अर्धकुम्भ में बिछड़ी महिला महाकुम्भ में मिली, ये सच्ची कहानी तो बड़ी ही फिल्मी है
मामला हरिद्वार में जारी महाकुंभ से जुड़ा है और इस बार इस बिछड़ी महिला को उसके परिजनों तक मिलवाने का काम किया है पुलिस ने। यह महिला बीते 7 अप्रैल को अपनी परिवार से दोबारा मिली है।
"महाकुंभ को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस इस समय अलर्ट मोड पर है और इसी के साथ वह श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सत्यापन अभियान भी चला रही है। पुलिस के इस अभियान के तहत कुम्भ के आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों का पहचान का सत्यापन किया जा रहा है।"
आपने 80 के दशक की बॉलीवुड फिल्मों की कहानियों में यह जरूर देखा होगा कि किस तरह एक मेले में बिछड़ गए दो भाई फिर किसी संयोगवश मिल जाते हैं, लेकिन अब बिल्कुल ऐसा ही कुछ असल ज़िंदगी में भी हुआ है, हालांकि अबकी कहानी एक महिला की है।
मामला हरिद्वार में जारी महाकुंभ से जुड़ा है और इस बार इस बिछड़ी महिला को उसके परिजनों तक मिलवाने का काम किया है पुलिस ने। यह महिला बीते 7 अप्रैल को अपनी परिवार से दोबारा मिली है।
कहाँ हुई थी गुमशुदा
दरअसल 2016 में हरिद्वार में अर्धकुम्भ का आयोजन किया गया था और कृष्णा देवी नाम की ये महिला उसी अर्धकुम्भ में स्नान करने के लिए अपने घर से निकली थीं, लेकिन वह फिर वापस अपने घर नहीं पहुंची तो उन्हे परिजनों ने उनकी हर जगह तलाश की। हरिद्वार के साथ ही परिजनों ने इलाबाद और बनारस में भी कृष्णा देवी की खोज की लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल सका और इसके बाद परिजनों ने कृष्णा देवी की गुमशुदगी का विज्ञापन अखबार में दिया।
कैसे मिलीं कृष्णा देवी
महाकुंभ को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस इस समय अलर्ट मोड पर है और इसी के साथ वह श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सत्यापन अभियान भी चला रही है। पुलिस के इस अभियान के तहत कुम्भ के आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों का पहचान का सत्यापन किया जा रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अपने परिवार से बिछड़ने के बाद 65 वर्षीय कृष्णा देवी बीते पाँच सालों से ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट को अपना डेरा बनाए हुए थीं, जब पुलिस उनके पास पहुंची तो उन्होने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थ नगर की रहने वाली हैं। इतना ही नहीं कृष्णा देवी ने पुलिस को अपने घर का पता भी बताया।
पुलिस ने ढूंढ निकाला परिवार
कृष्णा देवी से यह जानकारी मिलने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने फौरन यह जानकारी वेरिफिकेशन के लिए सिद्धार्थ नगर पुलिस को भेजी। जानकारी में कृष्णा देवी की फोटो भी शामिल थी और फिर आगे का काम सिद्धार्थ नगर पुलिस ने किया।
सिद्धार्थ नगर पुलिस ने मिली जानकारी के अनुसार अपनी जांच को फौरन आगे बढ़ाया और कृष्णा देवी के परिवार से संपर्क किया। कृष्णा देवी के परिवार ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि कृष्णा देवी बीते 5 सालों से लापता हैं और परिवार ने उन्हे ढूँढने की बहुत कोशिश की है। परिवार ने जानकारी देते हुए यह भी बताया कि उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट सिद्धार्थ नगर के जोगिया उदयपुर थाने में लिखवाई गई थी।
और हो गया फिर से मिलन
सिद्धार्थ नगर पुलिस ने इन सब जानकारी सत्यापन करते हुए अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड पुलिस को सौंप दी, जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस कृष्णा देवी के बेटे दिनेश से संपर्क साधा और जानकारी दी कि उनकी माँ ऋषिकेश में सही सलामत हैं। उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट कर इस मामले की जानकारी दी है-
कृष्णा देवी का परिवार उन्हे लेने फौरन ऋषिकेश पहुंचा और पुलिस की मौजूदगी में ही कृष्णा देवी अपने बिछड़े हुए परिवार से पाँच सालों बाद पहली बार मिल सकीं। इस दौरान यह मंजर देख मौके पर मौजूद सभी की आँखें नाम हो गईं।
कृष्णा देवी के अनुसार इन पाँच सालों के दौरान उन्होने अयोध्या, मथुरा और केदारनाथ समेत कई धार्मिक स्थलों की यात्राएं कर ली हैं।