अंजलि के बाद देश की दूसरी महिला डिफेंस डिप्लोमैट बनीं कराबी गोगोई
हमारे देश में अब तक डिफेंस डिप्लोमैट के रूप में पुरुषों को ही नियुक्त करने की सैन्य शासकीय परंपरा रही है लेकिन अब वह मिथक टूट रहा है। गत सितंबर माह में अंजलि सिंह भारत की पहली महिला डिप्लोमैट नियुक्त हुई थीं। अब असम की कराबी गोगोई को दूसरी महिला डिप्लोमैट के रूप में असिस्टेंट नेवी अताशे बनाया गया है।
इंडियन नेवी ने अपने पहले महिला डिफेंस डिप्लोमैट को चुना है, जोकि दिसंबर से अपना पद सभालेंगी। अब तक केवल पुरुष ही इस पद पर तैनात होते थे। 2010 में इंजीनियरिंग नेवल कंस्ट्रक्शन कैडर में नेवी ज्वॉइन करने वाली असम निवासी लेफ्टिनेंट कमांडर कराबी गोगोई को इंडियन नेवी ने इंटरव्यू के बाद सिलेक्ट किया है। कर्नाटक के नेवल बेस कारवार में तैनात गोगोई को युद्धपोत निर्माण और उसकी देखरेख का काफी लंबा अनुभव भी है।
असिस्टेंट नेवी अताशे का पदभार संभालने के लिए उन्हें इंडियन नेवी जल्द ही मास्को (रूस) स्थित भारतीय दूतावास भेजने जा रही है। कराबी गोगोई किसी राजनीतिक जिम्मेदारी के लिए चुनी जाने वाली ऐसी दूसरी भारतीय महिला रक्षा अधिकारी हैं। विंग कमांडर अंजलि सिंह भारत की पहली महिला सैन्य राजनयिक बनी थीं।
लेफ्टिनेंट कमांडर गोगोई वर्तमान में नौसेना के कारवाड़ बेस पर नौसेना इंजीनियर का पदभार संभाल रही हैं। अपनी सैन्य ड्यूटी के साथ-साथ वह रूसी भाषा भी सीख रही हैं। संभावना है कि वह अगले महीने दिसंबर, 2019 तक मास्को में अपनी नई जिम्मेदारी संभाल लेंगी।
न्यूज एजेंसी 'भाषा' के मुताबिक, गोगोई को नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों के एक बोर्ड ने एक विशेष साक्षात्कार प्रक्रिया के बाद चुना है। गत सितम्बर में विंग कमांडर अंजलि सिंह विदेश में किसी भारतीय मिशन में तैनात होने वाली पहली महिला सैन्य राजनयिक बनी थीं।
मिग 29 लड़ाकू विमान पर प्रशिक्षित अंजलि सिंह मास्को स्थित भारतीय मिशन में डिप्टी एयर अताशे हैं। गौरतलब है कि गोगोई और सिंह की नियुक्ति ऐसे क्षेत्र में हुई है, जिस पर अब तक पारंपरिक तौर पर पुरुषों का प्रभुत्व रहा है।
रक्षा अताशे देश के रक्षा हितों की रक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विदेशों में विभिन्न भारतीय दूतावासों में 100 से अधिक रक्षा अताशे तैनात हैं। गोगोई 2010 में सैन्य सेवा में शामिल हुई थीं। उनके पति लेफ्टिनेंट कमांडर प्रांजल हांडिक भी एक नौसेना अधिकारी हैं।
कराबी गोगोई के चयन को असम के लिए गर्व का विषय बताया जा रहा है। गुवाहाटी (असम) में पली-बढ़ी लेफ्टिनेंट-कमांडर कराबी गोगोई को 2010 में नौसेना में कमीशन दिया गया था। अंजलि सिंह के बाद कराबी के डिप्लोमैट पद पर चयन से अन्य सैन्य बलों में तैनात महिला कर्मियों के लिए भी ऊंची उड़ान का मार्ग प्रशस्त हुआ है। एक तरह से भारतीय सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका गौरवपूर्ण है।
अभी इसी साल सितंबर 2019 में विंग कमांडर अंजलि सिंह विदेश में किसी भी भारतीय मिशन के लिए तैनात होने वाली भारत की पहली महिला सैन्य राजनयिक बन गई हैं। 10 सितंबर 2019 से इस समय वह रूस स्थित भारतीय दूतावास में ‘डिप्टी एयर अताशे’ का कार्यभार संभाल रही हैं। उन्होंने मिग-29 लड़ाकू विमान का प्रशिक्षण ले रखा है। वह एयरोनॉटिकल इंजीनियर एई (एल) अधिकारी हैं। वह विगत 17 वर्षों से सैन्य सेवा देती रही हैं।
उल्लेखनीय है कि एयर अताशे एक वायु सेना अधिकारी होता है, जो राजनयिक मिशन का हिस्सा है। एयर अताशे आमतौर पर विदेश में अपने देश के वायुसेना के प्रमुख का प्रतिनिधित्व करता है।