गरीब सो रहा चैन की नींद और अमीर ले रहा नींद की गोली : मोदी
नोटों को अमान्य करने के अपने फैसले को गरीबों का समर्थक बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टों की रातों की नींद उड़ गयी है और गरीब आदमी चैन की नींद सो रहा है । मोदी ने भाजपा की परिवर्तन यात्रा में कहा, ‘‘ विमुद्रीकरण के बाद गरीब आदमी चैन की नींद सो रहा है जबकि अमीर नींद की गोलियों के लिए चक्कर काट रहा है ।’’ गरीबों के समक्ष आ रही समस्याओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराने पर विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आम आदमी को पेश आ रही समस्याओं को वह बेहतर समझते हैं । उन्होंने कहा, ‘‘ आप : कांग्रेस : बयान जारी करते हैं । मैं गरीबों की नब्ज समझता हूं।’’ विपक्ष को फटकार लगाते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ विमुद्रीकरण के बाद कुछ राजनीतिक पार्टियां परेशान हैं... उन्हें नोटों की मालाएं पहनने की आदत थी... अब उनके पास केवल एक ही विकल्प बचा है कि 500 और 1000 के नोटों को रद्दी की टोकरी में डाला दें । ’’ मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘ कुछ लोगों के चेहरों पर मुस्कान है । वे यहां तक कहते हैं कि मोदीजी आपने एक अच्छा काम किया है । लेकिन वे अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को मेरे फैसले का विरोध करने को उकसाते हैं ।’’ उनका परोक्ष इशारा बसपा, सपा और आप की तरफ था जिन्होंने इस कदम की आलोचना की है ।
मोदी ने कहा कि इस कदम से बहुत शक्तिशाली लोगों पर असर पड़ेगा लेकिन वह गरीबों की खातिर लड़ने के लिए तैयार हैं । उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे पता है कि मुझे बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि जिन लोगों के पास भारी पैसा है वे बड़े ताकतवर लोग हैं लेकिन मैंने यह लड़ाई गरीब के लिए छेड़ी है ।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज 500 और हजार रुपये के नोटों का चलन बंद किये जाने को लेकर अपनी सरकार पर हमलावर हुए विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि ईमानदारी के महायज्ञ से तकलीफजदा इस पार्टी ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिये नहीं, बल्कि इंदिरा गांधी की गद्दी बचाने के लिये आपातकाल लगाकर देश को जेलखाना बना दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने परिवर्तन यात्रा रैली में माना कि 500 और हजार रुपये के नोट बंद किये जाने से आम लोगों को तकलीफ हो रही है, जिसकी खुद उन्हें भी बहुत पीड़ा है और वह उसे दूर करने के लिये दिन-रात एक कर रहे हैं, लेकिन देश से आतंकवाद, नक्सलवाद और उग्रवाद की जड़ काटने और बेईमानी से जमा किये गये धन को खत्म करने के लिये यह ’कड़क’ कदम उठाना जरूरी था। मोदी ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर देश की जनता को गुमराह करने वाले नेताओं खासकर कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि क्या उसने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए आपातकाल लगाकर देश को जेलखाना बनाया था? देश को याद है कि इलाहाबाद की अदालत ने इंदिरा गांधी को सांसद पद से हटा दिया था। कांग्रेस ने सिर्फ उनकी गद्दी बचाने के लिये देश को जेलखाना बना दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस वालों ने तो अपनी कुर्सी के लिये 19 महीने देश को जेलखाना बना दिया था। मैंने तो गरीबों की खुशी के लिये थोड़े दिन तकलीफ झेलने की प्रार्थना की है। मुझे एक बार फिर आशीर्वाद दीजिये। मेरे देश में बेईमानों के दिन खत्म होकर रहेंगे। मोदी ने कहा कि सीमापार से हमारे दुश्मन नकली नोट छापकर हमारे देश में भेज रहे हैं। मैं उन नेताओं से पूछना चाहता हूं कि आतंकवाद और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ने के लिये यह जाली नोटों का खात्मा होना चाहिये कि नहीं? मुझे बताइये कि 500 और 1000 की नोट पर अगर मैं हमला ना बोलता तो क्या जाली नोट खत्म हो सकते थे? जब से इन नोटों पर हमला बोला है तब से यह नेता परेशान हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ’’मेरे बचपन में लोग कहते थे कि मोदी जी जरा चाय कड़क बनाना। मुझे तो बचपन से आदत है। मैंने निर्णय कड़क लिया। गरीब को कड़क चाय भाती है लेकिन अमीर का मुंह बिगड़ जाता है।’’