इंजीनियरिंग में फेल पर लेखन और फिल्म निर्माण में दुनिया में फैला नाम
आज के सफल फिल्म निर्माता निखिल चांदवानी नें इंजीनियरिंग में फेल होने के बाद छोड़ दिया था काॅलेजकाॅलेज के दिनों से ही लेखन और कविताओं के प्रति था जुनून, द्वितीय वर्ष में प्रकाशित की थी पहली किताबवन्य जीवन पर वृत्तचित्र का निर्माण करना और जंगलों में रहकर फोटोग्राफी करना है पसंदीदा कामकई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित
अन्य भारतीय युवाओं की तरह निखिल चांदवानी ने भी इंजीनियरिंग में दाखिला लेकर एक पारंपरिक तरीके से अपनी जीवन को आगे बढ़ाने की तैयारी की थी। उसके बाद आने वाले वर्षों में जो कुछ भी हुआ बिल्कुल भी पारंपरिक नहीं बल्कि अविश्वसनीय था।
किसी समय इंजीनियर बनने का सपने पालने वाले युवा निखिल वर्तमान में एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लेखक, वृत्तचित्र निर्माता और फोटोग्राफर के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में अमरीकन लिटरेरी फोरम सोसाइटी द्वारा अपनी पुस्तक ‘कोडिड कांस्पिरेसी’ के लिये कांस्पिरेसी नाॅवल आॅफ द ईयर का पुरस्कार जीता है। इसके अलावा वे एक कविता संग्रह के रचयिता भी हैं और उनका यह संग्रह वर्ष 2013 में भारत में सबसे अधिक बिकने वाली किताबों में शामिल था।
इंजीनियरिंग में दाखिला लेने के बाद का समय निखिल के लिये काफी कठिन रहा और कई विषयों में अनुत्तीर्ण होने के बाद उनके माता-पिता उनके भविष्य को लेकर काफी चिंतित थे। उन्हें शुरू से ही लिखने का शौक था और उन्होंने काॅलेज के दिनों में एक किताब को लिखना प्रारंभ कर दिया था।
एक समय ऐसा भी आया था जब वे कई विषयों में फेल हो गए थे और अपने चिंतित माता-पिता को शांत करने के लिये उन्होंने फोटोशॉप की मदद से नकली प्रमाणपत्र भी तैयार किये थेे।
अंततः स्थितियों में सुधार होना शुरू हुआ। उन्होंने काॅलेज के दूसरे वर्ष में अपने पहले उपन्यास ‘आई रोट याॅर नेम इन द स्काई एंड याॅर्स एंड याॅर्स टू’ को प्रकाशित किया और उसके कुछ समय बाद ही वे एक कविता संग्रह लेकर आए।
जब यह उपन्यास समाचारपत्रों की सुखिर्यों में जगह बनाने में सफल रहा तब उनके माता-पिता को उनकी इस प्रतिभा के बारे में पता चला। हालांकि वे अपने बेटे के पूर्णकालिक लेखन को करियर के रूप में चुनने को लेकर उलझन की स्थिति में थे। धीरे-धीरे उनका यह उपन्यास पाठकों को पसंद आया और उन्हें इसकी अन्य प्रतियां छपवानी पड़ी और राॅयल्टी के रूप में उन्हें एक अच्छी रकम मिलने लगी। तब उनके माता-पिता को लगा कि अब निखिल कुद ऐसा करने में सफल हो रहा है जो उसे अच्छा लगता है और अब वह अपनी इसके सहारे अपनी जीविका चलाने में सक्षम रहेगा।
इस युवा लेखक के अंदर अनकही और गुमनाम चीजों को लेकर एक अजीब सा आकर्षण है। उनकी शुरुआती किताबों में से एक ‘अनसंग वर्डस’ मुख्यतः किशोरों की अनकही भावनाओं, प्रेम और जुदाई की दिल को छू लेने वाली कहानियों से संबंधित 55 कविताओं का एक संग्रह है।
निखिल ने पटकथा लेखक और क्रिएटिव डायरेक्टर के रूप में हॉलीवुड के विभिन्न अभिनेताओं के साथ काम किया है। एक अंतर्राष्ट्रीय यात्रा चैनल के लिये उनका एक शो ‘इनटू कीनिया सफारी’, जो एक अफ्रीकन वाईल्डलाइफ सफारी पर आधारित शो है, नैरोबी में शूट किया गया था। इसके अलावा निखिल हाॅलीवुड की कई अच्छे बजट की फिल्मों के भी अपने जौहर दिखा चुके हैं।
इसके अलावा निखिल का आकर्षण के सिद्धांत में पूरा विश्वास है ओर वे अपनी सोच को हकीकत में बदलने के लिये हर संभव प्रयास करते हैं।
वे एक बहुआयामी लेखक हैं और वे राजनीतिक काॅलम, टीवी शो की स्क्रिप्ट, कई प्रोडक्शन हाउसों के लिये काल्पनिक कहानियां लिखने के अलावा राष्ट्रीय अखबारों और पत्रिकाओं के लिये भी लेखन करते हैं।
इसके अलावा वे 40 मिलियन अमरीकन डाॅलर के बजट की एक हाॅलीवुड फिल्म की पटकथा लिखने और उसका सहनिर्देशन करने की प्रक्रिया में हैं। उनकी इस फिल्म में ड्वेन ‘द राॅक’ जाॅनसन के काम करने की संभावना है।
निखिल को भारत और अफ्रीका के जंगलों में अपने घर जैसा अहसास होता है और वे भागदौड़ से भरी दुनिया से दूर रहकर बेहद प्रसन्न रहते हैं।
निखिल अपने जीवन में लगभग 16 वर्षों तक सिर्फ शाकाहारी खाना खाते रहे लेकिन जंगलों में रहने के दौरान उन्हें अपने खान-पान संबंधी आदतों को बदलते हुए और अधिक खुले विचारों वाला बनना पड़ा। वे एक घटना को याद करते हुए बताते हैं कि एक बार एक शूट के दौरान उन्हें एक सांप ने काट लिया। लेकिन जल्द ही उन्हें उस सांप से बदला लेने का मौका मिला जब उन्होंने और उनकी टीम ने उस सांप को ढूंढकर पकड़ लिया और फिर वे उसे मारकर खा गए!
