टाइमसेवर्स ने कामकाजी महिलाओं का बचाया बेशकीमती समय
टाइमसेवर्स ने हल की है कई समस्याएंमुंबई, पुणे और बैंगलोर के लोगों को सेवाएं दे रहा है टाइमसेवर्स।पांच सौ से ज्यादा कंपनियां जुड़ चुकी हैं टाइमसेवर्स के साथ।
कोई भी कार्य कठिन व आसान हमारे इरादों से बनता है। अगर इरादे मजबूत हैं तो नामुमकिन सा दिखने वाला काम भी आसानी से हो जाता है लेकिन अगर मन में भय है और इरादे पक्के नहीं हैं तो आसान सा काम भी पहाड़ जैसा लगने लगता है। देबादत्त उपाध्याय एक ऐसी महिला उद्यमी हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत, लगन और तजुर्बे के आधार पर टाइमसेवर्स की नीव रखी और इसके माध्यम से आज वे महिलाओं की दिक्कतें दूर करने की कोशिश में लगी हैं।
देबादत्त टाइमसेवर्स की सह-संस्थापक और सीईओ हैं। देबादत्त का जन्म उड़ीसा के राउरकेला में हुआ। मन में पत्रकार बनने की इच्छा उनकी बचपन से ही थी। अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए देबादत्त ने मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई की और टाइम्स ऑफ इंडिया नागपुर में नौकरी के लिए अप्लाई किया। लेकिन जल्दी ही उन्होंने पत्रकारिता करनी छोड़ दी और मीडिया सेल्स विभाग को चुन लिया। उसके बाद उन्होंने कई बड़ी व नई कंपनियों के साथ काम किया।
देबादत्त के पिता ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर थे तथा मां भी काफी पड़ी लिखी महिला थी। राउरकेला में कुछ साल बिताने के बाद उनका परिवार छत्तीसगढ़ आ गया। उसके बाद वे नागपुर आ गईं और यहां आकर उनकी शादी हो गई। शादी और बच्चे होने के बाद देबादत्त के लिए नौकरी करना मुश्किल हो रहा था। उन्हें काफी दिक्कतें आ रही थीं लेकिन फिर भी वे नौकरी करती रहीं।
देबादत्त हमेशा से ही कुछ अपना काम करना चाहती थीं। सन 2012 की बात है एक दिन देबादत्त अपने एक मित्र लवनीश भाटिया से बात कर रही थीं और अपनी दिक्कतों को उनके साथ बांट रही थीं तभी दोनों ने तय किया कि क्यों न ऑफिस जाने वाली महिलाओं के लिए कुछ ऐसा काम किया जाए जिससे उनकी दिक्कतें थोड़ी कम हों। कई सारे काम सोचे गए जिसमें से टाइमसेवर्स ही ऐसा आइडिया था जो दोनों को बहुत पसंद आया।
टाइमसेवर्स एक ऐसी सेवा है जिसके माध्यम से लोग अपने घरों में नल-पाइप की मरम्मत, सफाई, बिजली से जुड़ी समस्याएं और रोजमर्रा के उपकरणों को ठीक करवा सकते हैं। कंपनी का प्रत्येक एजेंट सर्टिफाइड है और उसे सॉफ्ट स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाती है।
आज टाइमसेवर्स से लगभग 500 से अधिक सेवा प्रदाता कंपनियां जुड़ी हैं जो अपने एक्सपर्टस के जरिए मुंबई, पुणे और बैंगलोर में अपनी सेवाएं दे रही हैं। ग्राहक अपनी सुविधा के अनुसार समय का निर्धारण कर सकता है और बिना किसी दिक्कत के सेवाएं प्राप्त कर सकता है। ग्राहक को बस मोबाइल या इंटरनेट के जरिए बुकिंग करनी होती है और घर आने के लिए उपयुक्त समय बताना होता है। उसके बाद जो समस्या बताई गई होती है उसे ठीक करने के लिए एक्सपर्ट घर आ जाते हैं।
इस सेवा के कई फायदे हैं। ग्राहक को एक काम कराने के लिए कई जगह नहीं भटकना नहीं पड़ता। टाइमसेवर्स एक ऐसा स्थान है जहां जाकर उसे अपनी कई घरेलू समस्याओं को दूर करने के लिए हल मिल जाता है। टाइमसेवर्स द्वारा भेजे गए हर कारीगर की वेरिफिकेशन होती है जो सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी सही है। यह एक नई पहल है जो लोगों को खासकर महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है।
देबादत्त आज एक सफल उद्यमी हैं। वे घर के साथ-साथ आसानी से अपना कार्य भी कर रही हैं। भविष्य में बच्चों की शिक्षा के लिए कुछ करना चाहती हैं और भारत में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाना चाहती हैं।