बैंक की शाखा की तरह मोबाईल का इस्तेमाल करें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नकदी की कमी से निबटने के लिए मोबाइल के इस्तेमाल पर बल दिया
नोटबंदी से उत्पन्न समस्याओं से निजात पाने के लिए मोबाइल बैंकिंग पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोगों से भ्रष्टाचार एवं कालेधन से निबटने के लिए अपने मोबाइल फोनों को बैंक की शाखा की तरह इस्तेमाल करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मोबाईल की संख्या परिवारों की संख्या से चार गुणा अधिक है और लोगों को अपने मोबाइल का उपयोग भुगतान के लिए करना चाहिए।
देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए कहा है, कि ‘आप अपने फोन पर बैंकों द्वारा प्रदत्त मोबाइल एप्लिकेशन डाउनलोड कर सकते हैं और मैं राजनीतिक नेताओं, शिक्षकों एवं युवाओं से लोगों को मोबाइल बैकिंग का प्रशिक्षण देने की अपील करना चाहता हूं।’ नोटबंदी गरीब लोगों को उनका अधिकार देने की दिशा में एक कदम है।
नोटबंदी गरीब लोगों को उनका अधिकार देने की दिशा में एक कदम है। भ्रष्टाचार, कालेधन के कारण मध्यवर्गों का शोषण होता है और गरीब अपने अधिकारों से वंचित हैं। मैं इसे रोकना चाहता हूं और गरीब लोगों को उनका उचित अधिकार देना चाहता हूं।
उधर दूसरी तरफ एक कार्यक्रम में संविधान का मतलब ‘बाबासाहेब’ और ‘‘बाबासाहेब’’ का मतलब संविधान बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान के आदर्शों की ‘भावना’ से जुड़ाव के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, इस तरह की उपलब्धि अतुलनीय है। समय के साथ हमें इस बात का और भी ज्यादा अहसास होता जा रहा है कि यह काम कितना महान है। वक्त बदल चुका है और अब हर कोई संविधान में अपने अधिकारों को खोजने की कोशिश करता है और यहां तक कि उनमें वृद्धि करने की भी कोशिश करता है, हालांकि कुछ ‘‘चालाक’’ लोग संविधान को आधार बनाकर अपनी सीमाओं का उल्लंघन करने के लिए इसका दुरूपयोग करने की कोशिश करते हैं। इसके परिणामस्वरूप एक प्रकार की अराजकता फैलती है। बाबासाहेब अंबेडकर ने अराजकता का व्याकरण बताया था। यह हम सभी- नागरिक, प्रशासन तथा सरकार का कर्तव्य है और जो ताकत इस सबके बीच सामंजस्य बनाकर रखती है उसे संविधान कहते हैं। इसके पास सुगमता लाने और रक्षा करने की क्षमता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि हम संविधान की भावना से जुड़ें क्योंकि इसके अनुच्छेदों से जुड़ना पर्याप्त नहीं है। जब देश को आजादी मिली थी तब इसके नागरिकों में कर्तव्य की भावना बहुत प्रबल थी लेकिन जैसे जैसे समय गुजरता गया कर्तव्य की भावना अधिकार और हक की भावना में बदल गई। कर्तव्य और अधिकारों के बीच संतुलन साधने की चुनौती है। ‘गणतंत्र दिवस’ के तौर पर मनाए जाने वाले 26 जनवरी की ताकत 26 नवंबर में निहित है। हमारी नई पीढ़ी का संविधान, इसकी प्रक्रियाओं और इसके उद्देश्यों से जुड़ाव होना चाहिए। स्कूलों और कॉलेजों में संविधान का पठन-पाठन किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने दो किताबों के विमोचन के मौके पर यह बात कही। ये किताबें हैं ,‘अपडेटेट एडीसन आफ कान्स्टीट्यूसन और ‘मेकिंग ऑफ दी कांस्टीट्यूशन’। इस कार्यक्रम का आयोजन लोकसभा सचिवालय ने किया था और इसमें कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी कार्यक्रम में मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि किताबों के जरिए यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि संविधान के पहलुओं को बेहतर ढंग से समझा जा सके।
उधर दूसरी तरफ कालेधन को समाप्त करने और सार्वजनिक जीवन से भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए केंद्र ने एक समिति का गठन किया है, जो सरकार और नागरिकों के बीच विभिन्न प्रकार के लेनदेन का डिजिटलीकरण के मुद्दे पर गौर करेगी। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कान्त की अध्यक्षता में गठित अधिकारियों की समिति सीमित समय में सभी क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल में सुगम डिजिटल भुगतान विकल्पों की पहचान करेगी और उन्हें परिचालन में लाएगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह सरकार की नकदीरहित अर्थव्यवस्था की रणनीति का हिस्सा है।
समिति का उद्देश्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिए अनुकूल डिजिटल भुगतान विकल्पों की पहचान करना और उनको पहुंच में लाने के लिए संयोजन करना है। इसके अलावा समिति डिजिटल भुगतान के रास्ते में आने वाली ढांचागत अड़चनों की भी पहचान करेगी।
वक्तव्य के अनुसार समिति विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों, नियामकों, राज्य सरकारों, जिला प्रशासन, स्थानीय निकायों, व्यापार और उद्योग संघों के साथ लगातार संपर्क में रहेगी। इसके साथ ही समिति विभिन्न प्रकार के डिजिटल भुगतान विकल्पों में आने वाली लागत के बारे में भी अनुमान लगायेगी। समिति देखेगी कि इस प्रकार के भुगतान विकल्पों को किस प्रकार अधिक सस्ता बनाया जा सकता है।
साथ ही केंद्र सरकार ने आज स्पष्ट किया कि स्टैंडअप इंडिया योजना के लिए कॉपरेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत प्रत्यक्ष कर में छूट की कोई अधिसूचना नहीं जारी की गयी है। वित्त राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में आज कुछ सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। हरिओम पांडेय, वी पनीरसेल्वम, रत्ना डे, मनोज तिवारी और चंद्रप्रकाश जोशी के प्रश्न के लिखित उत्तर में मंत्री ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।