75 साल के ये 'स्टूडेंट' क्यों हो रहे हैं वायरल?
एक बहुत ही उम्दा कहावत है, उम्र बढ़ना तो नैसर्गिक है लेकिन बूढ़ा होना आपके हाथ में है। बढ़ती उम्र में भी जिंदगी को जिंदादिली से जी रहे हैं 75 साल के ये मुंबई निवासी। वो लैंग्वेज इंस्टीट्यूट ऑफ बॉम्बे की अरेबिक क्लास में सबसे उम्रदराज छात्र हैं। उनकी यहां तक पहुंचने की कहानी काफी मजेदार और प्रेरक है।
जिंदगी आपको लगातार आश्चर्य में डालती रहती है। वहीं 75 साल के ये स्टूडेंट दूसरों को एकमात्र सलाह देते हैं कि बूढ़ा हो जाना किसी नए काम के लिए चाबी मिल जाने की तरह होता है, बूढ़ा होना आपके जिंदगी में मजे लेने का अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है। उन्होंने और उनकी पत्नी ने अपने दिमाग को युवा रखने में कामयाबी हासिल की है। वे अपनी जिंदगी का अपने हिसाब से नेतृत्व कर रहे हैं। उनके शब्दों में वे 'खुश और व्यस्त जीवन' जी रहे हैं।
वे टाटा इंस्टीट्यूट में एक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर थे। रिटायरमेंट के बाद एक ऐसा वक्त आया था जब उन्हें लगने लगा कि वो थम से गए हैं, कुछ नया नहीं हो रहा लाइफ में। तब उनकी पत्नी ने सुझाव दिया कि उन्हें एक नई भाषा, अरबी सीखनी चाहिए। इसके बाद दोनों मियां बीवी ने मिलकर कॉलेज में एडमिशन ले लिया।
एक बहुत ही उम्दा कहावत है, उम्र बढ़ना तो नैसर्गिक है लेकिन बूढ़ा होना आपके हाथ में है। बढ़ती उम्र में भी जिंदगी को जिंदादिली से जी रहे हैं मुंबई के एक निवासी। जिंदगी आपको लगातार आश्चर्य में डालती रहती है। वहीं ये शख्स दूसरों को एकमात्र सलाह देते हैं कि बूढ़ा हो जाना किसी नए काम के लिए चाबी मिल जाने की तरह होता है, बूढ़ा होना आपके जिंदगी में मजे लेने का अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत है। क्योंकि आप जिंदगी सेटल कर चुके होते हैं, चिंतामुक्त हो चुके होते हैं। उन्होंवे और उनकी पत्नी ने अपने दिमाग को युवा रखने में कामयाबी हासिल की है। वे अपनी जिंदगी का अपने हिसाब से नेतृत्व कर रहे हैं। उनके शब्दों में वे 'खुश और व्यस्त जीवन' जी रहे हैं।
ये शख्स हुसैन टाटा इंस्टीट्यूट में एक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर थे। रिटायरमेंट के बाद एक ऐसा वक्त आया था जब उन्हें लगने लगा कि वो थम से गए हैं, कुछ नया नहीं हो रहा लाइफ में। तब उनकी पत्नी ने सुझाव दिया कि उन्हें एक नई भाषा, अरबी सीखनी चाहिए। इसके बाद दोनों मियां बीवी ने मिलकर कॉलेज में एडमिशन ले लिया। ये काफी अविश्वसनीय तो है लेकिन वह अपनी कक्षा में सबसे उम्रदराज छात्र हैं। उनकी ये प्यारी सी और प्रेरक कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे' नाम के एक फेसबुक पेज पर उनकी ये कहानी पोस्ट की गई थी।
वो इस फेसबुक पोस्ट में बताते हैं, "मैं 75 साल का हूं और सेवानिवृत्त जीवन का आनंद ले रहा हूं। मैंने एक खुश और व्यस्त जीवन का नेतृत्व किया है। कई सालों तक मैं टाटा इंस्टीट्यूट में एक इलेक्ट्रॉनिक अभियंता था, इसके बाद मैंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। मेरे पास एक खुशहाल पारिवारिक जीवन था। हम दो सगे भाई हैं, जिनकी दो सगी बहनों से शादी हुई थी। तो हमारा परिवार काफी छोटा सा है। मेरे बेटे में से एक ब्रिटेन में है, इसलिए हम अक्सर उनसे मिलने की यात्रा करते हैं। मेरी पत्नी और मैं लगातार कुछ नया करते रहते हैं। मुझे पढ़ने से प्यार है और मैंने हाल ही में फोटोग्राफी सीखना शुरू किया क्योंकि मैं बचपन से इस बारे में पैशनेट हूं।
कुछ महीने पहले, मेरी पत्नी और मैंने सोचा कि एक नई भाषा सीखना मजेदार होगा। इसलिए हमने अरबी पाठ्यक्रमों के लिए ऑनलाइन साइन अप किया। इतना मज़ा आया कि क्या बताएं, जब हमने बॉम्बे में एक भाषा संस्थान में खुद को नामांकित किया! तो एक हफ्ते में कई बार, हम अपने टिफ़िन पैक करते हैं और एक साथ कॉलेज में जाते हैं! पहले दिन, अन्य सभी छात्रों ने सोचा कि मैं प्रोफेसर हूं, क्योंकि क्लास में मैं सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हूं। लेकिन अब हम सभी अच्छे दोस्त हैं। हम 50 छात्र एक साथ अध्ययन कर रहे हैं और मेरी पत्नी और मैं हमारे बैच के 'सबसे कूल कपल' हैं। हम वास्तव में कॉलेज के छात्रों की तरह जवां महसूस करते हैं!
तो यह इसके बारे में है, यह एक सरल और मीठा जीवन है। एकमात्र सलाह जो मैं आपको दे सकता हूं, वह बढ़ती उम्र को अच्छी तरह बिताने की कुंजी है, सीखने और अपने मन को जवान रखने के लिए है। मेरी पत्नी और मैं, हमारे दिमाग को युवा रखने में कामयाब रहे हैं। हम लगातार नई चीजों को ट्राय कर रहे हैं और पहली बार अलग-अलग चीजों का सामना कर रहे हैं। यह रोमांचक है! जितना अधिक आप जीवन के प्रति उत्साह महसूस कर सकते हैं, उतना खुश रहेंगे। "
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