खाने में मिलावटी चीज़ों से मुक्ति और भरपूर पोषक का दूसरा नाम ‘यूनिवेद’
भारत में बिक रहे मिलावटी सप्लीमेंटस से लोगों को मुक्त करना चाहते हैं अमित मेहतामुंबई में पले-बढ़े और विदेश में पढ़े अमित विदेश प्रवास के दौरान शाकाहार के संपर्क में आए और भारत आकर ‘यूनिवेद’ की नींव रखीपीटा इंडिया से प्रमाणित होने के अलावा ब्रिटेन की वेगन सोसाइटी द्वारा ‘शाकाहार’ के लिये प्रमाणित होने वाली पहली कंपनी हैइनके सभी खाद्य उत्पाद पोषक और प्राकृतिक होने के अलावा पूर्णतः शाकाहारी होते है
अब से कुछ दशक पहले तक जीवन बहुत आसान था और हमारे जीवन में समय की बहुतायत थी। लोग व्यायाम करने के लिये समय निकालने के अलावा समय-समय पर अपने कार्यस्थल पर चहलकदमी करने में भी समर्थ थे। हालांकि आज की व्यस्त जीवनशैली में समय, स्थान और ध्यान इन तीनों चीजों की कमी लगातार बढ़ती जा रही है। हमारा रोजमर्रा का जीवन बहुत व्यस्त हो गया है और हमारे सामने ‘आज मुझे बेहद जरूरी ईमेल भेजनी है’ या ‘बहुत महत्वपूर्ण बैठक है जिसे टाला नहीं जा सकता’ या फिर ‘यह ऐसी मुलाकात है जिसे टाला नहीं जा सकता’ जैसे मुद्दे मुंह बायें खड़े रहते हैं।
आज के हड़बड़ी भरे जीवन में हमारे द्वारा खाने के रूप में इस्तेमाल किये जाने वाले छोटे-से-छोटे पदार्थ पर बड़ी बारीकी से नजर रखे जाने की आवश्यकता है। यह ध्यान देना बहुत जरूरी है कि हम जो कुछ भी खा रहे हैं कहीं वह हमारे शरीर में कैलोरी की अतिरिक्त मात्रा तो नहीं पहुंचा रहा है। इसके अलावा इस बात का भी पूरा ध्यान रखने आवश्यकता है कि हम अपनी देनिक गतिविधियों की तुलना में पोषण कह सही मात्रा भी पा रहे हैं या नहीं। कई बार हमारा सामान्य सेवन हमारे शरीर के लिये पर्याप्त नहीं होता और ऐसे में हमें अपने भोजन की कमियों की भरपाई के लिये अतिरिक्त खुराक का या कहें तो सप्लीमेंट्स का सेवन करना पड़ता है।
और वर्ष 2010 से मुंबई में स्थित एक कंपनी ‘यूनिवेद’ इसी ध्येय में लगा हुआ है। इनका मकसद लोगों को स्वस्थ रहने में मदद करने के अलावा पोषक भोजन को हम भारतीयों के रोजमर्रा के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनाने का है।
‘यूनिवेद’ एक ऐसी न्यूट्रासूटिकल कंपनी है जो प्रकृति से प्रेरित और अनुसंधान पर आधारित अभिनव, प्राकृतिक और शाकाहारी आहार सप्लीमेंट्स और स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद बनाने के काम में लगी हुई है। मुंबई में पैदा हुए और पले-बढ़े इसके संस्थापक और सीईओ अमित मेहता एक ऐसे वातावरण में बड़े हुए जिसने खेलकुद और पोषण में इनकर रुचि को और बढ़ाने का काम किया। बीते समय पर नजर धालते हुए एक तरफ जहां वे शहर में होने वाले उत्साही गली क्रिकेट के मैचों को याद करते हैं तो दूसरी तरफ उन्हें फुटबाॅल के प्रति एक जीवनपर्यंत जुनून भी उसी दौरान पैदा होने की याद आती है। इसके अलावा बढ़ने के उसी दौर में उनके पिता के बाॅडीबिल्डिंग के प्रति रुझान ने उन्हें भी इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
इसके बाद वे आॅस्ट्रेलिया की बाँड यूनिवर्सिटी से स्नातक और अमरीका की विलियमेट्ट यूनिवर्सिटी से एमबीए करने गए और इस दौर में उन्हें अंर्तराष्ट्रीय अनुभव और सोच से रूबरू होने का मौका मिला।
