वेबसाइट के निर्माण से लेकर डिजिटल मार्केटिंग तक के क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ती ‘नीड वेबसाइट्स’
कोलकाता के रहने वाले इंद्राशीश चटर्जी ने वर्ष 2013 में बहुराष्ट्रीय कंपनी की नौकरी छोड़कर की स्थापनावेबसाइटों का निर्माण करने के अलावा डिजिटल मार्केटिंग के साथ-साथ एप्लीकेशन डवलपमेंट में भी रखते हैं महारतवर्तमान की 350 उपभोक्ताओं की संख्या को बढ़ाकर आने वाले वर्ष में 1 हजार करने का है इरादाकस्टमर रिलेशन मैनेजमेंट और एंटरप्राइज़ रिसोर्स मैनेजमेंट के लिये साॅफ्टवेयर भी कर रहे हैं विकसित
मूलरूप से कोलकाता से संबंध रखने वाले उद्यमी इंद्राशीश चटर्जी हमेशा से ही अपना स्वयं का उद्यम स्थापित करने का सपना देखते थे। अपने इस सपने को अमली जामा पहनाने की धुन में उन्होंने एक अग्रणी बहुराष्ट्रीय कंपनी की एक प्रोफाइल नौकरी को अलविदा कहा और वर्ष 2013 में ‘नीड वेबसाइट्स’ (Need-Websites) की स्थापना की। उनके इस मंच ने चार सदस्यों के साथ एक बेहद ही सामान्य सी शुरूआत की। एक गैर आईटी क्षेत्र की इमारत के एक छोटे से गोदाम में अपने उद्यम की स्थापना से लेकर शहर के आईटी हब में एक प्रमुख स्थान पर अपने एक कार्यालय तक का उनका यह सफर अविश्वसनीयताओं से भरा रहा है।
नीड-वेबसाइट्स के सह-संस्थापक इंद्रशीश कहते हैं, ‘‘नीड-वेबसाइट्स एक बी2बी आधारित मंच है जो वैश्विक मंच पर उपभोक्ताओं की सेवाओं के लिये तत्पर है और जिसका सारा ध्यान सभी स्टार्टअप्स, चाहे वे छोटे हों या बड़े, उन्हें बेहद किफायती दरों पर उनकी आॅनलाइन उपस्थिति दर्ज करवाने में सहायता प्रदान करवाना है। हम न केवल विभिन्न प्लेटफार्मों के आधार पर पेशेवर वेबसाइटों का निर्माण करने में विशेषज्ञ हैं बल्कि हम डिजिटल मार्केटिंग के साथ-साथ एप्लीकेशन डवलपमेंट में भी महारत रखते हैं।’’
नीड-वेबसाइट्स ने हाल ही में कस्टमर रिलेशन मैनेजमेंट और एंटरप्राइज़ रिसोर्स मैनेजमेंट के लिये साॅफ्टवेयर विकसित करने की दिशा में भी अपना कदम आगे बढ़ाया है। यह मंच उत्पाद और सेवा की डिलीवरी एक वैज्ञानिक विधि से करने के अलावा नए अपडेट्स पर शोध कार्य करने के लिये एक अलग से समर्पित अनुभाग होने का दावा करता है।
इनका यह मंच अबतक स्वयं वित्तपोषित है। नीड-वेबसाइट्स ने हाल ही में अमरीका के जाॅर्जिया में संचालन करना प्रारंभ किया है। इसके अलावा इनका अमरीका आधारित कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ वार्ताओं का दौर भी जारी है जो एक आउटसोर्सिंग भागीदार के रूप में इनके साथ हाथ मिलाने के इच्छुक हैं।
इंद्राशीश कहते हैं, ‘‘अधिकतर निवेशक ई-काॅमर्स या फिर उत्पाद आधारित मंचों में निवेश करने के इच्छुक रहते हैं। अबतक हम एक सेवा आधारित कंपनी के रूप में जाने जाते थे लेकिन अपने नए उत्पादों और साॅफ्टवेयर के सामने आने के बाद हम भी वैश्विक मंच पर उत्पादों को ब्रांड करने के लिये उपलब्ध मंच के रूप में खुद को स्थापित करने मेें सफल रहेंगे।’’
इनका कहना है कि भारत एक बढ़ता हुआ बाजार है और हाल के दिनों में यहां नई अवधारणाओं का स्वागत हो रहा है। ओयो रूम्स, वूडू, मबल, ग्रैब हाउस स्कूप्स सहित कई अन्य उपक्रम हाल के दिनों में अपनी विशिष्ट अवधारणाओं के चलते बेहतरीन निवेश पाने में सफल रहे हैं। अपनी पहली अवधारणा एप्लीकेशन को बाजार में उतारने के साथ नीड-वेबसाइट्स वर्ष 2016 तक इस समूह का एक हिस्सा बनने की ओर अग्रसर है।
वृद्धि दर
वर्तमान में भारत में 4 सदस्यों की टीम से बढ़कर 16 सदस्यीय टीम बनने के बाद कंपनी का इरादा वर्ष 2016 के प्रारंभ तक खुद को 30 सदस्यीय संस्था में तब्दील करने का है। इसके अलावा इनके अमरीका के कार्यालय में भी चार लोगों की एक टीम काम कर रही है।
इंद्राशीश कहते हैं, ‘‘हमनें सेवा उद्योग से अपनी यात्रा प्रारंभ की थी। हालांकि हमनें हाल ही में अपने प्रोडक्ट सेक्शन की स्थापना की है जो साॅफ्टवेयर और एप्लीकेशन डवलपमेंट पर ध्यान दे रहा है। वर्ष 2016 तक 2 मिलियन अमरीकी डाॅलर के निवेश के साथ हम अगली बड़ी छलांग के लिये तैयार हैं। वर्तमान में 350 उपभोक्ताओं के डाटाबेस के साथ नीड-वेबसाइट्स आने वाले वर्ष में एक हजार उपभोक्ताओं को अपने साथ जोड़ने का लक्ष्य सामने रखकर आगे बढ़ रही है। वर्ष 2016-17 तक हमारा इरादा 5 लाख डाॅलर से अधिक का राजस्व प्राप्त करने का है।’’
सामने की चुनौतियां
आज के दौर में बाजार काफी प्रतिस्पर्धी हो चुका है और कोई भी उत्पाद या सेवा बिना उचित ब्रांडिंग या मार्केटिंग के सफल नहीं हो सकती। इंद्राशीश कहते हैं, ‘‘हमारा सफर वास्तव में काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। हालांकि आज हम जहां खड़े हैं उसके पीछे हमारा उचित वित्तीय प्रबंधन और विकास की संरचना सबसे बड़ा कारण है।’’