भारत के सफल सोशल एंटरप्रन्योर्स, जिन्होंने बदली देश की दशा व दिशा
- महात्मा गांधी, वर्गीस कुरियर, संजीत बंकर राय, अनिल कुमार गुप्ता, सुनील भारती मित्तल, हरीश हांडे, डॉक्टर जी वेंकटस्वामी और विनीत राय का काम बना मिसाल।- बिजनेस में मुनाफे के साथ-साथ गरीबों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं सोशल एंटरप्रन्योर।
आज से कुछ वर्ष पहले लोग सरकारी नौकरी के लिए परीक्षाएं देते थे व कुछ लोगों को सरकारी नौकरियां मिल जाती थीं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में परिदृश्य बहुत बदल चुका है। अब छात्रों के लिए नौकरी के कई नए द्वार खुल चुके हैं। और अब वे ऐसे विषयों में अपना भविष्य बना रहे हैं जिसके बारे में आज से कुछ समय पहले तक लोगों को पता तक नहीं था। इसी तरह कई लोगों ने किसी के आधीन काम न करने का निर्णय लेते हुए खुद की स्टार्टअप फर्म खोलीं। इनमें से कुछ स्टार्टअप फर्म ने बहुत कम समय में काफी नाम और शौहरत भी कमाई तो कई स्टार्टअप बंद भी हुई। कई लोग ऐसे भी थे जो अपना कुछ नया काम शुरू तो करना चाहते थे लेकिन देश सेवा भी साथ में करना चाहते थे। वे लोग अपने काम के द्वारा देश की प्रगति में भी अपना योगदान देना चाहते थे और ऐसे ही कई सोशल एंटरप्रन्योर्स ने भारत की दिशा और दशा बदलने में बेहद सकारात्मक प्रयास किए।
भारत में कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने समाज के लिए काफी काम किया और उनके काम की भारत ही नहीं विश्व भर तारीफ हुई। उन्होंने अपने काम से अपनी विश्वव्यापी पहचान बनाई। ऐसे ही कुछ प्रेरणादायी लोग जो विभिन्न सोशल एंटरप्रन्योर्स के लिए प्रेरणा स्रोत बने।
1 - मोहन दास करमचंद गांधी - महात्मा गांधी जी ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान तो दिया ही लेकिन उन्होंने अपने प्रयासों से लोगों को खादी व विभिन्न स्थानीय कला को बढ़ावा देने की दिशा में भी काफी काम किया। उन्होंने आम जन तक स्वदेशी को अपनाने का संदेश पहुंचाया और भारत में कारीगरों को प्रोत्साहन मिले इस दिशा में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया। गांधी जी ने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा आदि क्षेत्रों में भी काफी काम किया। उन्होंने विभिन्न सत्याग्रह जैसे नमक सत्याग्रह किया जिससे भारत के आम आदमी को फायदा पहुंचा। गांधी जी ने देश को आजादी दिलाने के अलावा एक सोशल एंटरप्रन्योर की भी भूमिका निभाई।
2 - वर्गीज कुरियन - भारत को दूध की कमी से जूझने वाले देश से दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाने वाले 'श्वेत क्रांति' के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन ने देश में सहकारी दुग्ध उद्योग के मॉडल की आधारशिला रखी थी। 26 नवंबर 1921 को केरल के कोझिकोड में पैदा हुए डॉ. वर्गीज ने गुजरात के आंणद में एक छोटे से गैराज से अमूल की शुरुआत की। कुरियन का सपना था देश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना। साथ ही किसानों की दशा सुधारना। उन्होंने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की। कुरियर ने गुजरात में वर्ष 1946 में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की। आज इसकी सदस्य संख्या 16 हजार से अधिक है। इस संघ से 32 लाख दुग्ध उत्पादक जुड़े हैं। भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण करने वाले कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे। इससे पहले गाय के दूध से पाउडर का निर्माण किया जाता था। कुरियन ने आम लोगों को अपनी मुहिम में जोड़ा और एक बेहद सफल सोशल एंटरप्रन्योरशिप का उदाहरण पेश किया।
3 - संजीत बंकर रॉय - संजीत बंकर रॉय ने सन 1965 में बेयरफुट कॉलेज की शुरुआत की इसके जरिए संजीत ग्रामीण समुदायों की समस्या का समाधान करते हैं। बेयरफुट के कार्यों के परिणामस्वरूप दस लाख लीटर बारिश के पानी को संरक्षित कर उसे पीने लायक बनाया जाता है। फिर उस पानी को पूरे विश्व में 1,300 समुदायों के 2,39,000 स्कूली बच्चों के पीने के लिए उपलब्ध कराया जाता है। 'बेयरफुट' का कार्य एक सिद्ध समुदाय आधारित मॉडल पर वेस्ड है। जिसके जरिए वैश्विक गरीबी को कम करने के उद्देश्य से सुदूरवर्ती इलाकों और ग्रामीण इलाकों में ऊर्जा और पानी की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। समुदाय के मॉडल, प्रबंधन और आर्थिक रूप से सक्षम घरेलू सौर ऊर्जा प्रणाली का इस्तेमाल 54 से अधिक देशों में किया जा रहा है। इससे 600 से अधिक महिला बेयरफुट सौर इंजीनियरों को अधिकार संपन्न बनाया गया और भारत, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, प्रशांत महासागर क्षेत्र और एशिया क्षेत्र के करीब 1,650 समुदायों के 4,50,000 लोगों को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराई जा रही है।
