कालाधन विधेयक लोकसभा में हुआ पारित
जब हम कदम उठा रहे हैं तो आप पैर पीछे मत खींचिये। पिछले 11 माह से आप पूछते आ रहे हैं, कि आप क्या कदम उठा रहे हैं। जब मैं कदम उठा रहा हूं, तो आप अपनी बात पर अडिग रहिये और विधेयक का समर्थन कीजिये : अरुण जेटली
विदेशों में रखे कालेधन की समस्या से निपटने के लिये लाया गया कड़े प्रावधानों वाला विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया है। विधेयक में अघोषित विदेशी संपत्ति और आय पर 120 प्रतिशत की दर से कर और जुर्माना लगाने और 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है।
लोकसभा में सोमवार को अघोषित विदेशी आय व संपत्ति विधेयक पारित हो गया। कालेधन विधेयक को लोकसभा में पेश करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कानून को लागू करने में विलंब होने से दोषियों को विदेशों में बेहिसाब संपत्ति को कहीं और स्थानांतरित करने का मौका मिल जाएगा।
"विधेयक (मार्च में पेश) का घरेलू काला धन से कोई संबंध नहीं है।"
अरुण जेटली ने कहा, पहली बार अवैध, अघोषित विदेशी आय को इस कानून के तहत लाया गया है। इसके मुताबिक 30 फीसदी कर देना होगा, जबकि जुर्माने के तौर पर अतिरिक्त 30 फीसदी भरना होगा। संपत्ति की घोषणा करने वालों को एक रास्ता प्रदान करने की सीमा समाप्त होने के बाद अगर कोई व्यक्ति विदेशों में अघोषित संपत्ति के साथ पकड़ा जाता है, तब उसे 30 फीसदी कर के साथ 90 फीसदी जुर्माना और आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। इस प्रकार उसे कुल 120 फीसदी कर देना होगा। दोषी व्यक्ति को 3-10 साल की सजा का भी प्रावधान है।
भारत या विदेशों में जमा काले धन का कोई आधिकारिक आंकड़ा न होने को स्वीकार करते हुए अरुण जेटली ने पिछले सप्ताह संसद में कहा था, कि इस मुद्दे पर सरकार तीन संस्थानों से मिली रपटों की जांच कर रही है। राज्यसभा में उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा, कि विभिन्न व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा देश के बाहर जाने वाले काले धन के बारे में अलग-अलग अनुमानित आंकड़ों की जानकारी दी गई है। ये अनुमान विभिन्न तथ्यों, आंकड़ों, तरीकों तथा मान्यताओं पर आधारित हैं। विदेशी बैंकों में कितना काला धन जमा है, इसके बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है।
एक गैर सरकारी अनुमान के मुताबिक, विदेशों में जमा काला धन 466 अरब डॉलर से 1400 अरब डॉलर के बीच है।
नया कानून लागू होने से पहले लोगों को अपनी अघोषित आय और संपत्ति की घोषणा करने के लिये सीमित अवधि के लिये सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इसमें वह अघोषित संपत्ति पर 30 प्रतिशत की दर से कर और इतना ही जुर्माना देकर दंड से बच सकते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए इन आशंकाओं को दरकिनार कर दिया कि इस कड़े कानून के प्रावधान से मासूम लोगों को प्रताड़ित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार छोटे मोटे उल्लंघन के खिलाफ कारवाई नहीं करेगी बल्कि बड़ी मछलियों को जाल से नहीं निकलने देना चाहती है। वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसमें सरकार को विपक्ष का भी समर्थन मिला।
अघोषित विदेशी आय और कर अधिरोपण विधेयक 2015 को आगे बढ़ाते हुए वित्तमंत्री ने कहा है,
जिन लोगों की विदेशों में अघोषित आय और संपत्ति है वह यदि कर देकर अपनी छवि साफ करना चाहते हैं, तो उनके लिये सीमित अवधि के लिये सुविधा उपलब्ध होगी जिसमें वह ऐसी संपत्ति पर 30 प्रतिशत की दर से कर और 30 प्रतिशत जुर्माना देकर दंड से छुटकारा पा सकते हैं।
