"Whoopiee" दे भरपूर मौका, मुफ्त में लें छूट का मजा
उत्तर भारत के कई शहरों में Whoopieeजून, 2013 से शुरू हुई Whoopieeहर दिन इस ऐप के 350 डाउनलोड
जिस तरह परिंदों को उड़ने की तालीम नहीं दी जाती, कुछ वैसे ही कई लोग खुद ही तय करते हैं अपनी मंजिल। हरसिमरबीर सिंह भी ऐसे ही एक इंसान हैं जिन्होने पढ़ाई तो की अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय से लेकिन उन्होने अपने मंजिल ढूंढी भारत में। उन्होने देखा कि लोग जब कहीं बाहर खाना खाने जाते हैं तो वो खाने के बिल में छूट की उम्मीद करते हैं। इसी तरह ऑनलाइन डिस्काउंट पाने के लिए लोगों को अलग से 20-30 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जबकि उनका विश्वास था कि लोगों को ये छूट मुफ्त में मिलनी चाहिए।
उन्होने अपने विचारों को हकीकत में बदलने के लिए काम करना शुरू किया और अपने एक साथी गौरव बग्गा के साथ मिलकर Whoopiee टेक्नॉलिजी की शुरूआत की। गौरव को तकनीक में महारत हासिल है। Whoopiee एक मोबाइल ऐप है जो अपने ग्राहकों को कई तरह के ऑफर और छूट प्रदान करता है। 11 सदस्यों की इनकी टीम की ही मेहनत है कि अब तक इसके 20 हजार से ज्यादा डाउनलोड हो चुके हैं। इसकी शुरूआत हुई थी पंजाब के लुधियाना शहर से। जून, 2013 में शुरू हुई Whoopiee के साथ तब केवल 20 रेस्टोरेंट जुड़े थे। जिसके बाद चंडीगढ़, पंचकुला, मोहाली और हाल ही दिल्ली में इसने अपना कारोबार शुरू किया है। इस ऐप में 5सौ से ज्यादा ऑफर हैं। जिसमें 4सौ से ज्यादा रेस्टोरेंट, सेलून, जिम और दूसरी कई चीजें शामिल हैं।
हर कारोबार की तरह शुरूआत में इन लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। शुरूआत के 6 महीनों के दौरान इनके ऐप के केवल 4 हजार डाउनलोड हुए। इस दौरान इन लोगों ने ये संख्या बढ़ाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से काफी हाथ पैर मारे। जिसका असर ये हुआ कि इनके ऐप की डाउनलोड की संख्या बढ़ने लगी। यही वजह है कि आज के दिन हर रोज 350 से ज्यादा लोग इनके ऐप को डाउनलोड करते हैं। हालांकि ये निर्भर करता है अलग अलग शहरों पर जहां किसी शहर में इसे ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं तो किसी शहर में कम।
हरसिमरबीर सिंह इस बात को बड़ी बेबाकी से मानते हैं कि इस ऐप का पहला वर्जन औसत दर्जे का था लेकिन समय के साथ साथ उन्होने इसमें बदलाव किया और अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने की कोशिश की। शुरूआती मॉडल में उपयोगकर्ता को किसी भी रेस्टोरेंट के लिए क्यूआर कोड इस्तेमाल करना होता था जिसे आम लोग समझ नहीं पाते थे। इस समस्या को देखते हुए इन लोगों ने इस कोड को तुरंत बदल कर इसे चूज एंड पिक के तौर पर अपने ऐप में लिस्ट कर दिया। हालांकि अभी भी इसके डिजाइन में बदलाव जारी है लेकिन सच्चाई ये है कि जिस तरह से इस ऐप के डाउनलोड बढ़ रहे हैं वो साबित करता है कि इसने तारीफ के काबिल काम किया है।
ऐप के इस बाजार में Whoopiee को कई दूसरे खिलाड़ी जैसे Hopper, DelighCircle और Groupon से काफी टक्कर मिल रही है। जबकि CouponRani और Coupon Dunia केवल ऑनलाइन के क्षेत्र में जमे हुए हैं। रवि त्रिवेदी जो श्रीजन कैपिटल के संस्थापक हैं और जिन्होने CouponRani में निवेश किया हुआ है वो मानते हैं कि ऑनलाइन में खरीददारी बढ़ रही है और यहां मौजूद खिलाड़ियों को निश्चित तौर पर फायदा होगा। बस जरूरत है अपने कुशल प्रदर्शन की ताकि ये लोग ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को अपने साथ जुटा सकें। बात अगर Whoopiee की करें तो उसने अभी तो अपनी यात्रा शुरू की है। दिल्ली और एनसीआर में छाने के बाद उसकी योजना बेंगलौर, पुणे और मुंबई में भी अपना पांव जमाने की है। कंपनी अपने विकास के लिए निवेश की तलाश कर रही है। अगर वो इसमें कामयाब होते हैं तो वो दूसरे शहरों में भी इसे ले जाने पर सोच सकते हैं। इतना ही नहीं उनकी नजर अधिग्रहण पर भी लगी हुई है।