उनके तैयार किये हुए वृत्तचित्र ‘ एस्केप अू कीनिया’ ने अमरीका में एक पुरस्कार भी जीता और निखिल को उम्मीद है कि अगले वर्ष आयोजित होने वाले एकादमी अवार्डस के लिये इसका चयन हो जाएगा। इसके अलावा उन्हें वाॅल स्ट्रीट एनालिस्ट द्वारा दुनिया के पहले साहित्यिक युवा आॅलराउंडर का दर्जा भी दिया गया है।
हाल ही में अमरीकन सोसाइटी ने राष्ट्रपति बराक ओबामा की मौजूदगी में निखिल को ‘वर्ष के कलाकार’ की उपाधि से नवाजा है। वे प्रतिष्ठित अमरीकन सोसाइटी से यह खिताब पाने वाले पहले एशियाई हैं।
इसके अलावा वे एक आगामी हाॅलीवुड फिल्म ‘सैफर्न स्काईस’ के लिये सहायक निर्देशक के रूप में काम कर रहे हैं।
उनकी अन्य उपलब्धियों में यूके राइटर्स अवार्ड, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार और साइलो प्रेस द्वारा ‘वर्ष का कलाकार’ बनना शामिल हैं।
इसके अलावा वे बाॅलीवुड में भी अपने कदम रखने की तैयारी में हैं और भारत के सबसे कम उम्र के निर्माता बनने का गौरव भी इन्हें प्राप्त होने वाला है। इन्होंने हाल ही में अपनी आने वाली फिल्म के लिये संगीत की रिकाॅर्डिंग का काम पूरा किया है जिसकी शूटिंग फिलहाल पश्चिम बंगाल में चल रही है। विप्लव मजूमदार निर्देशित इस फिल्म में ‘लंचबाॅक्स’ और ‘पान सिंह तोमर‘ जैसी फिल्मों में काम कर चुके मशहूर कलाकार रवि भूषण भारतीय प्रमुख भूमिका में दिखेंगे। उसकी इस फिल्म में संुगीत दिया है पंडित रोनू मजूमदार ने और गायन का जिम्मा संभाला है मशहूर टीवी शो सारेगामापा से सुर्खियों में आई स्निति मिश्रा ने।
इसके अलावा वे एक और फिल्म पर भी काम कर रहे हैं और उनकी इस फिल्म में मशहूर हाॅलीवुड कलाकार निकोलस केज के काम करने की अफवाहें हैं। उनकी इस फिल्म की कहानी एक ऐसे कैंसर पीडि़त के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपनी आत्मशुद्धि के लिये राॅयल एनफील्ड बुलट मोटरसाइकिल पर पूरे भारत की यात्रा करने के लिये निकला है। मिस्टिक वान्र्डर इनोवेटिव मीडिया प्रा. लि. के संस्थापक सुमीत कुमार इस फिल्म के निर्माता होंगे।
इसके अलावा निखिल निवेश और वित्तीय सौदों के क्षेत्र में काम करने वाली एक बेहद सफल प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के संस्थापक और सीईओ भी हैं। उनकी यह कंपनी विभिन्न प्रकाशनगृहों और पत्रिकाओं के रचनात्मक क्षेत्र और वित्तीय नियत्रण को संभालती है।
‘श्वशांक रिडेंपशन’ निखिल की पसंदीदा फिल्मों से एक है। इसके अलावा वे यात्रा और वन्य जीवन से संबंधित वृत्तचित्र देखना बेहद पसंद करते हैं और वे अनुराग कश्यप और उनकी फिल्मों के दीवाने हैं।उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा ईसीडब्लू के संस्थापक और डब्लूडब्लूई के वर्तमान मैनेजर पाॅल हेमैन हैं।
लेखक बनने का सपना देख रहे नौजवानों को संदेश देते हुए निखिल कहते हैं कि आप अपनी पसंद के हिसाब से लिखना जारी रखिये और यह बिल्कुल मत विचारिये कि आपका लिखा हुआ व्यवसायिक रूप से कितना सफल होगा।