हिन्दी वालों के लिए खुशखबरी: माइक्रोसाफ्ट, गूगल और एपल हिन्दी के प्रोत्साहन में जुटे...
विश्व हिन्दी सम्मेलन में एक छत के नीचे तीनों बड़ी कंपनियां
पीटीआई
10 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन का भव्य और आकषर्क आयोजन स्थल हिन्दी के प्रोत्साहन के साथ ही हिंदी के हाईटेक स्वरूप को बढ़ावा देने का भी स्थल बन कर उभरा है जहां माइक्रोसाफ्ट, गूगल, एपल जैसी दुनिया की नामचीन साफ्टवेयर कंपनियां एक छत के नीचे जमा हुई हैं।
इस विशाल पंडाल में माइक्रोसाफ्ट, गूगल, एपल और अन्य बड़ी कम्पनियों के प्रतिनिधि अपने-अपने सामान को बेहतर बताने और सम्मेलन में आए लोगों को अपनी ओर आकषिर्त करने की प्रतिस्पर्धा में लगे हैं। वे वहां आने वाले लोगांे को बाकायदा प्रदर्शित करके दिखा रहे हैं कि उनके एप कितनी तेजी से हिन्दी की सामग्री को डाउनलोड कर लेते हैं।
माइक्रोसाफ्ट इंडिया मार्केटिंग के निदेशक आलोक लाल ने कहा, ‘‘हम अपने अप्लॉयसेंस द्वारा हिन्दी को बढ़ावा दे रहे हैं।’’ उन्होंने बताया कि माइक्रोसाफ्ट टेक्नालॉजी सलाहकार बिल गेट्स ने भारत में वर्ष दो हजार में भाषा नामक परियोजना शुरू की थी, जिसके तहत प्रारंभ में हिन्दी और तमिल भाषाओं को विंडोज और एमएस ऑफिस में समाहित किया गया था।
उन्होंने कहा स्किल इंडिया के तहत उनकी कंपनी ने हिन्दी सर्च इंजन ‘बिंग’ को विकसित किया है जो बहुत कामयाब रहा है।
एपल के स्टॉल पर कंपनी के अधिकृत सेल्स पार्टनर एजिस इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड बिजनेस डिवेलपमेंट मैनेजर सतीश भरानी ने बताया कि उनके डेस्क टॉप, लेपटॉप और आईपेड के एप स्टोर हिन्दी टाइपिंग और शब्द कोष से जुड़े हैं।
इस पंडाल में गूगल और सी-डेक के स्टॉलों में भी बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बीके कुठियाला ने कहा कि यह पहला अवसर है जब दुनिया की ये तीनों बड़ी कंम्पनियां हिन्दी को प्रोत्साहित करने के लिये एक छत के नीचे एक साथ आईं हैं।