भारत का सबसे वजनी सैटलाइट GSAT-11 लॉन्च, इंटरनेट की स्पीड होगी तेज
इस सैटलाइट को देश के बाहर यूरोपियन स्पेस एजेंसी फ्रेंच गयाना से लॉन्च किया गया। इस सैटलाइट की मदद से देश में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को विस्तार मिलेगा।
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GSAT-11 (तस्वीर साभार- ESA)
भारत में इंटरनेट की दशा और दिशा दोनों परिवर्तित होने वाली है। GSAT-11 के जरिए हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी।
अंतरिक्ष अनुसंधान और तकनीक के क्षेत्र में भारत नित नई इबारतें लिख रहा है। हाल ही में PSLV-C43 सैटलाइट लॉन्च करने के बाद अब देश के सबसे वजनी सैटलाइट GSAT-11 को लॉन्च कर दिया गया है, जिसका वजन 5,854 किलोग्राम है। हालांकि इस सैटलाइट को देश के बाहर यूरोपियन स्पेस एजेंसी फ्रेंच गयाना से लॉन्च किया गया। इस सैटलाइट की मदद से देश में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को विस्तार मिलेगा।
वर्तमान में यह उच्च बैंडविथ वीसेट संचार सुविधाओं से लैस है, जो अति उच्च 32 स्पॉट बीम्स वाला संचार उपग्रह है। इस उपग्रह में क्यू बैंड क्षमता को बढ़ाया गया है, जिससे वीसेट्स, ब्रॉडबैंड आदि कई सेवाओं का इस्तेमाल संभव हो सकेगा। GSAT-11 के जमीनी कामकाज के पूरा होने से ध्रुवीय परीक्षण समर्थन की जरूरतें तो पूरी होंगी ही, सामाजिक सेवाओं के लिए बैंडविथ के छोटे-छोटे हिस्सों का भी इस्तेमाल संभव हो सकेगा।
GSAT-11 से करीब 10 जीबीपी की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की उच्च क्षमता मुहैया होगी जिससे विशेष रूप से ग्रामीण भारत में भी इस सेवा को हासिल करना सुगम होगा। इस सैटलाइट को इसी साल 2018 की शुरुआत में लॉन्च करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के चलते इसे अप्रैल में फ्रेंच गयाना से वापस मंगवा लिया। अब दोबारा इसे फिर से लॉन्च करने की योजना बनाई गई।
इस तरह से देखा जाए तो भारत में इंटरनेट की दशा और दिशा दोनों परिवर्तित होने वाली है। GSAT-11 के जरिए हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी। इसमें चार उच्च क्षमता वाले थ्रोपुट सैटलाइट हैं, जो अगले साल से देश में हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देंगें।
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