मदद ने रखी 'लगेजडील्स' की नींव
...क्योंकि धंधे में दिल भी जरूरी होता है
अहमदाबाद के निरमा यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले और कुछ साल तक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करने वाले प्रशांत शाह की जिंदगी पिछले साल एक घटना के बाद पूरी तरह बदल गई।
प्रशांत अपनी बहन के भेजे राखी और मिठाइयों का पार्सल लेने के लिए एक कुरियर कंपनी की ओर जा रहे थे। जब वो कुरियर कंपनी के दफ्तर पहुंचे, तो वहां उन्होंने महिला को कुरियर कंपनी के अधिकारी के साथ मोल-भाव करते देखा। प्रशांत अपना पार्सल लेकर कुरियर कंपनी के दफ्तर से निकल ही रहे थे कि उस महिला ने प्रशांत को अपना दर्द सुनाया। उसने बताया कि उसे राजस्थान के एक दूर-दराज गांव में अपने बीमार पिता के लिए दवा भेजनी है, लेकिन वो इसके लिए कुरियर का 400 रुपये खर्च करने में सक्षम नहीं है। उसने बताया कि उसने एक संस्था की मदद से दवाइयां तो खरीद ली है लेकिन इसे भेजने के लिए उसके पास सिर्फ 100 रुपये ही हैं।
प्रशांत ने हालात को समझते हुए कुरियर कंपनी के अधिकारी को बाकी बचे पैसे का भुगतान कर दिया और महिला के बताए पते पर पार्सल भेजने की गुजारिश की। इसके बाद वो महिला नम आंखों से प्रशांत से कहने लगी कि उसका एक भाई है, लेकिन वो बहुत स्वार्थी है और कभी भी बीमार माता-पिता की मदद नहीं करता है। महिला ने बताया कि उससे जितना हो पाता है, वो अपने माता-पिता की मदद करती रहती है। महिला ने प्रशांत से आगे कहा, “आज आपने जिस तरह मेरी परेशानी देखकर बिना किसी स्वार्थ के मेरी मदद की, उससे मुझे लगता है जैसे आप ही मेरे भाई हो। आपको ईश्वर हमेशा खुश रखे। आपको रक्षा बंधन की अग्रिम शुभकामनाएं।”
प्रशांत के लिए ये दिल को हिला कर रख देने वाली घटना थी। उसे लगा कि एक छोटी सी रकम कई लोगों की जिंदगी में कितना मायने रखती है। उसने तभी अपनी नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला किया और लगेजडील्स की शुरुआत की।
लगेजडील्स एक ऑनलाइन पोर्टल है, जो पूरी तरह से ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स उद्योग को समर्पित है। इस पोर्टल पर आपको पार्सल या कुरियर भेजने के लिए छूट, ऑफर या स्कीम मिल सकते हैं। यूजर्स को बस इस पोर्टल पर रजिस्टर करना होता है और फिर वो छूट या रियायत का फायदा उठा सकते हैं। फिलहाल देश के चार शहरों, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और मुंबई में प्रोफेशनल कुरियर और महावीर कुरियर सर्विस जैसी कंपनियों के साथ इसकी सेवा चालू है।
हालांकि, ये पूरी तरह से एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है और कुरियर कंपनी में प्रशांत जिस महिला से मिले थे, उन जैसे लोगों को तक इसका फायदा भी तुरंत नहीं पहुंचेगा, लेकिन इसका मकसद कुरियर कंपनियों की सेवा को लोगों तक रियायती दरों पर पहुंचाना है। ये पोर्टल एक ऐसी जगह भी बन गई है, जहां दरों का नियमन होता है और जहां ग्राहकों के साथ-साथ कुरियर कंपनियों को भी सूचनाएं मिलती रहती हैं।
प्रशांत इस काम में पूरी तरह से शामिल हैं और जबकि इस काम में उनके दो साझीदार दिन में नौकरी भी करते हैं। लगेजडील्स पोर्टल अभी अपने शुरुआती दौर में है और इस पर अभी बहुत काम करना बाकी है, लेकिन इसे शुरू करने के पीछे का जो मकसद है, वो काफी नेक है। प्रशांत बताते हैं, “भविष्य में हमारी योजना इस पोर्टल की सेवा को महानगरों से लेकर 3 और 4 टायर शहरों तक ले जाने की है। इसके साथ ही हमलोग इसका एक मोबाइल एप्लिकेशन भी तैयार करने की सोच रहे हैं।”
अगर हम इस पर गौर से नजर डालें, तो पता चलेगा कि आज ई-कॉमर्स के क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स एक अहम किरदार निभाता है और हमने तो देखा है कि कई कंपनियां बेहतर नतीजे के लिए नए-नए उपाय भी करती हैं। सेम डे डेलिवरी, मिंत्रा की एक घंटे में डेलिवरी का वादा जैसे पायलट स्कीम भारत में लॉजिस्टिक्स की बदलती तस्वीर के उदाहरण हैं। प्रशांत को अभी लगेजडील्स के साथ लंबा सफर तय करना है, लेकिन इस क्षेत्र में ऐसा ग्राहकों को फायदा पहुंचाने के मकसद से कुछ सोचने और करने प्रशांत की तारीफ तो बनती ही है।