चेन्नई के अगली पीढ़ी के शीर्ष के कुछ स्टार्टअप्स पर एक नजर
चेन्नई हमेशा से ही देश में इंजीनियरिंग के क्षेत्र की प्रतिभा को तैयार करने वाले और उन्हें आगे बढ़ने के लिये मौके देने वाले केंद्र के रूप में मशहूर रहा है। हालांकि बीते कुछ वर्षों के दौरान यह शहर तेजी से स्टार्टअप के पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने वाले एक क्षेत्र के रूप में विकसित होने में सफल रहा है। बीते वर्ष नैसकाॅम द्वारा प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट पर यकीन करें तो चेन्नई का डिजिटल और साॅफ्टवेयर उत्पादों के क्षेत्र में होने वाली स्टार्टअप गतिविधियों में योगदान कुल मिलाकर छः प्रतिशत रहा है।
अगर हम जनवरी 2015 से सितंबर 2015 तक होने वाले वित्तपोषण पर नजर डालें तो आधिकारिक रूप से ऐसे सौदों में करीब 308 मिलियन अमरीकी डाॅलर की धनराशि का निवेश किया गया है। इस प्रकार इस दौरान होने वाले करीब 32 सौदों में औसतन 12 मिलियन अमरीकी डाॅलर का निवेश रहता है।
दुनिया में सबसे तेज विकास करने वाले शहरों में शुमार चेन्नई वर्तमान में 20 से भी अधिक ऐसी भारतीय कंपनियों का संचालन केंद्र है जिनका कुल मूल्य एक मिलियन अमरीकी डाॅलर से भी अधिक आंका गया है। चेन्नई ने दुनिया को भारतमेट्रीमोनी (BharatMatrimony) और फ्रेशडेस्क (Freshdesk) जैसे बहुमूल्य स्टार्टअप दिये हैं। ऐसे में याॅरस्टोरी ने चेन्नई के पारिस्थितिकीतंत्र के आगामी और अगली पीढ़ी के कुछ स्टार्टअप्स पर एक नजर डालने का फैसला कियाः
OLog (ओलाॅग)
ओलाॅग इंटरसिटी ट्रकों के परिचालन से संबंधित एक ऐसा ई-बाजार है जिसका लक्ष्य लाॅजिस्टिक्स सेवाओं को प्रदान करने वालों को बी2बी माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं के साथ संपर्क करवाना है ताकि इस व्यवस्था में पारदर्शिता लाई जा सके। जून 2015 में प्रारंभ हुआ यह उद्यम टैक्सी बुकिंग की अवधारणा पर ही आधारित है। इसमें उपभोक्ता सिर्फ अपनी आवश्यकता को दर्ज करवाते है और फिर ट्रांस्पोर्टर उसके बदले अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। इस स्टार्टअप का दावा है कि अगस्त के महीने में इन्होंने एक करोड़ रुपये के राजस्व को पाने में सफलता पाई है और इनका इरादा जून 2016 तक 10 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार करने का है।
इसके अलावा ओलाॅग इंटरसिटी परिवहन के लिये अर्बनलैडर और मंत्रा जैसे ई-काॅमर्स स्टार्टअप्स की आवश्यकताओं की भी पूर्ती कर रहा है। वर्तमान में ये कुछ निवेशकों के साथ वार्ताओं के अंतिम दौर में हैं और हो सकता है कि जल्द ही ये पहले दौर का निवेश पाने में सफल रहें। इसके अलावा इसके संस्थापक आने वाले कुछ महीनों में अपना विक्रेता नेटवर्क बढ़ाकर 900 तक करने के अलावा अपने बेड़े में वाहनों की सूची को 10 हजार से पार ले जाने की तैयारी में है।
फ्यूल बुक टैकनोलाॅजी (Fuel Book Technology)
अबतक हमने स्मार्टफोन और स्मार्ट उपकरणों के बारे में ही सुना है लेकिन फ्यूल बुक डिवाइस का इरादा अब हमारी कारों को स्मार्ट बनाना है। इस एप्प की सहायता से उपयोगकर्ता अपनी गाड़ी की माइलेज ट्रेकिंग, फ्यूल एनालाॅटिक्स, ट्रिप ट्रेकिंग, वाहन की गति पर नजर रखने के लिये ब्लैक बाक्स, स्मार्ट टैरेन मैंपिंग, जो रास्ते में आने वाले सभी गड्ढों और स्पीड ब्रेकरों के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ इस डाटा की सहायता से दूसरे फ्यूल बुक उपयोगकर्ताओं को को भी सचेत करता है और पार्क ट्रैक के साथ सेल्फ-डाइग्नोस्टिक से भी लैस है जो कार के इंजन के दबाव और गर्मी पर नजर रखता है।
हाईपरवर्ज (HyperVerge)
