उम्र 70 साल, लेकिन अब भी साइकिल से जाकर लोगों की मदद करते हैं हैदराबाद के ये शख्स
कोरोना काल के दौरान साइकिल चलाकर लोगों की मदद कर रहे हैं ये 70 साल के बुजुर्ग, अपने इस खास शौक को कुछ इस तरह कर रहे हैं पूरा
"श्रीनिवास राव हैदराबाद रिलीफ़ राइडर संगठन से अप्रैल महीने में जुड़े थे, तब यह संगठन शुरू ही हुआ था। राव के अनुसार उन्हें शुरुआत से ही साइकिल चलाना बेहद पसंद है और जब उन्हें पता चला कि संगठन के सभी सदस्य साइकिल के जरिए ही जरूरतमंद लोगों तक जाकर उनकी की मदद कर रहे हैं तो उन्हें यह आइडिया काफी पसंद आया और उन्होने भी संगठन जॉइन कर लिया।"
भयंकर कोरोना महामारी के बीच, देश भर में कोविड वारियर्स जरूरतमंद लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच लगभग सभी उम्र के वॉलंटियर्स एनजीओ की मदद लेते हुए या अपने स्तर पर भी आगे बढ़ते हुए जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर उन्हें आवश्यक वासस्तुओं की आपूर्ति कर रहे हैं।
कुछ इसी तरह का काम ये बुजुर्ग शख्स भी कर रहे हैं। हैदराबाद के रहने वाले केआर श्रीनिवास राव की उम्र 70 साल है और वे कोरोना वायरस महामारी के दौरान आज भी अपनी साइकिल के जरिये लोगों के पास पहुँचकर उनकी मदद करते हुए नज़र आ रहे हैं।
एयर इंडिया से रिटायर्ड हैं राव
श्रीनिवास राव एयर इंडिया से रिटायर्ड हो चुके हैं। राव हमेशा से लोगों की मदद करना चाहते थे और अब रिटायरमेंट के बाद वे अपने इसी शौक को पूरी शिद्दत के साथ पूरा कर रहे हैं। राव ने महामारी के दौरान लोगों की मदद में जुटे हैदराबाद रिलीफ़ राइडर संगठन को जॉइन किया हुआ है। यह संगठन शहर में जरूरतमंद लोगों तक जरूरी और बुनियादी मदद पहुंचाने का काम करता है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के साथ हुई बातचीत में राव ने बताया है कि वे हैदराबाद रिलीफ़ राइडर संगठन से अप्रैल महीने में जुड़े थे, तब यह संगठन शुरू ही हुआ था। राव के अनुसार उन्हें शुरुआत से ही साइकिल चलाना बेहद पसंद है और जब उन्हें पता चला कि संगठन के सभी सदस्य साइकिल के जरिए ही जरूरतमंद लोगों तक जाकर उनकी की मदद कर रहे हैं तो उन्हें यह आइडिया काफी पसंद आया और उन्होने भी संगठन जॉइन कर लिया।
अपने खर्च पर भी करते हैं मदद
संगठन के साथ काम करते हुए राव यह भी जाँचने का काम करते थे कि मदद के लिए जो रिक्वेस्ट आई हैं वो सही हैं या नहीं। राव शहर के वेस्ट मेरेडपल्ली इलाके में रहते हैं और अपने घर के 6 से 7 किलोमीटर के दायरे में मदद के लिए आई हुई हुई रिक्वेस्ट को पूरा करने का काम करते हैं।
गौरतलब है कि ऐसा भी कई बार होता है जब राव खुद ही अपने खर्चे पर जरूरतमन्द व्यक्ति के लिए आवश्यक सामान खरीदेने का काम करते हैं।
मिला परिवार का समर्थन
मीडिया के साथ हुई बातचीत में उन्होने बताया है कि शुरुआत में तो उनकी पत्नी को उनके इस काम को लेकर थोड़ी आशंका थी, लेकिन अब वे पूरी तरह से उनके साथ खड़ी हैं। राव के बच्चे इस समय विदेश में रह रहे हैं और वे सभी भी राव के इस काम का पूरी तरह समर्थन कर रहे हैं।
अपनी फिटनेस के प्रति उत्साही राव आमतौर पर शहर के आसपास यात्रा करने के लिए साइकिल का उपयोग करते हैं और नियमित तौर पर रोजाना 2 घंटे टेबल टेनिस भी खेलते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कुछ लोगों को उनकी इन सेवाओं का दुरुपयोग करने की कोशिश करते हुए भी देखा है, ये सभी युवा लोग थे और वे खुद भी वस्तुएँ खरीदने के लिए स्टोर पर जा सकते थे।
राव ऐसे लोगों से बात कर उन्हें इन सेवाओं का दुरुपयोग न करने की सलाह देते हुए खुद अपनी और जरूरतमन्द व्यक्तियों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
Edited by Ranjana Tripathi