कलाकारों की मेहनत को उपभोक्ताओं तक पहुंचाता Paintcollar
पांच इंजीनियरिंग स्नातकों के दिमाग की उपज है पेंटकाॅलर का विचारकलाकारों के उत्पादों को उनके तय किये हुए दामों पर बेचने की आजादी देता है पेंटकाॅलरबाजार में नकली कला के नमूनों से बचने के लिये बेहतरीन मंच साबित हो रहा हैआने वाले समय में देश की सबसे बड़ी मर्चेंडाइज इ्र-कामर्स कंपनी बनने का है लक्ष्य
कला का संरक्षण करना हमेशा से ही कुदरती तौर पर भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। प्राचीन काल से ही राजा-महाराजा और अपने समय के बड़े लोग प्रतिभाशाली कलाकरों को अपने संरक्षण में लेकर और बदले में उनकी कलाकृतियों पर अपना हक जताते रहे हैं। इस प्रकार से सैंकड़ों और हजारों की संख्या में इन कारीगरों का पालन-पोषण हो जाता था और वे कला के अमूल्य नमूनों को रचने में कामयाब होते थे। और हमारी भक्तिभाव से परिपूर्ण समृद्ध संस्कृति इस व्यवस्था का एक जीता-जागता उदाहरण है।
अब हम तेजी से आधुनिक समय का रुख करते हैं। भले ही आज के समय में भारतीय कलाकार अपने चित्रों को विदेशी बाजारों में लाखों कर कीमत में नीलाम कर रहे हों लेकिन देश में निवास करने वाले अधिकतर आम-आदमी को उससे शायद ही कोई लेना-देना हो। ऐसे में जनता की इच्छाओं की पूर्ति करने के उद्देश्य से ऐसी ई-काॅमर्स वेबसाइट बहुतायत में सामने आ गई हैं जो आपके व्यक्तित्व में चार चांद लगाने का वायदा करने के साथ-साथ आपके घर की रौनक में चार चांद लागने का वायदा करते हुए उपभोक्ताओं को नकली और अजीब विशेषताओं वाली कृतियां उपलब्ध करवा रही हैं। लेकिन कला, उसकी आत्मा, कलाकारों के उज्ज्वल जीवंत पारिस्थिमिकी तंत्र और रचनात्कता जो इस बहुमूल्य और फलते-फूलते समुदाय के लिये बेहद आवश्यक है का क्या होगा? ऐसे में पाँच नौसखिये इंजीनियरों ने इन कलाकारों को सशक्त करने के इरादे के अलावा मूल और सुदर कलाकृतियों को अपनी जेब पर अधिक जोर डाले बिना खरीदने की इच्छा रखने वाले सामान्य नागरिकों की आवश्यकता की पूर्ति करने के इरादे से च्ंपदजबवससंत की स्थापना की।
पेंटकाॅलर एक ऐसा स्टार्टअप है जो लोगों की उस मानसिकता को बदलना चाहता है जिसके तहत वे डिजाइनरों और कलाकारों से आॅनलाइन संपर्क करके अपने लिये परिधान और अन्य सामान खरदने के आदी हो चुके हैं। बैंगलोर काॅमिक काॅन में 12 सितंबर 2014 को यह पहली बार दुनिया के सामने आया। पेंटकाॅलीडाॅटकाॅम के माध्यम से कलाकर और चित्रकार अपनी कला का नमूना तैयार करके उसे अपने तय किये हुए लाभ-गुंजाइश (प्राॅफिट-मार्जिन) पर आॅनलाइन बिक्री के लिये डाल देते हैं। जब कोई उपभोक्ता किसी उत्पाद को खरीदता है तो वे उसे तैयार करके उसतक पहुंचा देते हैं और कलाकार को उसके तय किये हुए प्राॅफिट-मार्जिन का भुगतान कर दिया जाता है। पेंटकाॅलर ने चार उत्पादों, पोस्टा प्रिंट, कैनवस प्रिंट, लैपटाॅप स्किन्स और टीशर्ट के साथ व्यापार की दुनिया में कदम रखा और अब वे अपने उत्पादों की सूची का विस्तार करते हुए उसमें मोबाइल केस जैसे अन्य उत्पाद भी शामिल करने की तैयारी में हैं।
पेंटकाॅलर कैसे कार्य करता है?
