....ताकि आप चैन की नींद सो सकें
Peps Mattresses”लोगो को सुखद नींद देने की अपनी मुहीम में लगा है
एक पुराने फ़िल्मी गाने की लाइन को कोई कैसे सफल व्यापार में बदल सकता है इसी की कहानी है यह. वो स्नातक की पढाई के बाद से ही इस व्यवसाय में थे. और फिर लगभग 30 साल के बाद अपनी 55 वर्ष की आयु में उन्होंने वो शुरुआत की जो की भारत की स्प्रिंग गद्दे से जुड़े उद्योग को बदल देने वाला है.भारत में स्प्रिंग गद्दा उद्योग में लगभग 55% भागीदारी के साथ “Peps Mattresses” लोगो को सुखद नींद देने की अपनी मुहीम में लगा है.
योर स्टोरी से बात-चीत के दौरान “Peps Mattresses” के प्रबंध निदेशक और सह-संस्थापक श्री के माधवन ने कंपनी की इस पूरी यात्रा के बारे में बताया.
"हमने कोयंबटूर में एक फैक्ट्री के बिकने के बारे में सुना, इसमें में हमारी रूचि इस लिए थी कि इस फैक्ट्री में स्प्रिंग वाले गद्दों का निर्माण किया जा सकता था. स्प्रिंग वाले गद्दों के व्यवसाय में लोगो की ज्यादा रूचि नहीं रही है फिर भी 2005-06 से इसमें कुछ बदलाव आया है." माधवन याद करते हुए बताते हैं.
उन्होंने दो साझीदारों को साथ लेकर इस उद्योग में जोखिम उठाने का फैसला किया. हालाँकि उस समय भी इस उद्योग का केंद्र बिंदु पारम्परिक नारियल के रेशे वाले गद्दों पर ही था. "इस उद्योग में हमारे अलावा मात्र एक और ही प्रतिदव्न्दी था और हमारे सामने असीमित संभावनाओं का द्वारा खुला हुआ था." वो मुस्कुराते हुए बताते हैं.
“Peps Mattresses” का विकास वास्तव में चौंका देने वाला है. अपने पहले साल में उन्होंने 8700गद्दों का उत्पादन किया लेकिन वर्ष 2013-14में इन्होने 1.48 लाख गद्दों का निर्माण कर डाला. जो की इनके सकल विक्रय आकंड़े का लगभग 38% था. "हमें एक तरह से पारम्परिक गद्दों के समक्ष स्प्रिंग वाले गद्दों को स्थापित करने की सनक सवार थी. विश्व की लगभग 77% आबादी गद्दों पर सोती है और 35लाख भारतीय विदेश यात्रयीं करते हैं. इस प्रकार आप देख सकते है कि इस के बाजार में कितनी सशक्त संभावनाएं हैं.और इसके लिए हमें बस उन्हें सुख के साधन के रूप में सस्ता और गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद मुहैया करना था." माधवन कहते है. उनकी सफलता का एक और पैमाना उनके वितरण व्यवस्था के विस्तार के रूप में देखा जा सकता है, जिनकी संख्या देश भर में शुरू के 47 से आज 9050 वितरकों तक जा पहुंची हैं. “Peps Mattresses” की स्थापना के माधवन, जी शंकरम और पी मंजुनाथ के द्वारा की गयी थी. "हम तीनो ही गद्दे के उद्योग में निर्माण की पृष्ठभूमि के हैं.हमें ग्राहक की आवश्यकताएं पता है, उसी के अनुसार हम निर्माण में लगे भी थे. हमें ये भी पता था कि और क्या किये जाने की आवश्यकता है." माधवन कहते हैं.
ये तीनो लोग २० वर्षों से साथ साथ व्यवसाय कर रहे हैं. “Peps Matteresses” में इस्तेमाल होने वाली तकनीकी आंशिक रूप से अमेरिका के एक ब्रांड "Restonic" जैसी और बाकी इनकी अपनी है.
