देश के छोटे विक्रेताओं के माध्यम से अमेज़न ने किया 200 करोड़ डॉलर से अधिक का एक्सपोर्ट
अमेज़न ने इसी के साथ छोटे विक्रेताओं को सस्ते लोन दिलाने के लिए भारतीय बैंकों से टाईअप भी किया है।
इसमें कोई दोराय नहीं है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने भारतीय विक्रेताओं के साथ नए विकल्पों को साझा किया है, जिससे उन्हे अपने उत्पादों को एक बड़े कस्टमर बेस तक पहुंचाने में मदद मिली है और इस काम में उनकी मदद के लिए अमेज़न अव्वल नंबर पर रहा है।
अमेज़न ने साल 2015 में भारत में ‘ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम’ लांच किया था। अब रायटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी के इस प्रोग्राम के जरिये 60 हज़ार से अधिक भारतीय विक्रेताओं ने 15 अमेज़न वेबसाइट्स पर अपने प्रॉडक्ट एक्सपोर्ट किए हैं।
अब भारत के छोटे और मध्यम विक्रेताओं के जरिये अमेज़न का एक्सपोर्ट 200 करोड़ डॉलर के भी अधिक हो गया है। जनवरी में जब अमेज़न के प्रमुख जेफ बेज़ोस भारत आए थे तब उन्होने कहा था कि अमेज़न भारत के छोटे और मध्यम व्यवसायों को डिजिटाइज करने के लिए 100 करोड़ डॉलर का निवेश करने जा रही है।
इसी दौरान बेज़ोस ने यह भी कहा था कि साल 2025 तक इन्ही विक्रेताओं के जरिये अमेज़न 1 हज़ार करोड़ डॉलर का भारतीय सामान एक्सपोर्ट करने का लक्ष्य बना रही है।
भारतीय उत्पादों के लिए विदेश में सबसे बड़ा बाज़ार अमेरिका है, जहां ब्लैक फ्राइडे, साइबर मंडे और प्राइम डे जैसे इवेंट बिक्री को बढ़ावा देते हैं।
अमेज़न ने इसी के साथ छोटे विक्रेताओं को सस्ते लोन दिलाने के लिए भारतीय बैंकों से टाईअप भी किया है। रायटर्स की रिपोर्ट की मानें तो 31 मार्च को खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में देश का कुल एक्सपोर्ट 53 हज़ार करोड़ डॉलर का रहा है।