कलाकर हमारे प्रोडक्ट डिजाइन टूल का इस्तेमाल करते हुए अपनी कलाकृति को तैयार करते हैं जिसे उत्पाद के रूप में बेचा जाता है। यह अपनी कला को हमारी पहले से तैयार उत्पाद टेम्पलेट्स में अपलोड करने जितना आसान है और फिर हम प्रत्येक उत्पाद के लिये एक आधार मूल्य तय कर देते हैं। इस मूल्य के ऊपर कलाकार अपने प्राॅफिट मार्जिन को जोड़ देते हैं। इस प्रकार किसी भी उत्पाद का खुदरा मूल्य तय करने के लिये आधार मूल्य और प्राॅफिट-मार्जिन को जोड़ दिया जाता है। इसमें आधार मूल्य में हमारे द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाओं का शुल्क भी शामिल होता है। जब भी कोई उपभोक्ता किसी उत्पाद को खरीदता है तो पेंटकाॅलर उसे तैयार करके उसतक पहुंचा देते हैं और कलाकार को उसके तय किये हुए प्राॅफिट मार्जिन का भुगतान कर दिया जाता है। हर महीने के अंत में प्रत्येक कलाकार के खाते में उसके कमाए हुए पैसों को क्रेडिट कर कर दिया जाता है। जब भी कोई उपभोक्ता किसी उत्पाद को खरीदता है तो कलाकर को तुरंत एक ईमेल प्राप्त हो जाती है ओर इसके अलावा वब अपनी बिक्री के इतिहास को पता करने के लिये वेबसाइट की मदद भी ले सकता है।
इस पहल को शुरू करने का विचार कहां से आया?
कुछ अलग करते हुए दुनिया के सामने खुद को साबित करने के लिये बेकरार पांच युवा इंजीनियर ने सबसे पहले इस दिशा में सोचा। प्रारंभ में हम एक ई-काॅमर्स आधारित स्टोर शुरू करना चाहते थे लेकिन जल्द ही हमें इस बात का आभास हुआ कि इस क्षेत्र में तो पहले से ही कई कंपनियां अपने पांव जताए हुए हैं। इसके बाद पूरे देश के कलाकरों से अपने लिये डिजाइन इकट्ठा करने का विचार हमारे मन में आया। तब हमें एक ऐसे मंच की जरूरत महसूस हुई जिसके द्वारा कलाकार अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने मे सक्षम हों। इस क्षेत्र में पहले से ही कार्यरत कंपनियों के व्यापार करने के तरीके बहुत पेचीदा थे और उनमें एक मजबूत प्रोडक्ट डिजाइन टूल की कमी बेहद खलती थी। आखिरकार कई संशोधनों के बाद हम एक ऐसा स्पष्ट उद्देश्य विकसित करने में सफल रहे जो मौजूदा ई-काॅमर्स कंपनियों से संबंधित लगभग सभी समस्याओं का हल निकालने में सक्षम थी। इस व्यवस्था के तहत हमने कलाकारों को उनकी रचनात्मकता को उपभोक्ताओं के सामने लाते हुए कमाने की आजादी देते हुए उपभोक्ताओं के समक्ष नए डिजाइनों वाली उत्पादों की एक समस्त श्रृंखला प्रस्तुत कर दी। इसे अधिक बेहतर और आकर्षक रूप देने के क्रम में हमने इस बाजार में सामाजिक अनुभव को भी एकीकृत करने का फैसला किया। हमें अहसास हुआ कि हमारे उत्पाद बिल्कुल शून्य से विकसित होते हैं और अपने पास मौजूद वेबसाइट उपकरणों और टेम्पलेट्स की सहायता से अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते थे।
पेंटकाॅलर इट्सी और इट्सहैंडमेड जैसे वैश्विक और भारतीय मंचों से कैसे और कितना प्रेरित है?
