लगभग चार घंटे चले रियो के उदघाटन समारोह ने दिया जलवायू परिवर्तन संरक्षण का संदेश
रियो के मशहूर ‘सांबा’ नृत्य के साथ ब्राजील के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के भव्य प्रदर्शन के साथ 31वें ओलंपिक खेलों की आधिकारिक शुरूआत हो गयी जिसमें रंगारंग कार्यक्रमों के जरिये दुनिया के लिये सबसे बड़े संकट बन रहे ग्लोबल वार्मिंग( विश्व भर के तापमान में वृद्धि ) को लेकर संक्षिप्त लेकिन दमदार संदेश दिया गया। ब्राजीली आयोजकों ने फुटबाल के प्रति अपने जुनून को एकतरफ रखकर लगभग चार घंटे चले उदघाटन समारोह में जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी को अपना मुख्य विषय बनाया जिसके साथ 17 दिन तक चलने वाले खेल महाकुंभ की शुरूआत हुई जिसमें भारत और शरणार्थी ओलंपिक टीम सहित 209 देशों के 11,000 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। ब्राजील के कार्यवाहक राष्ट्रपति माइकल टेमर ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाक और संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख बान की मून की उपस्थिति में दक्षिण अमेरिका में पहली बार हो रहे खेलों के शुरूआत की घोषणा की। टेमर ने कहा, ‘‘मैं रियो ओलंपिक और आधुनिक युग के 31वें ओलंपिक खेलों के शुरूआत की घोषणा करता हूं।’’ मरकाना स्टेडियम से रियो का आकाश आतिशबाजी से नहा रहा था और ऐसे भव्य समारोह में टेमर की घोषणा के साथ साथ प्रतियोगिता की आधिकारिक शुरूआत भी हो गयी।
मरकाना स्टेडियम कई यादगार मुकाबलों का गवाह रहा है लेकिन 78 हजार दर्शकों की क्षमता वाला यह स्टेडियम आज दुनिया को बेहतर बनाने के ब्राजील के प्रयासों का गवाह बना। इससे ओलंपिक से पहले के संकटों को भी दरकिनार करने की कोशिश की गयी जिनमें मेजबान शहर पर जीका वायरस के खतरे, चरमराती अर्थव्यवस्था और खेलों की बहुत अधिक लागत शामिल है। उद्घाटन समारोह से जुड़े मुख्य अधिकारी ने कहा, ‘‘इस ग्रह को नुकसान पहुंचाने से रोकना ही पर्याप्त नहीं है, अब समय आ गया है कि हम इसे परेशानियों से मुक्त करें। यह हमारा ओलंपिक संदेश होगा। पृथ्वीवासियों आओ पेड़ लगाये, आओ इस ग्रह को बचायें। ’’ परपंरा के अनुसार प्राचीन ओलंपिक के जनक यूनान का दल खिलाड़ियों की परेड में सबसे पहले जबकि मेजबान ब्राजील की टीम सबसे आखिर में आयी। सभी देशों ने पुर्तगाली में उनके नाम के अनुसार वर्णमाला क्रम में परेड में हिस्सा लिया। ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा की अगुवाई में भारत ने 95वें देश के रूप में स्टेडियम में प्रवेश किया। बिंद्रा का यह आखिरी ओलंपिक है और वह भारत के ध्वजवाहक थे। भारत के 118 में से लगभग 70 खिलाड़ियों और 24 अधिकारियों ने मार्च पास्ट में हिस्सा लिया। पुरूष खिलाड़ियों ने गहरे नीले रंग का ब्लैजर और पैंट तथा महिला खिलाड़ियों ने पारपंरिक साड़ी और ब्लैजर पहन रखा था। अपने रिकार्ड सातवें ओलंपिक खेलों में भाग ले रहे लिएंडर पेस को दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते हुए देखा गया जबकि महिला खिलाड़ियों में शटलर ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा तथा जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने सभी का ध्यान खींचा। पुरूष हाकी टीम ने परेड में हिस्सा नहीं लिया क्योंकि उन्हें आयरलैंड के खिलाफ मैच खेलना है। तीरंदाजी, टेबल टेनिस और भारोत्तलन टीम ने भी उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लिया।