अपने विदेश प्रवास के दौरान अमित पूर्ण शाकाहार आधारित आहार के संपर्क में रहे और इसी दौरान उन्हें बोध हुआ कि एक सक्रिय जीवनशैली जीने के लिये पूर्ण शाकाहारी आहार का सहारा लेना कितना लाभप्रद है। बस यहीं से स्वास्थ्य और पोषण के प्रति उनके लगाव ने उनके भीतर के उद्यमी को हवा दे दी। इसी चिंगारी ने अमित को मुंबई वापस आने पर मजबूर कर दिया और 500 वर्गमीटर के एक दफ्तर में ‘यूनिवेद’ की नींव पड़ी।
मुंबई में नींव रखने के तीन दिन बाद ही हर्बल विज्ञान में तभी स्नातक करने वाली अमेया गावंधलकर उनकी शोध टीम के साथ जुड़ीं जो वर्तमान में ‘यूनिवेद’ में प्रौद्योगिकी विभाग की देखरेख का काम संभालती हैं। दो लोगों ने कंपनी की दृष्टि और संस्थापक चरित्र, ‘प्रकृति से प्रेरित और शोध पर आधारित‘ की रूपरेखा को तैयार करने और अमली जामा पहनाने की दिशा में काम प्रारंभ कर दिया। खाका बिल्कुल स्पष्ट था - ऐसे पोषक शाकाहारी उत्पादों को तैयार करना जिन्हें सीधे प्रकृति की गोद से परीक्षण के लिये प्रयोगशाला में लाकर सीधे उपभोक्ताओं के जीवन तक पहुंचाया जा सके।
‘यूनिवेद’ के ब्रांड डायरेक्टर सिद्धार्थ दत्ता ने दृश्य भाषा के विकास के काम को बखूबी संभाला और घंटों के विचार-विमर्श के सत्रों के बाद थोक में पैकेजिंग नमूनों को तैयार करने में सफलता पाई।
आश्चर्यजनक रूप से अपने पहले उत्पाद को तैयार करने का विचार इन्हें रोजमर्रा की घरेलू जिंदगी से ही मिला। अमित ने ध्यान दिया कि उनकी माँ अपनी रोज की दवाई सुबह की चाय के साथ लेती हैं। और बस सही से उन्हें प्रेरणा मिली। चाय लाखों-करोड़ों भारतीयों के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और इसका उपयोग स्वास्थ्य की स्थितियों को सुधारने के एक साधन के रूप में किया जा सकता है।
निरंतर परीक्षण और अनुसंधान के फलस्वरूप ये लोग हर्बल चाय के तीन सटीक योगों का निर्माण करने में सफल रहे। ‘यूनिवेद’ आधिकारिक तौर पर अपने तीन उत्पादों, स्मृति सुधार के लिये ‘एक्टिवटी’, बेहतर पाचन के लिये ‘डाइजेस्टी’ और बढ़े हुए यौन सुख के लिये ‘विटेलीटी’ के साथ बाजार में पांव रख चुके हैं और इनके ये तीनों उत्पाद इनके ट्रेडमार्क भी हैं।
‘यूनिवेद’ का मुख्य दर्शनशास्त्र मुख्य रूप से पांच तत्वों पर आधारित है जो नवीनता, गुणवत्ता, अनुसंधान, प्रकृति और शाकाहार हैं। यह कंपनी सिर्फ पीटा इंडिया से ही प्रमाणित नहीं है बल्कि यह ब्रिटेन की वेगन सोसाइटी द्वारा ‘शाकाहार’ के प्रमाणित होने वाली पहली कंपनी है। अमित बताते हैं कि उनके लिये अपने जैसी सोच वाले विक्रेताओं को तलाशना काफी चुनौतीपूर्ण रहा लेकिन इसने उनकी टीम को ऐसे साथियों को तलाशने के लिये और अधिक प्रेरित किया जो सामग्री की गुणवत्ता से समझौता किये बगैर उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतर सकें। इनकी टीम औसतन एक से डेढ़ वर्ष के समय में शून्य से एक उत्पाद को विकसित करने में सफल हो पाती है। इस दौरान स्वास्थ्यसेवाओं के क्षेत्र में गुणवत्ता मानकों पर उत्पाद के खरा उतरने के लिये और सुरक्षा के लिहाज से उत्पादों पर कई तरह के परीक्षणों को भी किया जाता है।
