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5G Spectrum Auction: मुकेश अंबानी की Jio बनी टॉप बिडर, जानें अडानी ने कितने के स्पेक्ट्रम खरीदे

नीलामी में अडानी समूह के शामिल होने से दूरसंचार कंपनियों खासकर अंबानी की रिलायंस जियो के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के कयास लगाये जा रहे थे.

5G Spectrum Auction: मुकेश अंबानी की Jio बनी टॉप बिडर, जानें अडानी ने कितने के स्पेक्ट्रम खरीदे

Monday August 01, 2022 , 5 min Read

देश में दूरसंचार स्पेक्ट्रम (Telecom Spectrum) की ताजा नीलामी खत्म हो चुकी है. अब तक की सबसे बड़ी नीलामी में रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां आईं. Reliance Jio Infocomm Limitedने 88,078 करोड़ रुपये की बोली के साथ 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में बिके कुल स्पेक्ट्रम में से करीब आधा हिस्सा हासिल किया है. अडानी समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने 212 करोड़ रुपये में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है. यह कुल बिके स्पेक्ट्रम के एक प्रतिशत से भी कम है. समूह ने उस बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है जिसका उपयोग सार्वजनिक टेलीफोन सेवा में नहीं किया जाता है.

नीलामी में अडानी समूह के शामिल होने से दूरसंचार कंपनियों खासकर अंबानी की रिलायंस जियो के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा के कयास लगाये जा रहे थे. दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील भारती मित्तल की Airtel ने 43,084 करोड़ रुपये जबकि Vodafone Idea ने 18,799 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा है.

71% स्पेक्ट्रम ही बेच पाई सरकार

PTI के मुताबिक, दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार कुल 10 बैंड में पेश किए गए 72,098 मेगाहर्ट्ज में से 51,236 मेगाहर्ट्ज यानी 71 प्रतिशत स्पेक्ट्रम ही बेच पाई है. सात दिनों तक चली इस नीलामी के दौरान कुल 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुई हैं. सरकार पहले साल में स्पेक्ट्रम मद में 13,365 करोड़ रुपये प्राप्त करेगी. वैष्णव ने बताया कि 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में जियो और एयरटेल के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा हुई. इसको छोड़कर सभी बैंड आरक्षित मूल्य पर बिके. उच्च गति वाले मोबाइल इंटरनेट की सुविधा देने में सक्षम 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की यह राशि पिछले साल बेचे गए 77,815 करोड़ रुपये के 4जी स्पेक्ट्रम से लगभग दोगुना है. वहीं वर्ष 2010 में 3जी नीलामी से मिले 50,968.37 करोड़ रुपये के मुकाबले तीन गुना है.

तीनों कंपनियों की बिडिंग स्ट्रैटेजी

नीलामी के इस दौर में रिलायंस जियो शीर्ष बोलीदाता रही. कंपनी ने पांच बैंड में 24,740 मेगाहर्ट्ज वाली रेडियो तरंगों के लिये 88,078 करोड़ रुपये की बोली लगाई. इस बैंड में गति 4जी के मुकाबले 10 गुना अधिक होगी और संपर्क बिना किसी अड़चन के हो सकेगा. इससे आपस में जुड़े अरबों उपकरणों के साथ आंकड़े वास्तविक समय में साझा किये जा सकते हैं. कंपनी ने उम्दा माने जाने वाले 700 मेगाहर्ट्ज बैंड समेत विभिन्न बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है. यह 6-10 किलोमीटर तक ‘सिग्नल’ दायरा प्रदान कर सकता है और देश में सभी 22 सर्किल में पांचवीं पीढ़ी के लिए एक अच्छा आधार बनाता है.

अडानी समूह ने छह राज्यों- गुजरात, मुंबई, कर्नाटक, तमिलनाडु, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में 26 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदा है. यह निजी नेटवर्क स्थापित के लिये उपयुक्त है. भारती एयरटेल ने पांच बैंड में कुल 19,867.5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम लिया है. लेकिन इसमें कोई भी 700 मेगाहर्ट्ज नहीं है. वहीं वोडाफोन आइडिया ने 6228 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम प्राप्त किया है.

