दो साल में उद्यम पोर्टल पर 96 लाख MSMEs ने कराया रजिस्ट्रेशन, MSME सचिव ने दी जानकारी
एमएसएमई मंत्रालय के सचिव बीबी स्वैन ने गुरुवार को कहा कि भारत में निर्माण लागत के कम होने के लाभ को देखते हुए भारतीय इंजीनियरिंग एमएसएमई को वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी) में एकीकृत करने की जबरदस्त संभावना है.
देश के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पिछले दो सालों में 96 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) ने रजिस्टर कराया. इसमें से 29 फीसदी एमएसएमई इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े हैं.
यह जानकारी देते हुए एमएसएमई मंत्रालय के सचिव बीबी स्वैन ने गुरुवार को कहा कि भारत में निर्माण लागत के कम होने के लाभ को देखते हुए भारतीय इंजीनियरिंग एमएसएमई को वैश्विक मूल्य श्रृंखला (जीवीसी) में एकीकृत करने की जबरदस्त संभावना है.
स्वैन ने एमएसएमई को अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए मार्केटिंग को सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक करार दिया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस सिस्टम पर एक डेटाबेस बनाने पर काम कर रहा है.
EEPC India द्वारा आय़ोजिक एमएसएमई कॉन्क्लेव में बोलते हुए स्वैन ने कहा कि इंजीनिरिंग सामानों का सेक्टर देश में टर्नओवर, एक्सपोर्ट्स, कुल फैक्ट्रीज और विदेशी साझेदारी के मामले में इंडस्ट्री के सबसे बड़े सेक्टर में से एक है.
उन्होंने कहा कि उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्टर्ड 96 लाख एमएसएमई में से 29 फीसदी एमएसएमई इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़े हैं.
हालिया आंकड़ों को साझा करते हुए स्वैन ने कहा कि एमएसएमई की नई परिभाषा को अपनाने और उद्यम पोर्टल के लॉन्च होने के दो साल के अंदर ही करीब 96 लाख एमएसएमई ने रजिस्ट्रेशन कराया है जिससे 7.34 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा हुए. उन्होंने आगे कहा कि इन पूंजी बनाने वाले 7.34 करोड़ रोजगार में से 1.68 करोड़ रोजगार महिलाओं के लिए पैदा हुए.