सुंदरता पर लगाने हैं चार चांद तो आजमाइये ‘सिडक्शन लास वेगास’
मुंबई में छाया ‘सिडक्शन लास वेगास’ का जादू...
नेल पॉलिस से शुरू किया था कारोबार...
लिपिस्टिक, काजल और नेल पॉलिस हैं मुख्य उत्पाद...
परिवार का सहयोग, स्टार्टअप शुरू करने की इच्छा और कोस्मैटोलॉजी के प्रति लगाव ये वो तीन कारण थे जो प्रेरणा बने युवा आंत्रप्रेन्योर मोनिशा गिडवानी के ‘सिडक्शन लास वेगास’ को शुरू करने के लिए। लंदन में एमबीए करने के बाद मोनिशा को एक फॉर्मा कंपनी में नौकरी मिल गई। जहां पर उनको बढ़िया तनख्वाह और अच्छा काम करने का मौका मिला। दूसरे शब्दों में कहें तो उनको वो सब कुछ मिल गया था जिसकी तलाश किसी भी नए ग्रेजुएट इंसान को होती है। बावजूद इसके मोनिशा का कहना है कि “मुझे लगता था कि जिंदगी में कुछ छूट रहा है और मेरा वहां पर रहने का कोई मतलब नहीं दिख रहा था। तब एक दिन मैंने फैसला लिया और नौकरी छोड़ वापस मुंबई लौट आई।”
अपनी पुरानी यादों को ताजा करते हुए वो बताती हैं कि एक रात उन्होंने अपने पिता को फोन कर उनसे कहा कि वो लंदन में सबकुछ छोड़ आंत्रप्रेन्योर के रास्ते में कदम रखना चाहती हैं। तब उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा जब उनके पिता ने उनके इस फैसले का समर्थन किया। मोनिशा का कहना है कि “कोस्मैटोलॉजी मेरा मनपसंद विषय था ऐसे में फार्मेसी और दवाओं के बीच काम करने के दौरान मेरा रूझान नहीं बदला। तब एक दिन मैंने फैसला लिया कि मुझे खुद कॉस्मेटिक लाइन में कुछ काम शुरू करना चाहिए। मेरी इच्छा थी कि ऐसे सौन्दर्य उत्पाद तैयार किये जाये जो ना सिर्फ सस्ते हों बल्कि उनकी गुणवत्ता के साथ कोई समझौता भी नहीं होना चाहिए।”
ग्राहक ही राजा है
मोनिशा कहती हैं कि “कोई और नहीं बल्कि ग्राहक ही किसी संगठन में असर डाल सकता है। मेरा साधारण सा विश्वास है कि हमेशा उम्मीद से बढ़कर देना चाहिए।” उनका मानना है कि संवेदनाओं के लिए कारोबार में कोई जगह नहीं है लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है कि यहां पर कमजोर दिल वाले और भावनात्मक लोगों की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि “उन बातों से निराश नहीं होना चाहिए जब लोग ये कहते हैं कि तुम ये काम नहीं कर सकते। ऐसे लोगों के प्रश्नों को समझना जरूरी होता है कि वो ऐसा क्यों कह रहे हैं। ये आपके आसपास सबसे अच्छे क्रिटिक होते हैं।”
मोनिशा का मानना है कि कभी भी ऐसे लोगों की नियुक्ति नहीं करनी चाहिए जो कर्मचारी बनकर काम करना चाहते हैं बल्कि ऐसे लोगों को अपने साथ जोड़ना चाहिए जो कंपनी को एक परिवार के तौर पर माने और उसे अपने कारोबार की तरह देखभाल करें। इस तरह के लोग या तो संगठन को बना सकते हैं या फिर उसे खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा बोलने से ज्यादा सुनने की आदत डालनी चाहिए।
मोनिशा अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने माता-पिता को देती है। जिन्होंने अपनी बचत का बड़ा हिस्सा उनके कारोबार में लगा दिया। इस तरह मोनिशा ने सबसे पहले नेल पॉलिस के क्षेत्र में अपना कदम रखा और अपना एक ब्रांड बनाया। अपने शुरूआती दिनों के बारे में वो कहती हैं कि उनको यहां तक पहुंचने के लिए काफी परिश्रम करना पड़ा। मोनिशा बताती हैं कि “हम लोग विभिन्न पार्लर और रिटेल आउटलेट के पास जाकर उनको अपना उत्पाद दिखाते थे, जिसके बाद हमें ग्राहक के तौर पर विभिन्न पार्लरों ने ना सिर्फ हमारे उत्पाद की गुणवत्ता को समझा बल्कि उसकी तारीफ भी की।” भारत में रिटेल के कारोबार में उधार भी देना पड़ता है इसलिए मोनिशा ने ये रिस्क भी लिया। मोनिशा ने अपने काम की शुरूआत एक खास जगह से की थी लेकिन आज उनकी पहचान मुंबई के 300 से ज्यादा ब्यूटी पार्लर के बीच है।