दिसंबर 2013 में केदार कुलकर्णी, विग्नेश कृष्णकुमार, किशोर नटराजन, साईंवेंकटेश अशोक कुमार और प्रवीण कुमार ने इस मिलकर इस कंपनी की स्थापना की। हाईपरवर्ज की स्थापना में आईआईटी मद्रास के इंक्यूबेशन सेल ने 6 लाख रुपयों के प्रारंभिक निवेश के साथ मदद की थी। वर्तमान में हाईपरवर्ज बी2सी क्षेत्र के गहन अध्ययन में संचालित हो रही है और इन्होंने अबतक लोगों, स्थानों, दृश्यों और घटनाओं के आधार पर सामग्री की पहचान कर छवियों को तैयार करने में सक्षम 4 तकनीकों को विकसित किया है जो अभी पेटेंट के लिये लंबित हैं (3 अमरीका में और एक भारत में)। यह इनकी मोबाइल एप्लीकेशन सिल्वर (ैपसअमत) में देखा जा सकता है। हाईपरवर्ज ने अगस्त के महीने में अमरीका स्थित न्यू एंटरप्राईस एसोसिएट्स, मिल्लीवेज़ वेंचर्स और नाया वेंचर्स से एक मिलियन अमरीकी डाॅलर का प्रारंभिक निवेश पाने में सफलता पाई है।
पाईक्यूब (PiQube)
टेकस्पाक्र्स 2014 के दौरान प्रारंभ किया गया पाईक्यूब एक हायरिंग इंटेलिजेंस टूल है जो एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग की सहायता से नियोक्ता के मस्तिष्क की भूमिका निभाता है। यह एप्लीकेशन बहुत ही होशियारी से अपने उपभोक्ता की आवश्यकता पर खरा उतरने वाले प्रोफाइल को खोजने के लिये इंटरनेट पर खोज करता है।
जयदेव महालिंगम के दिमाग की उपज पाईक्यूब की एल्गोद्मि इस प्रकार से समझदारी से तैयार की गई है कि यह मानव मस्तिष्क की तरह काम करते हुए प्रत्येक प्रोफाइल से जरूरी विभिन्न सूचनाओं को संकलित कर लेता है। पाईक्यूब अबतक एक बड़ी आईटी कंपनी और सिंगापुर के एक बड़े बैंक के साथ सात परियोजनाओं पर काम कर चुका है।
फिलहाल इस कंपनी के पास भुगतान करने वाले 2 उपभोक्ता हैं और ये एक वाल्किन (ॅंसापद) उत्पाद पर काम कर रहे हैं जिसकी सहायता से कंपनियां साक्षात्कार के दौरान सामने आने वाले प्रत्येक उम्मीवार के बजाय सिर्फ उपयोगी उम्मीदवारों को छांट सकेंगी। इसी वर्ष अप्रैल के महीने में इन्होंने एचआर फंड से 5 लाख अमरीकी डाॅलर का निवेश पाने में सफलता पाई है।
मैक्समाईटीवी (MaxMyTV)
मैक्समाईटीवी एक ओवर-द-टाॅप समाधान प्रदान करने वाली कंपनी है जो आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को बुद्धू बक्से के साथ जोड़ने का काम करती है। इसका सीधा सा मतलब है कि आप अपने टीवी से न सिर्फ ट्वीट करने और फेसबुक और ईमेल चेक कर सकते हैं बल्कि आप अपना वीडियो निगरानी तंत्र भी स्थापित कर सकते हैं और अपने घरेलू उपकरणों को भी नियंत्रित कर सकते हैं।
इस डिवाइस की सहायता से आप अपने घर के सेंसर्स को नियंत्रित कर सकते हैं, अपने टीवी से सीधे विस्तृत एनालिटिक्स पा सकते हैं और सीधे अपने स्मार्टफोन से घर का स्वचालन करने वाले उपकरणों का भी उपयोग कर सकते हैं। किसी भी टीवी कार्यक्रम को देखते हुए या सीधा प्रसारण देखते हुए सेंसर से अलर्ट, आईपी कैमरा से वीडियो या फिर सोशल मीडिया पर होने वाले वार्तालाप पर भी नजर रख सकते हैं। इसके अलावा आप निगरानी उपकरणों को भी स्थापित कर सकते हैं और फिर आईपीटीवी के माध्यम से उनपर भी नजर रख सकते हैं।
बिगएफडे (BigFDay)
किसी भी समारोह के लिये एक आयोजनस्थल को बुक करना काफी सिरदर्द वाला काम है। बिगएफडे विभिन्न आयोजनों जैसे छोटी मीटिंगों से लेकर बड़ी पार्टियों के लिये विभिन्न स्थलों को उपलब्ध करवाकर इस परेशानी का हल प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाता है।
बिगएफडे की यात्रा अभी अपने प्रारंभिक चरण में है। बिगएफडे के लिये आयोजन स्थल एक प्रारंभिक बिंदु है और सबीन भारत के इस 1.5 बिलियन डाॅलर के बाजार को लेकर काफी उत्साहित हैं। इसके स्थलों की कीमतें आयोजन की तारीख, आने वाले मेहमानों की संख्या, परोसे जाने वाले खाने के प्रकार और समय के अनुसार आपूर्ति और मांग में होने वाले परिवर्तन के आधार पर कम-ज्यादा होती रहती हैं। बिगएफडे पर उपयोगकर्ता एयरलाइन की तरह लगातार बदलते हुए दामों को देख सकते हैं।