इट्सी और इट्सहैंडमेड स्वयं उत्पादों को तैयार नहीं करते हैं बल्कि वे यूज़र्स द्वारा सूचीबद्ध किये गए हस्तरचित उत्पादों को बेचते हैं। जहां एक तरफ वे हाथ से तैयार किये गए उत्पादों को बेचने के लिये आदर्श स्थान हैं वहीं दूसरी तरफ कलाकारों और चित्रकारों के लिये टी-शर्ट और पोस्टरों जैसी वस्तुओं को तैयार करके बेचना काफी मुश्किल काम है। इसके अलावा हमारा राजस्व का माॅडल भी बिल्कुल अलग है। जैसा कि कहा भी जाता है जब हम बाजार का अनुसंधान कर रहे थे तब हमने इट्सी से निश्चित तौर पर काफी कुछ सीखने में सफलता पाई थी। इसने हमें ऐसी फीचर्स की पहचान करने में और नए फीचर्स तैयार करने में हमारी मदद की जिन्हें हमारे यूज़र्स काफी सराहा और पेंटकाॅलर के उनके अनुभव को बेहतर बनाया। उसी दौरान हमने बाजार में सामाजिक अनुभव को पेश करने के बारे में फैसला किया। आने वाले कुछ सप्ताहों के भीतर हमारे यूज़र्स एक-दूसरे को फाॅलों कर सकेंगे, अपनी प्रोफाइल पर अपने पसंदीदा कलाकार का काम देख सकेंगे और इसके अलावा जब कोई उनके तैयार किये हुए डिजाइन को पसंद करेंगे या खरीदेंगे तो उन्हें उसकी सूचना स्वचलित रूप से प्राप्त हो जाएगी। इसके अलावा हम जल्द ही एक विश्लेषिकी लागू करने जा रहे हैं जिसकी मदद से कलाकार अपनी प्रोफाइल के साथ जुड़े उपयोगकर्ताओं का डेटा ट्रैक करते हुए अपनी बिक्री रणनीति में सुधार कर सकते हैं।
अपने स्टार्टअप के कलाकारों और रचनात्मक लोगों पर केंद्रित होने में सबसे अच्छी बात क्या लगती है? क्या इसका कोई नकारात्मक पहलू भी है?
पेंटकाॅलर के बारे में एक सबसे बड़ी बात यह है कि रचनात्कमता की दुनियासे जुड़े लोग इसकी खुलकर प्रशंसा कर रहे हैं क्योंकि इसकी मदद से उन्हें एक ऐसा मंच मिला है जिसपर वे अपनी समस्त रचनात्कता सामने लाते हुए और पूरा वित्तीय नियंत्रण अपने पास रखते हुए अपनी कला को समुचित दाम पर बेच पाने में सफल हो रहे हैं। जबकि इस तरह के कामों में लगी दूसरी वेबसाइट इन कलाकारों के शोषण का कोई मौका नहीं छोड़ती हैं। ये साइटें इन कलाकारों को उनके बेशकीमती काम के बदले एक छोटी सी रकम चुकाकर उसका काॅपीराइट अपने नाम करवा लेती हैं या फिर अधिकतर वे उन्हें एम सीमित समय में बिक्री के लक्ष्यों को पूरा करने के चक्कर में फंसाकर टार्गेट आधारित बाजार में धकेल देती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कलाकार अपने उत्पाद बेचने के लिये पेंटकाॅलर का प्रयोग निःशुल्क ही कर सकते हैं! हम पेंटकाॅलर पर उत्पाद बेचने की एवज में उनसे कुछ भी नहीं लेते हैं।इसके अलावा एक और बड़ी बात यह है कि जैसे-जैसे नए कलाकार हमारे साथ जुड़कर अपना काम अपलोड करते हैं उपभोक्ताओं को मिलने वाले विकल्पों की संख्या में भी इजाफा होता रहता है। हमारी तालिका प्रतिदिन बड़ी तेजी के साथ बढ़ती जा रही है!