मोनिशा का कहना है कि “नेल पॉलिस से काम शुरू करने की असल वजह ये थी कि लोगों के बीच ये एक ब्रांड के तौर पर स्थापित हो सके। इसके बाद हमने लिपिस्टिक को छह विभिन्न शेड्स में लांच किया जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। इसके बाद हमने फैसला लिया कि हमें वॉटरप्रूफ काजल बाजार में उतारना चाहिए इसके भी काफी अच्छे परिणाम हासिल हुए। हम जानते हैं कि लोग हमारी लिपिस्टिक को काफी पसंद करते हैं इसलिए हमने और 12 शेड्स में लिपिस्टिक को बाजार में उतारा। जो मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में अच्छी ब्रिकी कर रही है।”
शुरूआत से ही मोनिशा जानती थी कि उनका उत्पाद काफी अच्छा है और अगर ग्राहक उसे एक बार अजमाएगा तो उसे ये काफी पसंद आएगा। मोनिशा का कहना है कि “हम लोग ब्लॉगर और फैशनपरस्त लोगों के लगातार सम्पर्क में रहते हैं और उनको नियमित तौर पर सैम्पल भेजते हैं। हमें तब काफी संतोष मिलता है जब उनको हमारा उत्पाद काफी पसंद आता है। एक तरीके से हम सोशल मीडिया के जरिये लोगों से ज्यादा से ज्यादा जुड़ने की कोशिश करते हैं। इस तरह एक दूसरे के जरिये हमको प्रचार भी मिलता है।” अब मोनिशा की योजना साल के अंत तक गुजरात में अपना उत्पाद ले जाने की है इसके अलावा वो मुंबई में अपनी बिक्री को दोगुना पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। साल 2016 के अंत तक ‘सिडक्शन लास वेगास’ की अपने उत्पादों की संख्या तीन से बढ़ाकर छह करने की योजना है।
मोनिशा काफी युवा हैं लेकिन वो इस बात पर अफसोस जताती हैं कि महिला उद्यमियों को देश में गंभीरता से नहीं लिया जाता। देश में महिलाओं को खाना बनाने, घर को संभालने और बच्चों को बढ़ा करने के लिए सही माना जाता है। मोनिशा मानती हैं कि आज की महिलाएं हर काम बखूबी कर सकती हैं भले ही सफलतापूर्वक कारोबार चलाना ही क्यों ना हो। मोनिशा का कहना है कि “भारतीय समाज में आज भी माना जाता है कि शादी के बाद महिला का करियर समाप्त हो जाता है लेकिन मुझे खुशी है कि मेरे माता-पिता ऐसा नहीं सोचते और वो शुरूआत के दिनों से ही मेरे काम का समर्थन करते हैं।”
मोनिशा, मैरी के को अपना आदर्श मानती हैं जो मैरी के की संस्थापक भी रह चुकी हैं। आज वो उन्ही के सिद्धांतों पर चलना चाहती हैं “इस संसार में आप जो कुछ चाहते हैं वो आपको मिल सकता है, लेकिन उसके लिए आपको जी तोड़ प्रयास करने होंगे साथ ही उसके लिए मूल्य चुकाने को तैयार रहना होगा।” मोनिशा के पिता उनके लिए प्रेरणा रहे हैं जिन्होने अपने परिवार के लिए काफी मेहनत की। मोनिशा का कहना है कि “कारोबार के लिए पैसा देने से पहले मेरे पिता ना सिर्फ बिजनेस प्रपोजल को अच्छी तरह देखते थे बल्कि वो ये भी जानने की कोशिश करते थे कि काम को लेकर मेरे भीतर कितना समर्पण है।” वहीं दूसरी ओर मोनिशा की मां उनको काफी प्रोत्साहित करती थी उनका कहना होता है कि “बुरे वक्त के बाद अच्छा वक्त भी आता है इसलिए परेशान नहीं होना चाहिए।”