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स्कूल छोड़कर कंप्यूटर में लगाया मन, 21 की उम्र में गिनीज बुक में दर्ज हुए मनन

21 साल की उम्र में गिनीज बुक में दर्ज होने वाले मनन...

स्कूल छोड़कर कंप्यूटर में लगाया मन, 21 की उम्र में गिनीज बुक में दर्ज हुए मनन

Friday April 13, 2018 , 4 min Read

मनन ने साइबर सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग पर चार किताबें लिखी हैं। उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा मोस्ट वैल्युएबल प्रोफेशनल से नवाजा जा चुका है। आज मनन का नाम देश के टॉप-10 हैकरों में शुमार किया जाता है।

मनन शाह

मनन शाह


मनन को स्कूल जाना पसंद नहीं था। होमवर्क करना, रोज क्लास में उपस्थित रहना उन्हें अच्छा नहीं लगता था। इसके लिए उनके टीचर और पैरेंट्स उन्हें अच्छा नहीं मानते थे और कई बार तो उन्हें प्रताड़ना भी सहनी पड़ती थी।

आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहे हैं जिसने सिर्फ 24 साल की उम्र में वो सब हासिल कर लिया जिसे पाने में न जाने कितने लोगों की जिंदगी निकल जाती है। वड़ोदरा के रहने वाले मनन शाह एथिकल हैकर हैं और उनके द्वारा स्थापित की गई कंपनी ऐवलांस सिक्यॉरिटी बड़ी-बड़ी मल्टीनैशनल कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी उपलब्ध करवाती है। मनन का नाम लिम्का और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है। खास बात यह है कि मनन स्कूल ड्रॉप आउट हैं, यानी उनकी औपचारिक शिक्षा भी पूरी नहीं हुई है।

मनन को स्कूल जाना पसंद नहीं था। होमवर्क करना, रोज क्लास में उपस्थित रहना उन्हें अच्छा नहीं लगता था। इसके लिए उनके टीचर और पैरेंट्स उन्हें अच्छा नहीं मानते थे और कई बार तो उन्हें प्रताड़ना भी सहनी पड़ती थी। मनन बताते हैं कि उन्हें बैकबेंचर की तरह रहना अच्छा लगता था। मनन की उम्र उस वक्त 14 साल रही होगी जब उनके पिता ने उन्हें एक नया कंप्यूटर गिफ्ट किया था। इसके बाद मनन सिर्फ कंप्यूटर में ही घंटों लगे रहते थे। उनकी दिलचस्पी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और प्रोग्रामिंग में हुई। 15 तक पहुंचते-पहुंचते वह कंप्यूटर में पारंगत हो गए। 16 साल की उम्र में मनन ने ब्लैक एक्सपी (Black Xp) के कई सारे वर्जन तैयार कर लिये थे। उस वक्त पूरी दुनिया में इसे 2 करोड़ बार डाउनलोड किया गया।

इसके बाद मनन के भीतर आत्मविश्वास आया और अपनी एक फोरम वेबसाइट तैयार कर हैकिंग पर ब्लॉग लिखना शुरू कर दिया। जब वे 17 के हुए तो उनका कंप्यूटर का शौक पैशन में बदल गया और हैकिंग और क्रैकिंग में महारात हासिल करने लगे। 18 साल की उम्र में मनन का नाम देश से टॉप एथिकल हैकरों में शामिल था। बेस्ट ओवरलॉकिंग पीसी विंडोज ब्लैक एक्सपी के लिए मनन को 19 साल की उम्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड मिल गया। उन्होंने गुजरात, राजस्थान पुलिस, रक्षा मंत्रालय, सीबीआई, एयरपोर्ट अथॉरिटी जैसे सरकारी उपक्रमों को भी साइबर हमले से बचाया है।

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मनन ने साइबर सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग पर चार किताबें लिखी हैं। उन्हें माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा मोस्ट वैल्युएबल प्रोफेशनल से नवाजा जा चुका है। आज मनन का नाम देश के टॉप-10 हैकरों में शुमार किया जाता है। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट ने एथिकल हैकिंग के मामले में उन्हें इंडिया में पांचवें स्थान पर रखा है। मनन ने साइबर सिक्योरिटी के कई बड़े मामले सुलझाए हैं। उन्होंने XSS, CSRF, मेटास्पॉइल्ट और फ्रेमवर्क पर रिसर्च भी किया है।

20 साल की उम्र में मनन ने ट्विवटर, याहू, फेसबुक, नोकिया, ब्लैकबेरी, पेपाल, स्काइपे, ड्रॉपबॉक्स, गूगल, ऐपल, माइक्रोसॉफ्ट और एडोबे जैसी तमाम मल्टीनैशनल कंपिनयों के वेब एप्लीकेशन में बग्स की खोज की थी। 21 की उम्र में मनन ने ऐवलांस सिक्योरिटी के नाम से एक साइबर सिक्योरिटी कंनपी खोली। उन्होंने बड़े संस्थानों में जाकर वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित किए हैं। ऐवलांस सिक्योरिटी कंपनी साइबर सिक्योरिटी के सारे मामलों को देखती है। इसके पास हर तरह के क्लाइंट्स हैं। मनन क्लाइंट्स को उनके सिस्टम में अनअथरॉइज्ड एक्सेस के खतरे को हटाते हैं।

मनन ने माइक्रोसॉफ्ट, सॉलवे, एल्सकॉम, टेबा और पीडब्लूसी जैसे कॉर्पोरेट क्लाइंट्स के लिए काम किया है। वे हैकटेक ट्रेनिंग और ऐवलांस WSPT जैसे सिस्टम के जरिए अपना रेवेन्यू इकट्ठा करते हैं। इसके अलावा ई-कॉमर्स गेटवेज, बैंक्स और इंश्योरेंस एजेंसी भी उनके ग्राहकों की लिस्ट में शुमार हैं। कई सारी ऐसी स्टैटिक साइट्स होती हैं जिनके पास डेडिकेटेड सर्वर नहीं होता। ऐसी साइट्स पर ज्यादा खतरा होता है। इन साइट्स को भी ऐवलेंस सर्विस उपलब्ध करवाता है।

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