एक बार अनुपालन सुविधा खिड़की बंद होने पर जिस किसी के पास भी विदेशों में अघोषित संपत्ति पाई जायेगी उन्हें ऐसी संपत्ति पर 30 प्रतिशत कर, 90 प्रतिशत जुर्माना और आपराधिक अभियोजन का सामना करना होगा। कालेधन की समस्या से निपटने वाले इस विधेयक को विदेशों में रखे कालेधन को स्वदेश लाने की जोर पकड़ती मांग के बीच पेश किया गया है।
विधेयक में विदेशों में कालाधन रखने वालों को 10 साल तक की कड़ी सजा का प्रावधान है।
वित्त मंत्री ने इस मुद्दे पर विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘जब हम कदम उठा रहे हैं तो आप पैर पीछे मत खींचिये। पिछले 11 माह से आप पूछते आ रहे हैं कि आप क्या कदम उठा रहे हैं। जब मैं कदम उठा रहा हूं, तो आप अपनी बात पर अडिग रहिये और विधेयक का समर्थन कीजिये। विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग को छोड़ दीजिये।’ बेकसूर और मासूम लोगों को प्रताड़ित करने की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशों में स्थित बैंक खातों में पांच लाख रुपये तक या इसके बराबर की राशि रखने वालों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की जाएगी। विपक्ष नेता के बारे में जेटली ने कहा, कि वह ऐसा सर्कुलर तो जारी नहीं कर सकते कि जो कोई भी मेडिसन स्क्वायर जाता है उसे दंडित नहीं किया जाना चाहिये। लेकिन मैं निश्चित तौर पर यह कह सकता हूं कि मासूम लोगों को निशाना नहीं बनाया जाएगा।
मेडिसन स्क्वायर का जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पिछले साल सितंबर में अमेरिका यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में जुटे प्रवासी भारतीयों की सभा में दिये भाषण से है। यह भाषण काफी चर्चित रहा।
आंतकवादी और मनी लांड्रिंग गतिविधियों में लिप्त लोगों को अनुपालन सुविधा का लाभ नहीं उठाने दिया जायेगा।
घरेलू कालेधन के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे से आयकर कानून के तहत निपटा जा रहा है। कर के रूप में अधिक प्राप्ति से सरकार को कर दरों में कमी लाने में मदद मिलेगी। यदि समानांतर कालाधन को अर्थव्यवस्था में लाया जाता है तो सरकार जो कर लेती है उसमें कमी आयेगी और नागरिकों को मदद मिलेगी।
भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों और विशेषतौर से जी-20 में स्वत: सूचनाओं के आदान प्रदान पर जोर दे रहा है और उम्मीद की जाती है कि यह प्रक्रिया 2017 तक स्थापित हो जायेगी। अमेरिकी सरकार गैर-कानूनी वित्तीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिये विदेशी खाता कर अनुपालन कानून (एफएटीसीए) पर भी जोर दे रही है।
जेटली ने कहा कि इसके बाद व्यक्तियों के लिये अपनी संपत्तियों को छुपाना मुश्किल हो जायेगा, क्योंकि सरकार को समय पर जानकारी उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि फ्रांस सरकार द्वारा 600 एचएसबीसी खातों के बारे में दी गई जानकारी के तहत सरकार ने 121 लोगों के खिलाफ आपराधिक अभियोजन दायर किया है। साथ ही वित्तमंत्री ने लोकसभा में यह भी कहा, कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की बड़ी घोषणा की थी। इसके पीछे यही उद्देश्य था कि देश में काला धन और भ्रष्टाचार को इस देश की राजनीति और आर्थिक जीवन से बाहर किया जाए। जिस दिन से यह सरकार बनी है, उस दिन से ही सरकार का प्रयास देश से कालाधन और भ्रष्टाचार को समाप्त करना था। इसी सरकार ने एसआईटी गठन किया। कालाधन वापस लाने के लिए सरकार ने कई प्रयास पूर्व में भी किए हैं।