जूनो ने बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश से नासा और गूगल सहित विज्ञान की दुनिया में जश्न का माहौल
नासा के मानवरहित अंतरिक्षयान जूनो ने बृहस्पति की कक्षा में घूमना शुरू कर दिया है। सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह की उत्पत्ति का रहस्य सुलझाने के लिए शुरू किए गए 1.1 अरब डॉलर के इस मिशन की यह एक प्रमुख उपलब्धि है।
नासा की कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में अभियान नियंत्रण से जुड़े एक कमेंटेटर ने कहा, ‘‘बृहस्पति पर स्वागत है।’’ बृहस्पति की लक्षित कक्षा में सौर वेधशाला के सफलतापूर्वक प्रवेश कर जाने पर इस कमरे में लोगों की उल्लास से भरी आवाजें गूंजने लगीं। इस यान ने रात 11 बजकर 53 मिनट पर (अंतरराष्ट्रीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 53 मिनट पर) बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश किया।
पांच साल पहले फ्लोरिडा के केप केनवेराल से प्रक्षेपित इस यान ने यहां पहुंचने से पहले 2.7 अरब किलोमीटर का सफर तय किया है।
नासा के प्रमुख जांचकर्ता स्कॉट बोल्टन ने बेहद उल्लास के साथ चिल्लाते हुए कहा, ‘‘हम उसमें पहुंच गए।’’ उन्होंने मिशन कंट्रोल में लगे अपने सहकर्मियों से कहा, ‘‘आप लोग अब तक की सर्वश्रेष्ठ टीम हैं।’’ बोल्टन ने कहा, ‘‘आपने नासा की अब तक की सबसे मुश्किल चीज को अंजाम दिया है।’’
सौर उर्जा से संचालित यह अंतरिक्ष यान बृहस्पति से जुड़े रहस्यों का अध्ययन करना शुरू कर देगा। नासा ने कहा कि अंतरिक्षयान के प्रमुख ईंजन का प्रज्वलन पूरा हो जाएगा और यह ग्रहों के राजा की कक्षा में पहुंच जाएगा।
अपने इस अन्वेषण अभियान के दौरान जूनो बृहस्पति की दुनिया का चक्कर 37 बार लगाएगा। यह बृहस्पति के इर्द-गिर्द मौजूद सबसे उंचे बादलों के निचले हिस्से की पड़ताल करेगा और ग्रह की उत्पत्ति, संरचना, वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र को समझने के लिए इसकी सुबहों का अध्ययन करेगा।
जूनो का नाम यूनानी और रोमन पौराणिक कथाओं से आया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान बृहस्पति ने अपनी शरारतों को छिपाने के लिए अपने चारों ओर बादलों का घेरा बना लिया था और उनकी पत्नी एवं देवी जूनो ने इन बादलों को भेदकर बृहस्पति की असली प्रकृति का पता लगा लिया था। ( एएफपी )
जूनो के जश्न में गूगल भी शामिल
नासा के मानवरहित अंतरिक्ष यान जूनो के सफलतापूर्वक बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश कर जाने का जश्न सिर्फ नासा की प्रयोगशालाओं या वैज्ञानिक संस्थानों तक सीमित नहीं है। प्रमुख सर्च इंजन गूगल ने इस अभियान को दर्शाती तस्वीरें अपने डूडल में शामिल करके पूरी दुनिया को इस उपलब्धि का संदेश देने की कोशिश की है।
गूगल के डूडल में दो तस्वीरें नजर आ रही हैं। एक तस्वीर में जहां जूनो बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश करता हुआ नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तस्वीर में नासा के वैज्ञानिक इस उपलब्धि को अपनी स्क्रीन पर देखने के बाद खुशी से नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अगर इन तस्वीरों को देखकर कोई फौरन इसका संदेश नहीं समझ पाता है, तो भी कोई बात नहीं। इस तस्वीर पर कर्सर ले जाने पर एक छोटा सा संदेश दिखाई देता है, जो कहता है- ‘जूनो रीचेज़ ज्यूपिटर’ यानी ‘जूनो बृहस्पति पर पहुंच गया।’ नासा का यह अंतरिक्षयान सौर उर्जा से संचालित है और इसे हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह से जुड़े रहस्यों को सुलझाने के लिए आज से पांच साल पहले अमेरिका के फ्लोरिडा से प्रक्षेपित किया गया था।
यह बृहस्पति पर भेजा गया अब तक का दूसरा अंतरिक्ष यान है। इससे पहले गैलिलियो नामक अंतरिक्ष यान इस ग्रह पर भेजा गया था। जूनो अभियान का उद्देश्य गैसों का गोला माने जाने वाले बृहस्पति से जुड़े कई गूढ़ रहस्यों को सुलझाना है। जूनो के प्रमुख लक्ष्यों में ग्रह की संरचना और इसके वातावरण का अध्ययन करना शामिल है, जिससे इस ग्रह के साथ-साथ सौरमंडल के कई अन्य ग्रहों की उत्पत्ति से जुड़े राज सुलझाने में मदद मिल सकती है। अन्य लक्ष्यों के साथ-साथ जूनो बृहस्पति के बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र के अध्ययन का लक्ष्य भी लेकर गया है। (पीटीआई)