
आईओसी के कार्यकारी निदेशक एस के धर गुप्ता ने पीटीआई से कहा, ‘‘बीएस-4 मानकों वाला ईंधन उत्पादन करने के लिये आईओसी डीजल शोधन तथा हाइड्रो शोधन इकाइयों का पुनरूद्धार करने के लिये 1,800 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निवेश गुणवत्ता उन्नयन अभियान का हिस्सा है जो केंद्र सरकार की वाहन ईंधन नीति के तहत उत्सर्जन मानकों के लिये शुरू किया गया है।’’ गुप्ता ने कहा कि इस उन्नयन कार्यक्रम से शहर के बाहरी भाग में कोयली गांव में स्थित रिफाइनरी 100 प्रतिशत बीएस-4 मानकों वाला डीजल एवं पेट्रोल की आपूर्ति कर सकेगी। (पीटीआई)