स्पेनिश अैार ब्रिटिश टीमों को भी दर्शकों ने खूब समर्थन किया क्योंकि उनकी अगुवाई क्रमश: टेनिस स्टार राफेल नडाल और एंडी र्मे कर रहे थे। जमैका का 60 सदस्यीय दल अपने सबसे बड़े स्टार उसैन बोल्ट के बिना परेड में उतरा। दुनिया के सबसे सफल ओलंपियन में से एक तैराक माइकल फेलप्स ने अमेरिका के 500 सदस्यीय दल की अगुवाई की जिन्होंने लाल, सफेद और नीले रंग की पोशाक पहनी हुई थी।
कीनिया के दो बार के ओलंपिक चैंपियन किपचोग कीनो को पहले ‘ओलंपिक लॉरेल’ से सम्मानित किया गया। आईओसी ने खेलों के जरिये शिक्षा, संस्कृति और शांति में विशिष्ट योगदान देने वाले खिलाड़ी को सम्मानित करने के लिये इस पुरस्कार की शुरूआत की है। समारोह को 22 खंडों में बांटा गया था जिसमें पहले 11 ब्राजील और उसके विकास से जुड़े हुए थे। पहले 45 मिनट ब्राजील के इतिहास और हजारों वर्ष पहले से उसके विकास पर केंद्रित रहे और इसके बाद धरती को लेकर कार्यक्रम पेश किये गये। अकादमी पुरस्कार विजेता जूडी डेंच ने ब्राजीली थियेटर ‘ग्रेंड डेम’ और फर्नांडो मोंटेग्रो के साथ जीवंत उपस्थिति दर्ज करायी। इन दोनों ने कालरेस ड्रमंड द आंद्रेड की मशहूर कविता ‘ए फ्लोर इ नौसिया’ के संदेश से लोगों को अवगत कराया जो भविष्य के लिये उम्मीद से जुड़ा है। ‘अक्वेल अबराको’ गीत पर ब्राजील के मशहूर अभिनेता लुई मलोडिया ने प्रदर्शन किया। स्वागत संबंधी खंड में दिलकश लहरों की खूबसूरत रचना और मार्कोस वेले के ‘समर सांबा’ का मनमोहक संगीत शामिल था। समारोह की शुरूआत उल्टी गिनती से हुई और फिर ढोल नगाड़ों की थाप पर कलाकारों ने अपने करतब दिखाये। आधिकारिक ध्वज को रियो के पर्यावरण से जुड़े पुलिस अधिकारी ने फहराया, जिसमें यह संदेश दिया गया कि वनों का संरक्षण ब्राजील के सामने अब मुख्य चुनौती है।
लगभग छह मिनट 20 सेकेण्ड में पिण्डोरमा को दिखाया गया, जिसमें जीवन के शुरआत की कहानी को पेश किया गया। इसमें बहुत खूबसूरती से स्पेशल इफेक्ट्स को पिरोया गया था। इसमें थ्रीडी में अमेजन वष्रावन को दर्शकों सामने प्रस्तुत किया गया। इसमें सूक्ष्मजीवों और उनके अनंत विभाजन का खूबसूरत नजारा पेश किया गया। इसके बाद ब्राजील के अस्तित्व में आने की कहानी तथा जर्मन, स्पेनिस, सीरिया और लेबनान के प्रवासी आंदोलनों की झलक देखने को मिली। दूसरे चरण में समकालीन ब्राजील और उसके शहरीकरण की कहानी को पेश किया गया।
इसके अलावा लगभग 1500 लोगों ने परंपरागत ‘बेली चार्म’ पर अपनी प्रस्तुति दी, जिसमें बाद में लगभग 60,000 और लोग शामिल हो गये। एथलीटों के ‘मार्च पास्ट’ के बाद बाक और रियो आयोजन समिति के अध्यक्ष कालरेस आर्थर नुजमन के भाषण के साथ औपचारिक समारोह शुरू हुआ। बाक ने कहा, ‘‘ओलंपिक से शांति को बल मिलेगा। हम लोग संकट, अविश्वास और अनिश्चितता के युग में जी रहे हैं। सर्वश्रेष्ठ 10,000 एथलीट प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और एक ओलंपकि गांव में रह रहे हैं। वे अपने भोजन और भावनाओं को साझा कर रहे हैं। ओलंपिक की इस दुनिया में सबके लिए एक नियम है। हम सभी बराबर हैं।’’ उन्होंने साथ कहा, ‘‘पूरे विश्व के संदर्भ में ओलंपिक के मूल्यों को अनूठा बनाने के लिए मैं सभी एथलीटों से खुद का और दूसरों का सम्मान करने का आह्वान करता हूं। स्वार्थ फैल रहा है, कुछ लोग अपने को श्रेष्ठ बता रहे हैं। ओलंपिक के जरिये उनको हम लोगों का जवाब है।’’ तलवारबाजी के पूर्व ओलंपिक चैम्पियन बाक ने इस ओलंपिक में शामिल किये गये शरणार्थियों की ओलंपिक टीम का विशेष तौर पर जिक्र किया। दिग्गज फुटबॉलर पेले को ओलंपिक ज्योति प्रज्वलित करनी थी लेकिन अस्वस्थ होने के कारण वह समारोह में शामिल नहीं हुए।
-पीटीआई