वर्ष 2012 से 2015 के बीच ‘यूनिवेद’ के उत्पादों के पोर्टफोलियो में नित नए उत्पाद शामिल होते रहे हैं और वर्तमान में तीन कार्यक्षेत्रों में इनके कुल 33 उत्पाद उपलब्ध हैं। स्वस्थ वजन प्रबंधन करने वाले अपने उत्पाद ‘माईनस’ जो इनका एक और ट्रेडमार्क है के जरिये ये सप्लीमेंट्स के बाजार में अपनी गहरी छाप छोड़ चुके हैं।
अपनी त्वचा के प्रति संवेदनशील उपभोक्ताओं के लिये ‘यूनिवेद’ ‘डियर अर्थ’ के शीर्षक से सिर से पैर तक प्रयोग होने वाले जैविक और पूर्ण शाकाहारी स्किनकेयर उत्पादों की एक पूरी श्रंखला भी पेश करता है। इनके मूल दर्शक का अक्षरक्षः पालन करते हुए ‘डियर अर्थ’ देश में इकलौता क्रूरता-मुक्त स्किनकेयर उत्पाद है।
‘यूनिवेद’ भारत में तेजी से बढ़ते खेलों के प्रति समर्पित समुदायों को लक्षित करते हुए ‘यूनिवेद स्पोर्टस्’ के विकास के रोमाचंक चरण के दौर से गुजर रही है। अमित कहते हैं, ‘‘हम खेलों की दुनिया में काफी कुछ करने के बारे में विचार कर रहे हैं और देश में मौजूद गंभीर और समर्पित खिलाडि़यों तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।’’
खेल श्रृंखला के अपने उत्पादों के साथ ‘यूनिवेद’ भारत में एथलीटों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले खेल पोषण उत्पादों को सुलभ बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। किसी भी खिलाड़ी की शुरू से लेकर अंत तक की सभी पोषण संबंधित शारीरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाला आरआरयूएनएन भारत का पहला देशी और शाकाहारी खेल पोषण व्यवस्था है। इसके अलावा ‘यूनिवेद’ पहले से ही बड़े पैमाने पर मट्ठे पर आधारित प्रोटीन सप्लीमेंट से अटे पड़े बाजार में भारत के पहले शाकाहारी प्रोटीन सप्लीमेंट को लाने की तैयारी में हैं।
2015 के मध्य तक ‘यूनिवेद’ का लक्ष्य खुद का विस्तार मधुमेह प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में करने के साथ-साथ नैतिक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने और खुद को स्थापित करने का है। फिलहाल इनके उत्पाद देशभर में हर आयुवर्ग के उपभोक्ताओं के लिये मौजूद और उपलब्ध हैं। इसके अलावा इनके पास खेल के प्रति उत्साही उपभोक्ताओं का एक समर्पित उपभोक्ता आधार भी मौजूद है। ‘यूनिवेद’ की पूरी टीम को उम्मीद है कि आने वाले समय में वे लोग विभिन्न खेलों से जुड़े खिलाडि़यों तक अपनी पहुंच बनाने में सफल रहेंगे और अपने उत्पादों की पैठ बढ़ाने के लिये कई नए क्लबों और टीमों के साथ संबंध बनाने में सफल होंगे। डियर अर्थ के साथ ‘यूनिवेद’ पर्यावरण के प्रति सचेत और रसायनों और पराबैनों से मुक्त स्किनकेयर उत्पादों की तलाश में लगे उपभोक्ताओं तक अपनी पहुंच बना रही है।
अमित कहते हैं कि उनके आरवाईआर जैसे उत्पाद जो दवाओं के दुष्प्रभावों को दूर करने का काम कर रहे हैं का लोगों के बीच बढ़ता हुआ रुझान काफी संतोषप्रद है। ‘‘विकास करना बहुत अच्छा है लेकिन सिर्फ यही वह एक बात नहीं है जो मायने रखती है। अपने उपभोक्ताओं की सफलता की कहानियां भी हमारे लिये काफी संतोषप्रद होती हैं। लोगों को अच्छे स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरुक करने वाले उत्पादों को तेयार करना हमारा भविष्य है। यह हम हैं और भविष्य में भी हम यही करते हुए मिलेंगे।’’