पर्याप्त नकदी उपलब्ध, नए नोटों की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास जारी: वित्त मंत्रालय
नकदी कम होने की आशंका को दूर करते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा है कि व्यवस्था में पर्याप्त नकदी उपलब्ध है और देशभर में लोगों तक नकदी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सभी माध्यमों को सक्रिय किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देर रात की गई उच्च स्तरीय बैठक की जानकारियां साझा करते हुए आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा नकदी उपलब्ध कराने के सभी माध्यमों को सक्रिय करने का निर्णय किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रतिनिधियों की नकदी रखने की सीमा बढ़ाकर 50,000 रपये कर दी गई है। जरूरत के हिसाब से यह सीमा मामला दर मामला बढ़ायी भी जा सकती है। दूरदराज के इलाकों में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के लिए देशभर में करीब 1.2 लाख बैंक प्रतिनिधि बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रतिनिधियों को कई बार नकदी उपलब्ध कराने का भी निर्णय किया गया है ताकि ग्रामीण जनता को परेशानी ना हो। इसके अलावा 1.3 लाख डाकघरों के लिए नोटों की आपूर्ति बढ़ायी जाएगी ताकि आम लोग पुराने नोटों को नए नोट से बदल सकें। उन्होंने कहा कि इस प्रकार ये ढाई लाख आपूर्ति केंद्र लोगों को बड़ी मात्रा में नकदी बांटने में समर्थ होंगे। इन केद्रों में से अधिकतर ग्रामीण अंचलों में हैं।
शहरी जनता की सुविधा के बारे में दास ने कहा कि नए नोटों के हिसाब से बदले गए एटीएम ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया है। आज या कल से वह 2,000 रपये के नए नोट भी जारी करने लगेंगे। हालांकि, एटीएम से एक दिन में अधिकतम 2,500 रपये की ही निकासी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बड़ी संख्या में छोटे एटीएम भी लगाए गए हैं ताकि लोग डेबिट काडरें के माध्यम से नकदी प्राप्त कर सकें। उनकी समस्या को देखते हुए रिजर्व बैंक ने कल से 500 रपये के नए नोट भी जारी कर दिए हैं। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि छोटे व्यापारियों की मदद के लिए सरकार ने उनके लिए एक हफ्ते में नकदी निकासी सीमा को 50,000 रपये करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा, ‘‘कारोबारी निकाय जिनके पास पिछले तीन महीने से ज्यादा वक्त से चालू खाता है, उनके लिए नकदी उपलब्धता पर विचार करते हुए उनकी साप्ताहिक नकदी निकासी सीमा को बढ़ाकर 50,000 रपये करने का निर्णय किया गया है ताकि वह मेहनताना और विविध खचरें का भुगतान कर सकें।’’ दास ने जोर देकर कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त मात्रा में नकदी उपलब्ध है, इसलिए जनता को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है और आने वाले दिनों में नकदी आपूर्ति के कई माध्यमों को बेहतर बनाया जाएगा।’’ उन्होंने बताया कि जहां तक सभी सरकारी विभागों और केंद्र के सार्वजनिक उपक्रमों की बात है तो उन्हें अपने सभी भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करने को कहा गया है। साथ ही निर्देश दिया है कि वे नकदी की निकासी तभी करें जब उसे टाला ना सके।
इसके अलावा कार्ड से भुगतान को सस्ता बनाने के बारे में दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम को अपने विभिन्न लेन-देन शुल्कों से छूट देने को कहा है। इसी प्रकार बैंकों से उनके डेबिट और क्रेडिट काडरें से शुल्क हटाने के लिए भी कहा गया है।दास ने यह भी बताया कि सरकार ने कल 500 और 1,000 के चलन से बाहर किए गए नोटों से सरकारी सुविधाओं के बिलों के भुगतान, ईंधन, कर एवं शुल्क और सहकारी बिक्री केंद्रों से खरीद का समय बढ़ाकर 24 नवंबर तक कर दिया है। इससे पहले यह सीमा 14 नवंबर की मध्यरात्रि तक थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कल देर रात स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की गई जिसके बाद नकदी आपूर्ति को बढ़ाने के लिए कई निर्णय किए गए हैं। इस बैठक में गृहमंत्री, वित्तमंत्री, कोयला एवं उर्जा मंत्री एवं वित्त राज्य मंत्री उपस्थित थे। इसके अलावा इस बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर और डिप्टी गवर्नर आर. गांधी एवं वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। दास ने कहा कि सरकार का ध्यान आम लोगों के बीच नकदी वितरण को बढ़ाने के लिए सभी माध्यमों को सक्रिय करने पर है।
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