अंतिम संस्कार की सुविधाएं देने वाला आईटी इंजिनियर का अनूठा स्टार्टअप
जो लोग अकेले रहते हैं और अगर वह मरने से पहले अपने अंतिम संस्कार की तैयार करना चाहते हैं तो कंपनी उनको भी सुविधा प्रदान करती है। इस प्री-प्लानिंग के लिए कंपनी के पास 6,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक के पैकेज हैं।
श्रद्धा बताती हैं कि यह जानकारी मिलने के बाद उनकी मां ने उनसे एक महीने तक बात भी नहीं की। उनकी मां का सोचना था कि एक आईटी इंजिनियर के लिए यह एक निचले स्तर का काम है।
आपने वेडिंग प्लानर या इवेंट प्लानर तो सुने होंगे, लेकिन हम आपको एक ऐसी आईटी इंजिनियर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने फ्यूनरल प्लानिंग के लिए कंपनी खोली है। यह कोलकाता आधारित कंपनी है, जिसका टर्नओवर एक साल में ही 16 लाख रुपये हो गया है। इस कंपनी की फाउंडर श्रुति मूलरूप से हैदराबाद की रहने वाली हैं, लेकिन फिलहाल वह अपने पति के साथ कोलकाता में रहती हैं। उनकी कंपनी जानकारी मिलते ही शवयात्रा के लिए वैन और जरूरत पड़ने पर फ्रीजर बॉक्स तक की व्यवस्था कराती है। इस कंपनी का नाम है, अंत्येष्टि।
मिलती हैं ये सुविधाएं
श्रुति ने बताया कि उनकी सर्विस पहले तो वैन से शव को श्मसान तक ले जाती है, उसके बाद कोलकाता नगर निगम से मृत्यु प्रमाण पत्र (डेथ सर्टिफिकेट) लेने में भी परिवार की मदद की जाती है। इतना ही नहीं, परिवार वालों को जरूरत पड़ने पर पूजा-पाठ के लिए पंडित भी उपलब्ध कराए जाते हैं। अंत्येष्टि के पैकेज किफायती भी होते हैं। कंपनी वीआईपी वैन सर्विस, मोबाइल फ्रीजर, शारीरिक अवशेषों को देश से बाहर ले जाना और श्राद्ध तक की सुविधा प्रदान करती है। इन सर्विसों का चार्ज, 2,500 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक है। अंत्येष्टि की सर्विस के लिए फोन और ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है।
श्रुति ने बताया कि वह कॉन्ट्रैक्ट बेस पर वैन ड्राइवर्स और पंडितों से संपर्क करती हैं। उनकी कंपनी अप्रैल, 2015 से जस्ट डायल पर भी उपलब्ध है। श्रुति ने बताया कि जस्ट डायल से उनके बिजनस को बढ़ने में काफी मदद मिली। इतना ही नहीं, जो लोग अकेले रहते हैं और अगर वह मरने से पहले अपने अंतिम संस्कार की तैयार करना चाहते हैं तो कंपनी उनको भी सुविधा प्रदान करती है। इस प्री-प्लानिंग के लिए कंपनी के पास 6,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक के पैकेज हैं। श्रुति ने जानकारी दी कि इस प्री-प्लानिंग की तैयारी के लिए वकीलों की निगरानी में ठोस दस्तावेज तैयार करवाए जाते हैं।
कैसे हुई शुरूआत
श्रुति 32 साल की हैं और उनकी यह कंपनी कोलकाता में इस सेक्टर में एकमात्र कंपनी है। श्रद्धा बताती हैं कि उन्होंने सबसे पहले यह आइडिया अपने पति को बताया था और उनके पति ने उनका पूरा समर्थन भी किया था। हालांकि, श्रद्धा की मां उनके इस फैसले से खुश नहीं थीं। श्रद्धा बताती हैं कि यह जानकारी मिलने के बाद उनकी मां ने उनसे एक महीने तक बात भी नहीं की। उनकी मां का सोचना था कि एक आईटी इंजिनियर के लिए यह एक निचले स्तर का काम है।