चूंकि अभी अवधारणा बिल्कुल नइ्र है इसलिये अधिकतर मौकों पर कलाकार हमें उन दूसरी वेबसाइटों में से एक समझ लेते हैं जो उनकी कला से पैसा बनाने के काम में लगी हुई हैं। लेकिन एक बार जब हम उन्हें अपने काम करने के तरीके के बारे में तसल्ली से समझाते हैं तो उनकी प्रतिक्रिया हमेशा बेहद शानदार और देखने लायक होती है। उनमें से किसी को भी यह उम्मीद नहीं होती है कि पेंटकाॅलर जैसा एक बेहद सरल, अद्वितीय और पूर्ण रूप से भारतीय मंच उनकी जरूरतों को इतनी सरलता से पूरा कर सकता है। हमें बेहद खुशी है कि हम उस प्रारंभिक संदेह की भावना को खुशी और भरोसे में बदलने में सफल रहे हैं।
अपनी टीम के बारे में कुछ बताएं?
पेंटकाॅलर में कुल 5 सहसंस्थापक हैं। हम सभी इंजीनियरिंग में स्तानक हैं जिनमें से 3 त्रिची के एनआईटी से ओर 2 वीएनआईटी नागपुर से पढ़े हैं। हममें में चार स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद मुंबई में एक ही कंपनी में नौकरी कर रहे थे जब काॅरपोरेट जीवन के एक बंधे-बंधाए लाइफ स्टाइल ने हमें स्वयं का कुछ करने के लिये प्रेरित किया। जब हमने अपने इस विचार को एक ओर मित्र के साथ साझा किया तो वह भी हमारे साथ पांचवे सहसंस्थापक के रूप में जुड़ गया। फलहाल हमारी टीम में एक रचनात्मक प्रमुख, एक फ्रंट एंड इंजीनियर और कुछ प्रशिक्षु शामिल हैं।
बाजार में इस दिलचस्प मोड़ पर भारत में ई-कॉमर्स खेल का एक हिस्सा होने के बारे में आपके क्या विचार हैं? क्या आपको ऐसा लगता है कि पेंटकाॅलर की अपेक्षाकृत सामान्य अवधारणा आपको इस क्षेत्र के दिग्गजों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा को आसान या कठिन बना देती है?
सबसे अच्छी बात यह है कि हम इसके द्वारा बाजार के लिये कुछ या करने में सक्षम हो पा रहे हैं। कलाकारों को अपनी रचनात्मकता के लिए एक मंच के रूप में पेंटकाॅलर को चुनने के भी कई फायदे हैं। उन्हें इसपर अपनी कला को प्रदर्शित करने पर एक बड़े पैमाने पर स्वीकार्यता मिलने के अलावा अपने तय किये हुए मूल्य पर अपने उतपाद बेचने की आजादी मिलती है। इसके अलावा वे अपने हर उत्पाद का काॅपीराइट भी अपने पास ही बनाए रखने में कामयाब होते हैं।
हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में हम बाजार में मौजूद बड़े खिलाडि़यों से आगे खड़े होंगे और एक बड़े हिस्से पर हमारा कब्जा होगा। पेंटकलर बाजार पर पिछले काफी समय से कब्जा किये हुए पुराने और घिसेपिटे डिजाइनों को पीछे छोड़ते हुए नए और आंखों को सुहाने वाले डिजाइन उपभोक्ताओं के सामने ला रहा है। दिन-प्रतिदिन बढ़ रही डिजाइनों की संख्या के साथ ही उपभोक्ताओं के सामने मौजूद विकल्पों की संख्या में भी भारी इजाफा होता जा रहा है। इसके अलावा चूंकि कलाकारों को अपना कला का उचित मूल्य मिल रहा है इसलिये वे अपने उत्पादों को बढ़ावा देने के काम में भी लगे हुए हैं। इसी वजह से हमारी आॅनलाइन पहुंच बहुत अधिक बढ़ी है।
मुंबई के दो प्रतिष्ठित हैवी मैटल बैंड्स ने पेंटकाॅलर के मंच पर अपने उत्पादों को जारी कर पहले से ही भारत के हैवी मैटल संगीत की दुनिया में एक हलचल मचा दी है। इन बैंडों के भारत भर के प्रशंसक अब अपने पसंदीदा परिधान हमारे द्वारा अपने दरवाजे पर पा सकते हैं। हम लोग संगीत ग्रुपों और उनके प्रशंसकों को चिन्हित करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि संगीत के कई प्रशंसक अपने पसंदीदा संगीतज्ञों से संबंधित उत्पादों को खरीदने के लिये उत्सुक रहते हैं लेकिन उन्हें इसके लिये कोई मंच नही उपलब्ध है। आखिरकार संगीत भी एक कला ही है ना?