600 मेगाहर्ट्ज बैंड में किसी की रुचि नहीं

वैष्णव ने कहा कि 600 मेगाहर्ट्ज बैंड की पेशकश पहली बार की गयी थी लेकिन इसमें किसी ने रुचि नहीं दिखायी. उन्होंने कहा, ‘‘जो स्पेक्ट्रम खरीदे गये हैं, वह देश में सभी सर्किल को कवर करने के लिये पर्याप्त हैं. आने वाले दो-तीन साल में हमारे पास अच्छा 5जी कवरेज होगा.’’ दूरसंचार मंत्री ने कहा कि 26 गीगाहर्ट्ज के आवेदन गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के लिये होंगे. इसमें ‘फिक्स्ड वायरलेस’ की सुविधा होगी. यह अंतिम छोर पर संपर्क सुविधा देने के लिये फाइबर का अच्छा विकल्प है.’’ उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन 10 अगस्त तक कर दिया जाएगा और 5जी सेवाएं अक्टूबर से शुरू होने की उम्मीद है. वैष्णव ने कहा, ‘‘स्पेक्ट्रम की बेहतर उपलब्धता के साथ ‘कॉल’ गुणवत्ता बेहतर होने की उम्मीद है.’’

एक तिहाई बोली 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में

करीब दो तिहाई बोलियां 5जी बैंड (3000 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज) के लिये आईं. जबकि एक तिहाई बोली 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में थी. यह बैंड पिछली दो नीलामी (2016 और 2021) में नहीं बिक पाया था. पिछले साल की दो दिन की नीलामी में रिलायंस जियो ने 57,122.65 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीदे थे. वहीं भारती एयरटेल ने 18,699 करोड़ रुपये और वोडाफोन आइिया ने 1,993.40 करोड़ रुपये मूल्य की बोलियां लगायी थी. इस साल बोली के तहत 4.3 लाख करोड़ रुपये मूल्य की कुल 72 गीगाहर्ट्ज रेडियो तरंगों को रखा गया था.

5G के फायदे

5जी सेवाओं के आने से इंटरनेट की गति 4जी से करीब 10 गुना अधिक होगी. इसमें इंटरनेट की गति इतनी होगी कि मोबाइल पर एक सिनेमा को कुछ सेकेंड में ही डाउनलोड किया जा सकेगा. इससे ई-स्वास्थ्य, मेटावर्स, अत्याधुनिक मोबाइल क्लाउड गेमिंग समेत विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव भी आएंगे. जियो ने स्पेक्ट्रम नीलामी के बारे में कहा कि उसने 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गागाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम हासिल किये हैं. इससे अत्याधुनिक 5जी नेटवर्क तैयार होगा.

एयरटेल ने कहा कि उसने 43,084 करोड़ रुपये में 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी बैंड में 19,867.8 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम हासिल किया है. वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में कहा कि उसने अपने अखिल भारतीय 4जी को मजबूत करने और 5जी के क्रियान्वयन के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लिया. कंपनी ने तीन सर्किल आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पंजाब में अतिरिक्त 4जी स्पेक्ट्रम लिया है. इससे क्षेत्र में कंपनी की दूरसंचार सेवाएं बेहतर होंगी. कंपनी ने कहा, ‘‘हमने अपने 17 प्राथमिकता वाले सर्किल में ‘मिड बैंड’ 5जी स्पेक्ट्रम (3300 मेगाहर्ट्ज बैंड) और 16 सर्किल में एमएमवेव 5जी स्पेक्ट्रम (26 गीगाहर्ट्ज बैंड) का अधिग्रहण किया है. यह हमें अपने ग्राहकों को बेहतर 5जी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगा.’’


Edited by Ritika Singh