श्रुति 2015 में कोलकाता शिफ्ट हुईं। उन्होंने अपनी शिक्षा हैदराबाद में पूरी की। वह घर में बड़ी हैं और उनका एक भाई है। उनके पिता इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में बतौर इलेक्ट्रिकल इंजिनियर काम करते थे। श्रद्धा की मां घर से साड़ियां बेचती हैं। 2006 में श्रद्धा ने अपनी डिग्री पूरी की और अपना शहर छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में नौकरी की। 2011 में उन्होंने नौकरी बदली और वह हैदराबाद चली गईं। श्रुति ने फरवरी, 2016 में अपने पति से एक लाख रुपये लेकर 'अंत्येष्टि' की शुरूआत की।
2009 में श्रुति की शादी गुरविंदर सिंह सेठी से शादी की, जो हैदराबाद में टाटा मोटर्स में काम करते थे। श्रुति बताती हैं कि उनकी जिंदगी तब बदली, जब उनके पति का कोलकाता ट्रांसफर हुआ। पति के ट्रांसफर के बाद पहले तो श्रुति की कंपनी ने उन्हें घर से काम करने की इजाजत दी, लेकिन बाद में जब कंपनी ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो श्रुति ने नौकरी छोड़ दी।
कहां से मिली प्रेरणा
श्रुति बताती हैं कि कहीं न कहीं इस स्टार्टअप का आइडिया उनके दिमाग में था, लेकिन इसके लिए असली प्रेरणा उन्हें तब मिली, जब उनके पति के नाना जी का देहांत हुआ। श्रुति बताती हैं ऐसे कठिन समय में जब उनके पति को अपने परिवार के पास होना चाहिए था, तब वह अंतिम संस्कार की व्यवस्थाएं करने में लगे हुए थे। यह घटना 2014 की है। इसके बाद ही श्रुति ने अपने आइडिया को साकार करने की ठान ली।
श्रुति याद करते हुए बताती हैं कि उन्होंने एमबीए करने के बारे में सोचा था। उनका मानना था कि एमबीए करने से उन्हें खुद का बिजनस करने में मदद मिलेगी। श्रुति ने जीमैट का एग्जाम भी पास कर लिया। उनके पास आईआईएम, इंदौर और आईआईएम, लखनऊ से कोर्स करने के विकल्प थे। वह दाखिला लेनी ही वाली थीं कि उनके एक बिजनसमैन दोस्त सिद्धार्थ चुरीवाल ने उन्हें सलाह दी कि डिग्री में पैसा खर्च करने से बेहतर है कि वह पढ़ाई का पैसा अपना बिजनस सेटअप जमाने में लगाएं। उनके दोस्त ने उनसे अपने ऊपर भरोसा रखने को कहा।
श्रुति कंपनी की फाउंडर-डायरेक्टर हैं। उनके पास कंपनी के 99 प्रतिशत शेयर हैं। उनकी मां, जो पहले इस आइडिया के विरोध में थीं, वह अब इसके समर्थन में हैं और कंपनी के एक प्रतिशत शेयर की मालकिन भी हैं। कंपनी की शुरूआत एक किराए के ऑफिस में 2 कर्मचारियों के साथ हुई थी। ऑफिस एरिया महज 100 स्कवेयर फीट का था। श्रुति ने बताया कि उनकी कंपनी, कोलकाता में अपने किस्म की इकलौती कंपनी थी। इसलिए उनकी कंपनी लोगों के जरिए धीरे-धीरे प्रचलित हुई।
अब अंत्येष्टि में 6 कर्मचारी काम करते हैं और कंपनी ने एक साल में ही 16 लाख रुपये का बिजनस कर लिया है। श्रुति ने बताया कि आमतौर पर लोग सिर्फ वैन के लिए संपर्क करते हैं, लेकिन अंतिम संस्कार वगैरह के लिए लोग जल्दी उनकी सर्विस नहीं लेते। श्रुति ने इसका भी उपाय निकाल लिया। उन्होंने जून, 2016 में दो फ्रीजर बॉक्स भी खरीदे और सात लाख के निवेश के साथ एक एयर कंडीशन्ड वैन भी खरीदी।
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