के माधवन, पी मंजुनाथ और जी शंकरम - "Peps Mattresses " के सह-संस्थापक
शुरआत में इन तीनो को स्प्रिंग वाले गद्दों से जुडी स्थापित धारणाओं से निबटना था. इस उत्पाद के विषय में बहुत लोगो की यह धारणा है कि यह असुविधाजनक, जल्दी टूटनेवाला और सोफे और बेड के मिलेजुले रूप का होता है. "अनुभव ऐसा था कि छ महीने में ही इसकी स्प्रिंग्स बाहर आ जाती थी और यह अत्यंत असुविधाजनक हो जाता था." माधवन समझाते हैं. "दूसरी सोच थी कि ये बहुत महंगें होंगें. लोग सोचते थे कि एक स्प्रिंग गद्दे के दाम में वो तीन पारंपरिक नारियल रेशे वाले गद्दे खरीद सकते हैं."
इस तरह की धारणाओं से निबटने के लिए उन्होंने "Affordable Luxry " के नाम से एक उप ब्रांड प्रारम्भ किया जो कि दाम और गुणवत्ता में एक विश्वस्तरीय और पारम्परिक गद्दे के बीच का था. उन्होंने अपने अपने स्प्रिंग गद्दे के वितरकों के प्रशिक्षण पर भी बहुत ध्यान दिया, जिस से कि वो ग्राहकों को विभिन्न गद्दों के अंतर और उसके फायदे के विषय में उपयुक्त रूप से समझा सकें. "हमने लोगों के रूचि और आवश्यकता के अनुसार अपने उत्पाद में परिवर्तन किया, साथ ही उनका मूल्य ग्राहकों के बजट के अनुरूप रखा और अपने वितरकों को प्रशिक्षित किया." वह गर्व से कहते हैं- “हमारे गद्दे गुणवत्ता, विश्वसनीयता और टिकाऊपन के लिए जाने जाते हैं और इसका प्रमाण यह है की अगर आप हमारा यह उत्पाद खरीदना चाहते हैं तो आपको एक सप्ताह प्रतीक्षा करनी पड़ेगी. और हमारी प्राथमिकता है कि इस प्रतीक्षा अवधि को घटा कर २४ घण्टे तक ले आया जाय.”
पहले के चार सालों में हमने विज्ञापन पर कोई खर्च नहीं किया. हमारा विश्वास हमारे हर ग्राहक के साथ और अपने कंपनी में ही व्यक्तिगत सम्बन्ध में है. वो हमें बताते है "अभी जल्दी ही हमने विज्ञापन करना शुरू किया है." "Peps Matteres" का पहला टीवी विज्ञापन पिछले साल आया और कुछ ही महीने पहले उन्होंने बांग्लादेश में हुए एशिया कप को प्रायोजित किया था.
माधवन याद करते हुए बताते हैं-"जब हमने शुरुआत की थी तो हमारे आस-पास केवल रुई के गद्दे ही थे और लोग नींद के लिए निवेश करने के विषय में सोचते भी नहीं थे. " उद्योग एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ गद्दा खरीदते समय ग्राहकों की भागीदारी न्यूनतम होती है." अगर मैं पूछूँ कि आप किस गद्दे पर सोते हैं या आप अपने गद्दों को कितने दिनों में बदलते हैं या आप गद्दों की कितनी उपलब्ध किस्मों के बारे में जानते है तो यकीन मानिए ज्यादातर लोगों को इन प्रश्नों के उत्तर नहीं पता होंगे." वो विश्वास के साथ कहते हैं.
"Peps ने लोगों के औसत सोने के तरीके को लेकर कई शहरों में सर्वे करवाया. बैंगलोर में सबसे कम साढ़े चार घंटे लोग सोते हैं. (मजाक में वो कहते हैं कि शायद मै ही एक अकेला हूँ जो सुबह अलार्म की स्नूज़ बटन के साथ संघर्ष करता हूँ.) लेकिन लोगों को नहीं पता कि पर्याप्त गहरी नींद की कमी उनकी उत्पादकता को प्रभावित करती है."
