‘भारी जमाओं पर आईटीआर से पहले भी लग सकता है जुर्माना’
आयकर विभाग बैंक खातों में बड़ी राशि की ‘अस्पष्ट’ जमाओं पर सालाना आयकर रिटर्न :आईटीआर: दाखिल किए जाने से पहले ही 200 प्रतिशत तक का भारी जुर्माना लगा सकता है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य यही है कि पुराने नोटों को बदलने की 50 दिन की अवधि में लोग अपने कालेधन को वैध न बना सकें। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 8 नवंबर को 500 रपये व 1000 रपये के मौजूदा नोटों को चलन से बाहर कर दिया और ग्राहकों को 50 दिन का समय दिया ताकि वे अपने मौजूदा नोटों को बदल सकें। लेकिन सरकार नहीं चाहती कि इस छूट अवधि का इस्तेमाल कर लोग अपने काले धन को वैध बना लें। इसी तरह सरकार जन धन खातों में भारी राशि जमा किए जाने पर भी निगाह रखे हुये है। वह किसी भी अघोषित भारी नकदी जमा पर 200 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाएगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार की नोटबंदी की घोषणा के बाद उन लाखों जनधन खातों में भारी निवेश देखने को मिल रहा है जिन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ को लेने के लिए खोला गया था। अधिकारी ने कहा, ‘कर विभाग जन धन खातों में जमा राशि में उछाल के बारे में आंकड़े ले रहा है। वह आंकड़ों का विश्लेषण करेगा और किसी भी तरह की अघोषित उंची जमाओं के मामलांे में कर व 200 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जाएगा।’ मनी लांड्रिंग निरोधक कानून की धारा 12 के तहत कर विभाग रिजर्व बैंक सहित सभी बैंकों से सूचना मांग सकता है। अधिकारी ने कहा कि नोटों की अदला बदली के लिए उपलब्ध कराए गए 50 दिन के समय का दुरूपयोग न हो यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार सालाना आईटीआर भरने से पहले ही कर व जुर्माना लगा सकता है।