पेंटकाॅलर को स्थापित करने और इसका सफलतापूर्वक संचालन करने में आपने मुख्य रूप से किन चुनौतियों का सामना किया? आपने सामने आई चुनौतियों का सामना कैसे किया?
बाजार का अनुसंधान करते हुए उत्पाद का विकास करना हमारे लिये सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण कार्य था। हमनें बाजार में मौजूदा आॅनलाइन उत्पादों की खरीद-बिक्री से संबंधित नकारात्मक और सकारात्मक पक्षों को जानने-समझने के लिये महीनों तक अध्ययन किया और फिर इन परेशानियों से पार पाते हुए एक उत्पाद को विकसित करने में सफलता पाई। हमने अपनी वेबसाइट का निर्माण स्वयं ही किया है और इसलिये हमें यकीन है कि हम ई-काॅमर्स के बाजार में काम कर रही अन्य वेबसाइटों से कई कदम आगे हैं क्योंकि हमारे पास सर्वश्रेष्ठ डिजाइन टूल और यूजर इंटरफेस मौजूद है। हमें सबसे अधिक दिक्कत ‘‘मांग पर माल तैयार करवाने’’ से निबटने में हुई। चूंकि हर दिन सैकड़ों कलाकार अपने उत्पादों को तैयार करके पेंटकाॅलर पर अपलोड करते हैं तो ऐसे में प्रत्येक उत्पाद की एक सूची तैयार करना असंभव सा काम है। इसके स्थान पर हम आॅर्डर मिलते ही तुरंत निर्माण करके उत्पाद को ग्राहक तक पहुंचाना संनिश्चित करते हैं।
चूंकि हम सभी इंजीनियरिंग के क्षेत्र से संबंधित लोग हैं इसलिये प्रारंभिक दिनों में व्यापार की बारीकियों को समझना और जानना हमारे लिये काफी टेढ़ी खीर साबित हुआ। लेकिन गलतियां करते हुए उनसे सीखना वास्तव में एक अद्भुत अनुभव है।
आपकी प्रगति की दर कैसी रही है? क्या आप अपने प्रारंभिक लक्ष्यों में से किसी को प्राप्त करने में सफल रहे है?
अभी हम सिर्फ एक महीने ही पुराने हैं और हमारे पर बिक्री के लिये 300 से अधिक डिजाइन उपलब्ध हैं। आने वाले दिनों में जेसे-जैसे हमारी पहुंच अधिक लोगों तक बढ़ेगी वैसे-वैसे ही इस संख्या में इजाफा होने की संभावना है। सितंबर के मध्य में शुरुआत के बाद से ही हम एक अच्छा राजस्व अर्जित करने में भी सफल रहे हैं। हम हमेशा से ही राॅक और मैटल बैंड के प्रशंसक रहे हैं ओर इसी वजह से हम शुरू से ही उनके उत्पाद बिक्री के लिये रखना चाहते थे। मुंबई के दो प्रतिष्ठित बैंड फिलहाल हमारे द्वारा अपनी टी-शर्ट बेच रहे हैं और कुछ अन्य के साथ हमारी वार्ताओं का दौर प्रारंभिक चरण में है।
हमने इस क्षेत्र में पांव रखने के बाद से ही लगातार कुछ न कुछ नया सीखा है चाहे वी मार्केटिंग हो या तकनीक। आपका उत्पाद कितना ही उन्नत क्यों न हो अगर वह अनाकर्षक है या उपयोग करने में आसान नहीं है तो लोग उसे बिल्कुल भी नहीं अपनाएंगे।चूंकि हम अपने बिजनस माॅडल में प्रतिदिन कुछ नया उत्पाद तैयार कर रहे हैं इसलिये हम किसी प्रौद्योगिकी कंपनी से कमतर नहीं हैं। उपयोगकर्ताओं के अनुकूल प्रौद्योगिकी तेयार करना हमारा मूलमंत्र रहा है।
सफलता की कुछ ऐसी कहानियां जो आप हमारे साथ साझा करना चाहते हों?
