अडाणी न्यू इंडस्ट्रीज ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से भी ऊंचा विंड टर्बाइन लगाया
दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ति गुजरात (Gujarat) में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' है, और अब गुजरात में ही इस स्टैच्यू से भी ऊंचा एक विंड टर्बाइन लगाया गया है. यह देश में सबसे ऊंचा टर्बाइन होगा. यह टर्बाइन अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल- AEL) की स्वामित्व वाली मुंद्रा विंडटेक लिमिटेड (एमडब्ल्यूएल-MWL) द्वारा स्थापित किया गया है.
इस विंड टर्बाइन जनरेटर की हब ऊंचाई 120 मीटर है, जो 40 मंजिला इमारत के बराबर है.
200 मीटर लंबे पवन टर्बाइन की बिजली उत्पादन क्षमता 5.2 मेगावॉट है और यह लगभग 4,000 घरों को बिजली मुहैया करा सकता है.
यह 182 मीटर की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ से भी ऊंचा है. 78 मीटर के इसके ब्लेड, जंबो जेट के पंखों से भी बड़े है.
एमडब्ल्यूएल के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) मिलिंद कुलकर्णी के मुताबिक प्रोटो असेंबली 19 दिन के रिकॉर्ड समय में पूरी हो गई थी. इसे अब स्थापित और चालू किया गया है.
विंड टर्बाइन renewable energy का अच्छा स्रोत है. सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत ऊर्जा, बायोगैस, जैवईंधन, आदि नवींकरनीय ऊर्जा के स्त्रोत हैं. विंड टर्बाइन की मदद से हवा से ऊर्जा बनाई जाती है. हवा से इलेक्ट्रिसिटी बनाने के लिए पवनचक्की (Wind Turbines) का इस्तेमाल किया जाता है. सातवीं शताब्दी में पवनचक्की का इस्तेमाल मक्का पीसने के लिए और पानी खींचने के लिए किया जाता था. व्यावहारिक रूप में पवनचक्की का इस्तेमाल अफगानिस्तान और इरान के बीच के क्षेत्र में किया गया था.
विंड टर्बाइन में हवा की मदद से उत्पन्न की गई ऊर्जा को पवन ऊर्जा (wind energy) कहा जाता है. विंड टर्बाइन की मदद से हवा में जो काइनेटिक एनर्जी होती है उसे मैकेनिकल एनर्जी में कन्वर्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
विंड टर्बाइन electrical generators से जुडी होती है और वहीँ से electrical energy प्राप्त होती है. बिजली उत्पन्न होने के बाद सबस्टेशन की मदद से उसे आगे भेजा जाता है उपभोक्ता तक.
जिस जमीन पर विंड मिल्स या विंड टर्बाइन लगाया जाता है उस ज़मीन को खेती के लिए भी उपयोग में लाया जा सकता है.
पवन ऊर्जा से किसी भी प्रकार कोई प्रदूषण नहीं होता है, इसलिए यह प्रदूषण रहित ऊर्जा होती है जिसकी ज़रूरत आज हम सभी को है.
दुनिया में सबसे ज्यादा पवन ऊर्जा चीन में सबसे ज्यादा बिजली को उत्पन किया जाता है, जबकि भारत का स्थान चौथे नंबर पर आता है.