नोट: यह सर्वे फीफा विश्व कप के शुरू होने से पहले करवाया गया था और उस समय रात के जीवन (Night Life) की समय सीमा 11:30 बजे रात तक ही थी.
अपने ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए "Peps" ने एक गद्दे की कम्पनी की बजाय नींद (स्लीप) शब्द का इस्तेमाल किया. वास्तव में इनके रिटेल स्टोर "ग्रेट स्लीप स्टोर" के नाम से जाने जाते हैं. जो एकदम एक शयन कक्ष जैसे हैं. "हम अपने ग्राहकों को गद्दों को परखने के लिए कहते हैं. हम उन से कहते हैं कि जाइए, इस पर एक झपकी लेकर देखिये. एक गद्दा जो मेरे लिए आरामदेह है वो आपको भी अाराम दे यह आवश्यक नहीं है-यह शरीर की बनावट पर निर्भर करता है. क्या मेरा जूता पहन सकते हैं? नहीं न?" वो इशारा करते हैं. "ग्रेट स्लीप स्टोर" अन्य ब्रांडेड सामग्री जिसे तकिया, कम्बल आदि भी बेचता है.
"बिस्तर लगाना एक कला है. सोने के बारे में हमारी सोच इतनी अस्वास्थ्यकारी है कि आधे लोग तो बिना किसी बेडशीट के ही सोते हैं." हमारे दुकानदारों को उत्पाद की श्रेणी के विषय में पूरी जानकारी है और वो ग्राहकों को यह निर्णय लेने में मदद करने के लिए प्रशिक्षित हैं कि उन्हें कौन सा गद्दा लेना चाहिए. वो तकिया या अन्य कोई उत्पाद भी उसी शिद्दत से बेचते हैं जिस से की गद्दा. Peps के लिए अभी सबसे बड़ा बाजार केरल और तमिलनाडु है साथ ही दिल्ली, मुंबई, पुणे और बंगलौर भी सशक्त बाजार के रूप में उभर रहे हैं. हमें कर्णाटक और महाराष्ट्र में भी अभी भीतर तक पैठ बनाने की जरूरत है. हमें नहीं लगता कि वहां हमारा प्रयास संतोषजनक रहा है." माधवन का कहना है. हाल ही में उन्होंने पश्चिमी बंगाल और ओडिशा में प्रवेश किया है है और शीघ्र ही असम में भी प्रारम्भ करने वाले हैं. इसके अतिरिक्त सीधे ग्राहकों को अपना उत्पाद बेचने के साथ ही इन्होने कुछ होटल्स के साथ भी गठजोड़ किया है.
"हमारे यहाँ की कार्यशैली में अनुशाशन के उच्च मानकों का पालन किया जाता है, लेकिन साथ ही कर्मचारी-मालिक रिश्ते की बजाय हम गुरु-शिष्य की संस्कृति का पालन करते हैं. हम व्यापार की निरंतरता के लिए प्रणालियों और प्रक्रियाओं पर भी खासा जोर दे रहें हैं."
व्यापारिक सफलता के लिए उनकी सलाह है कि :
१. जब आपके अंदर कुछ भी करने का संकल्प एवं दृढ़-इक्छा शक्ति है, तो आपको कोई नहीं नहीं रोक सकता और वो काम आप कर के ही रहेंगे. दिल में काम करने की लगन उस काम के प्रति आपकी दृष्टि (Vison) से ज्यादा महत्वपूर्ण है.
२. अनम्य नहीं हों. आपको लचीला रूख अपनाना चाहिए. क्योंकि आपको विभिन्न लोगों की अलग अलग आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करते रहना है. यहाँ तक कि इस उम्र में भी मैं अपने आप को अद्यतन सूचनाओं से परिपूर्ण रखने के लिए अच्छा खासा समय देता हूँ.
और नींद के ये व्यापारी धीरे धीरे हमारे सपनो को और सुखमय बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.