हमनें 12 सितंबर 2014 को बेंगलूर कॉमिक कॉन में पेंटकाॅलर का शुभारंभ किया था। हमने कॉमिक कॉन के मुख्य मंच से अपने प्रमुख उत्पादों का लाइव डेमो दिया था जिसके फलस्वरूप पहले तीन दिनों में ही कई लोगों हमारे पास पंजीकरण करवाया। हमारे कई उपभोक्ता हमें बताते हैं कि उन्हें पेंटकाॅलर का विचार बेहद पसंद आया है और हमारे द्वारा खरीदे गए उत्पाद उन्हें सर्वश्रेष्ठ लगे हैं। हमारे एक प्रशंसक ने तो यह भी बताया कि हमारे द्वारा खरीदी गई एक टी-शर्ट उसे अपने पास मौजूद अंतर्राष्ट्रीय कंपनी की टी-शर्ट से भी बेहतर लगी। हाल ही में हमारे सीईओ मुंबई में आयोजित एक राॅक कंसर्ट में गए और वहां पर उन्होंने दर्शकों में से अधिकतर को पेंटकाॅलर की टी-शर्टों को पहने देखा। यह हमारे साथ-साथ उन टी-शर्टों को तैयार करने वालों के लिये भी एक गर्व से भरा क्षण था।
पेंटकाॅलर का वित्तपोषण कैसे होता है?
अभी तक तो पेंटकाॅलर पूरी तरह से तंगहाल स्टार्टअप है और हमें तेजी से बढ़त करने के लिये संसाधनों ओर एक बड़ी टीम की आवश्यकता है। फिलहाल हम ए श्रेणी के वित्तपोषण के लिये प्रयास कर रहे हैं और एक पूरी व्यापार योजना के साथ तैयार हैं।
पेंटकाॅलर के लिये आप भविष्य को किस रूप में देखते हैं?
पेंटकाॅलर का भविष्य बेहद रोमांचक लग रहा है। फिलहाल हम निवेश पाने का प्रयास कर रहे हैं जो हमें देश की प्रमुख मर्चेंडाइज कंपनी बनाने में मददगार साबित होगा। इसके अलावा हम ईंट और गारे के खुदरा व्यापार में पांव रखने के साथ ही अपना पेंटकाॅलर ब्रांड लाने की तैयारी में हैं। इसके अलावा आप आने वाले दिनों में हमारी वेबसाइट पर भी कई नए उत्पादों को जुड़ा हुआ देख सकेंगे। इसके अलावा हम कई अन्य कलाकारों को भी अपने साथ जुड़ने के लिये प्रेरित करने का प्रयास कर रहे हैं। अपने सभी उपयोगकर्ताओं तक सूचनाएं पहुंचाने के लिये हमने एनालिटिक और न्यूज़फीड की सुविधा भी शुरू की है। इसकी मदद से वे अपनी बिक्री के बारे में जानकरी रखने के साथ अपने मार्केटिंग रणनीतियों को और बेहतर तरीके से अपनाने में कामयाब हो सकेंगे। फिलहाल हम एक बड़े मार्केटिंग अभियान पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।