एटीएम अब घर पर
जल्दी ही ओला कैब घर तक पहुंचायेगी नि:शुल्क नकदी सुविधा।
नोटबंदी के बाद नकदी समस्या से निजात दिलाने के लिए एप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला कैब्स ने निजी क्षेत्र के यस बैंक के साथ साझेदारी की है, ताकि लोग किसी भी बैंक के डेबिट कार्ड से आसानी से नकदी निकाल सके। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी थी। इसमें बताया गया है, कि यह सेवा 10 शहरों में 30 स्थानों पर शुरू की जाएगी. इनमें मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई, पुणे, कोलकाता, चंडीगढ़, अहमदाबाद, हैदराबाद और जयपुर शामिल हैं, साथ ही ओला की कैब में बैंक की ओर से माइक्रो एटीएम की सुविधा प्रदान की जाएगी जो लोगों के घर के नजदीक नकदी सुविधा प्रदान करेगी।
यस बैंक के वरिष्ठ अध्यक्ष एवं भारत के प्रमुख अधिकारी (ब्रांड एवं खुदरा विपणन) रजत मेहता ने कहा है, ‘यह ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है। हम ओला के साथ चलते-फिरते समाधान पर काम कर रहे हैं, इसका मतलब नकदी की आपूर्ति के लिए कैब आपके पास आएगी। हम इस सुविधा को शुरू करने के अंतिम चरण में हैं और हमें उम्मीद है, कि इस सेवा की शुरूआत हम हफ्ते भर या ज्यादा से ज्यादा 10 दिन में कर लेंगे।’
यस बैंक और ओला ने कल इस सेवा की शुरुआत की जहां ग्राहक पीओएस मशीन के माध्यम से नकदी आहरण कर सकते हैं। इसमें किसी भी बैंक के ग्राहक 2,000 रुपये तक निकासी कर सकते हैं।
साथ ही ओला अब नए सेक्टर्स में भी उतरने के लिए तैयार है। यह अपने राइड शेयरिंग फीचर्स में विस्तार करने पर विचार कर रही है। अब यह हर मोड में ट्रांसपोर्ट आॅपरेशन शुरू करेगी। अभी तक यह रिक्शा और काली पीली टैक्सी में ही यह सुविधा दे रही थी। ओला इसके साथ ही किराये पर बुकिंग होने वाली गाड़ियों या स्टेशन के बाहर जाने वालों के लिए भी शेयरिंग सुविधा शुरु करेगी। कंपनी का मानना है कि इससे यात्रा की कीमत में कटौती होगी। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा है, कि 'ओला अभी कम्यूटर्स के लिए भी कैब शेयरिंग फीचर की संभावनाएं तलाश रही है। ऐसा कंपनी को प्रॉफिट दिलाने के मकसद से भी किया जा रहा है। कैब और सस्ती यात्रा की बढ़ती डिमांड के बीच राइड शेयरिंग ही भविष्य है। यह कंपनी का सबसे बड़े दांवों में से एक होगा, कि आउटस्टेशन के लिए भी इस सुविधा का लाभ दिया जाए। राइड शेयरिंग से न सिर्फ यूजर की जेब पर बोझ कम पड़ता है, बल्कि इससे कंपनी की कमाई में भी इजाफा होगा।
मुंबई, दिल्ली, जयपुर, आगरा, पुणे आदि शहरों को जाने वालों को ध्यान में रखते हुए 'ओला आउटस्टेशन' को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्राइवेट वाहन से कम से कम कीमत पर यात्रा कराना उद्देश्य है। इसमें कैब शेयरिंग का आॅप्शन चुनने पर नॉर्मल किराये के मुकाबले प्रति व्यक्ति एक तिहाई तक किराया कम हो सकता है।
उधर दूसरी तरफ ओला की प्रतिद्वंदी उबर भी न कॅमर्शियल वाहनों के अलावा प्राइवेट कारों में भी राइड शेयरिंग का आॅप्शन दे रही है। नई दिल्ली में उबर की कुल बुकिंग में तकरीबन 30 फीसदी बुकिंग राइड शेयरिंग पर ही आधारित होती है। उबर के साउथ एशिया और भारत में मुखिया अमित जैन ने हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में बताया था, कि उबर प्राइवेट राइड शेयरिंग पर पहले से ही सफल है और वह केंद्र सरकार के साथ मिलकर तकनीक के मदद इसे किस तरह बेहतरीन बनाया जाए, इसपर विचा-विमर्श कर रहे हैं। जैन के मुताबिक, देश में तकरीबन 70 फीसदी कारें ऐसी होती हैं जिनमें सिर्फ एक ही पैसेंजर एक वक्त पर यात्रा करता है। अगर प्राइवेट कारों में राइड शेयरिंग की सुविधा शुरु हो सके तो सड़क पर ट्रैफिक कम होने की भी संभावना है।