4 - अनिल कुमार गुप्ता - अनिल आईआईएम में प्रोफेसर व हनी बी नेटवर्क संस्था के संस्थापक हैं। उन्होंने देश के गरीब व गुमनाम अविष्कारों को पहचान दिलाने की मुहिम शुरू की। वे आईआईएम में सन 1981 से पढ़ा रहे हैं। अनिल ने जमीनी स्तर पर काम करना शुरू किया और हनी बी नेटवर्क की शुरुआत की। वे काफी वर्ष बांग्लादेश में भी रहे। अनिल ने ग्रामीण इलाकों के लोगों के साथ काम करना शुरू किया व उनकी प्रतिभा को निखारा। उनसे कई नए प्रयोग करवाए और गरीबों को सक्षम बनाने का काम किया।
5 - हरीश हांडे - हरीश ने ग्रामीणों की जिंदगी अपनी मेहनत, लगन और हुनर से रौशन कर दी। हरीश ने गांव देहात में रहने वाले गरीबों के घर तक सौर ऊर्जा पहुंचाई और उनके बेहतर कामों को दुनिया ने जाना और खूब सराहा। अपने इस कार्य के लिए उन्हें रोमन मैज्सेसे पुरस्कार से भी नवाजा गया। हरीश ने सन 1995 में बहुत कम पैसे में सेल्को इंडिया की शुरुआत की। कंपनी का लक्ष्य था सोलर एनर्जी के प्रयोग से गांव देहातों का विकास करना। शुरुआत में हरीश ने बहुत कम बजट में अपना काम चलाया। उन्हें काफी दिक्कतें भी आईं लेकिन वे डटे रहे और कम बजट के नए-नए आइडियाज पर काम करते रहे। आज सेल्को के पास 375 से ज्यादा कर्मचारियों की एक फौज है जोकि कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु में कार्य कर रही है। और ग्रामीण भारत को रौशन करने की दिशा में हर संभव प्रयास में जुटी है। सेल्को के इन राज्यों में 45 से अधिक सर्विस स्टेशन हैं। सन 1995 से लेकर अब तक सेल्को दो लाख से ज्यादा लोगों के घरों में अपने सिस्टम लगा चुका है।
6 - डॉक्टर जी वेंकटस्वामी - वेंकटस्वामी ने सन 1976 में तमिलनाडु में अरविंद आई केयर की शुरुआत की। यह विश्व का सबसे बड़ा एवं सर्वाधिक नेत्र सुरक्षा की सुविधा वाला नेत्रालय है। इस अस्पताल को खोलने का मक्सद गरीब लोगों का इलाज करना था जोकि ज्यादा फीस देने में सक्षम नहीं हैं। शुरुआत में अस्पताल में यहां 11 बेड थे वहीं आज यह विश्व के सबसे बड़े नेत्र अस्पतालों में से एक है। जहां नेत्र संबंधी हर छोटी बड़ी समस्या का इलाज किया जाता है। अरविंद आई केयर अस्पताल इस बात की पुष्टि करता है कि आप कम कीमत में भी रोगियों को बेहतर इलाज दे सकते हैं। यहां 4 मिलयन से ज्यादा आई सर्जरी हो चुकी हैं और इनमें से ज्यादातर लोग निम्न आय वर्ग के थे।
7 - सुनिल भारती मित्तल - एयरटेल के फाउंडर सुनिल भारती मित्तल का सोशल एंटरप्रन्योर्स की लिस्ट में नाम देखकर चौंकिए मत क्योंकि आज भी काफी लोग एयरटेल को एक सोशल एंटरप्राइज ही मानते हैं क्योंकि एयरटेल मोबाइल क्षेत्र में जो क्रांति लाया उसके कारण मोबाइल आम लोगों की पहुंच में आया। उन्होंने मोबाइल सेवा की कीमतों में जो भारी कमी की उसकी वजह से ही गरीब भी मोबाइल रखने में सक्षम हो सके जिससे गरीबों की जिंदगी भी थोड़ी सुलभ हुई। आज मित्तल की कंपनी एयरटेल ग्रामीण इलाकों में अपना नेटवर्क बना रही है। ताकि सुदूर भारत को भी मोबाइल नेटवर्क से जोड़ा जा सके और यह देश के लिए अच्छा है।
8 - विनीत राय - विनीत का जन्म जोधपुर में हुआ। मात्र 24 साल की उम्र में विनीत अविष्कार के सीईओ बने। अविष्कार एक ऐसी सोशल एंटरप्राइज है जो लोगों को नए अविष्कार करने की प्रेरणा देती है व उनकी मदद करती है। आविष्कार ग्रामीण उद्यमियों को लोन दे रहा है। ऐसे लोगों को जो कुछ नया करने की क्षमता रखते हैं। सन 2002 में विनीत ने इंटलेक्चुअल कैपिटल नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड की थी। इंटलकैप एक अजीबोगरीब आइडिया था जिसे विनीत को उनके मित्र पवन मेहरा ने बताया था। एक ऐसी कंपनी थी जो बौद्धिक पूंजी में व्यापार करती थी। आविष्कार का मक्सद केवल मुनाफा अर्जित करना नहीं है बल्कि आविष्कार का काम उन कंपनियों को खड़ा करना है जो ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दें।